सेंसर बोर्ड का सेंस ऑफ ह्यूमर भी कमाल का है! एकदम मस्त-मौला हाथी की तरह काम करता है यह. 'संस्कृति' की रक्षा में कभी-कभी यह Kissing सीन तक को भी काट देता है, लेकिन न जाने क्यों रेप सीन को हमेशा से OK करता आया है. अभी हाल में जेम्स बॉन्ड की फिल्म 'स्पेक्टर' पर सेंसर बोर्ड ने कैंची चलाई. कारण दिया - Kissing सीन कुछ ज्यादा लंबे थे, इसलिए काट कर उसे छोटा कर दिया!
खजुराहो और कामसूत्र की रचना जिस संस्कृति में हुई हो, वहां Kissing सीन पर बवाल समझ से परे है. वैसे मुद्दे से भटकने के बजाय बात को Kissing सीन पर ही फोकस रखा जाए तो बेहतर है. तो अब बात करते हैं बॉलीवुड फिल्मों की. ऐसा तो है नहीं कि हमारे यहां के दर्शक आज तक 'अति-उत्तेजित' कर देने वाले Kissing सीन से आंखे चार न किए हों. इमरान हाशमी से लेकर आमिर खान, करिश्मा कपूर माधुरी दीक्षित, विनोद खन्ना, ऋषि कपूर तक के Kissing सीन का 'आंखों-देखा' हाल दर्शक बता सकते हैं.
इतिहास के पन्ने थोड़ा और खंगालें तो चौंक जाएंगे. 1929 में एक फिल्म आई थी - अ थ्रो ऑफ डाइस (A Throw of Dice). यह एक साइलेंट मूवी थी. इसमें एक्टर सीता देवी और चारु रॉय के बीच लिप-लॉक हुआ था - कुएं पर पानी भरते हुए. चार साल बाद तकनीक उन्नत हो गई थी. साइलेंट फिल्मों को बोलती फिल्मों ने धकेल बाहर कर दिया था. तभी एक फिल्म आई - कर्मा. फिल्म में एक्टर देविका रानी और हिमांशू राय पर चार मिनट की लंबी Kissing सीन थी. बवाल बहुत हुआ था पर किसी भी बोर्ड की कैंची नहीं चली थी.
ये तो था इतिहास. अब बात वर्तमान की. काटने को तो आपने जेम्स बॉन्ड के Kissing सीन को काट दिया. लेकिन सोशल मीडिया के जमाने में ऐसा कुछ हो और सन्नाटा पसर जाए, ऐसा कैसे होगा... #SanskariJamesBond ट्विटर पर ट्रेंड कर गया. खुद देख लें लोग जेम्स बॉन्ड को कैसे-कैसे 'सेंसरीकृत' कर रहे हैं -
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