टॉलीवुड सुपरस्टार धनुष को कौन नहीं जानता. पहले कोलावरी डी गाने से उसके बाद रांझणा फिल्म की बदौलत धनुष ने दक्षिण भारत के बाद उत्तर भारत में भी अपना डंका बजा लिया. लेकिन हाल ही में सुपरस्टार रजनीकांत के इस दामाद की निजी जिंदगी एक मसालेदार फिल्म की स्क्रीप्ट की तरह हो गई है. मामला है धनुष के माता-पिता का. धनुष के अनुसार उनका असली नाम प्रभु कस्तूरी राजा है. उनके पिता तमिल फिल्मकार कस्तूरी राजा और माता विजयालक्ष्मी हैं.
धनुष की इस सीधी-सादी कहानी में ट्विस्ट तब आया जब तमिलनाडु के थिरूप्पुवनम नामक एक दूरदराज गांव में रहने वाले कथिरसेन और मीनाक्षी ने दावा किया कि धनुष उनके बेटे हैं. बुजुर्ग दपंति ने धनुष से अपने रखरखाव के लिए पैसे की भी मांग की है. इसके बाद धनुष के माता-पिता पर एक बहस हुई और नौबत अब ये आ गई कि मामला अदालत में चला गया है.
आइए जानें इस कॉन्ट्रोवर्सी की पूरी दास्तान-
पिछले साल 1 अक्टूबर को थिरूप्पुवनम के रहने वाले कथिरसेन और मीनाक्षी ने दावा किया कि धनुष उनका बेटा है जिसका असली नाम कल्लईचेल्वन है. 2002 में स्कूल में अच्छा नहीं करने के बाद वो घर छोड़ कर चला गया था और चेन्नई आकर 'धनुष' के नाम से फिल्मों में काम करने लगा. इस बाबत कथिरसेन और मीनाक्षी ने मेलूर के ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अपने दावे की पुष्टी के लिए इस दंपत्ति ने कुछ पुराने फोटोग्राफ और जन्म प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया. इनके मुताबिक धनुष सबसे बड़ा बेटा है और मदुरई के राजाजी अस्पताल में 7 नवंबर 1985 को उसका जन्म हुआ था.
दंपत्ति का कहना है कि- 'हमने उसका नाम कल्लईचेल्वन रखा था और मेलूर के एक स्कूल में उसका एडमिशन कराया था. दसवीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद हमने शिवगंगा जिले के एक स्कूल में...
टॉलीवुड सुपरस्टार धनुष को कौन नहीं जानता. पहले कोलावरी डी गाने से उसके बाद रांझणा फिल्म की बदौलत धनुष ने दक्षिण भारत के बाद उत्तर भारत में भी अपना डंका बजा लिया. लेकिन हाल ही में सुपरस्टार रजनीकांत के इस दामाद की निजी जिंदगी एक मसालेदार फिल्म की स्क्रीप्ट की तरह हो गई है. मामला है धनुष के माता-पिता का. धनुष के अनुसार उनका असली नाम प्रभु कस्तूरी राजा है. उनके पिता तमिल फिल्मकार कस्तूरी राजा और माता विजयालक्ष्मी हैं.
धनुष की इस सीधी-सादी कहानी में ट्विस्ट तब आया जब तमिलनाडु के थिरूप्पुवनम नामक एक दूरदराज गांव में रहने वाले कथिरसेन और मीनाक्षी ने दावा किया कि धनुष उनके बेटे हैं. बुजुर्ग दपंति ने धनुष से अपने रखरखाव के लिए पैसे की भी मांग की है. इसके बाद धनुष के माता-पिता पर एक बहस हुई और नौबत अब ये आ गई कि मामला अदालत में चला गया है.
आइए जानें इस कॉन्ट्रोवर्सी की पूरी दास्तान-
पिछले साल 1 अक्टूबर को थिरूप्पुवनम के रहने वाले कथिरसेन और मीनाक्षी ने दावा किया कि धनुष उनका बेटा है जिसका असली नाम कल्लईचेल्वन है. 2002 में स्कूल में अच्छा नहीं करने के बाद वो घर छोड़ कर चला गया था और चेन्नई आकर 'धनुष' के नाम से फिल्मों में काम करने लगा. इस बाबत कथिरसेन और मीनाक्षी ने मेलूर के ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अपने दावे की पुष्टी के लिए इस दंपत्ति ने कुछ पुराने फोटोग्राफ और जन्म प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया. इनके मुताबिक धनुष सबसे बड़ा बेटा है और मदुरई के राजाजी अस्पताल में 7 नवंबर 1985 को उसका जन्म हुआ था.
दंपत्ति का कहना है कि- 'हमने उसका नाम कल्लईचेल्वन रखा था और मेलूर के एक स्कूल में उसका एडमिशन कराया था. दसवीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद हमने शिवगंगा जिले के एक स्कूल में उसका एडमिशन कराया. लेकिन पढ़ाई छोड़कर कल्लईचेल्वन चेन्नई चला गया और धनुष के नाम से फिल्मों में काम करने लगा.' कथिरसेन और मीनाक्षी ने धनुष से 65,000 रूपए का गुजारा भत्ता भी मांगा.
इसके बाद इसी साल 25 जनवरी को धनुष ने मद्रास हाईकोर्ट में इस केस को खारिज करने के लिए याचिका दाखिल की. साथ ही उन्होंने मेलुर कोर्ट में चल रहे इस मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की थी.
अगले महीने 15 फरवरी को धनुष ने पैटर्निटी टेस्ट कराने से मना कर दिया और मामले में मोड़ तब आया जब मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने धनुष द्वारा प्रस्तुत किए गए स्कूल हस्तांतरण प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी को संदेहास्पद पाया. इसके पीछे कारण था कि सर्टिफिकेट में धनुष ने इसमें किसी भी पहचान के निशान का कोई भी उल्लेख नहीं किया था.
इसके बाद धनुष को अपने शरीर के पहचान चिन्हों की जांच के लिए 28 फरवरी को मद्रास उच्च न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया. वहीं धनुष के असली पिता होने का दावा करने वाले कथिरसेन ने धनुष द्वारा जमा किए गए सर्टिफिकेट के विरुद्ध एक शिकायत दाखिल किया. इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि धनुष द्वारा दिया गया जन्म प्रमाण फर्जी है क्योंकि इस प्रमाण पत्र में अभिनेता का नाम और पंजीकरण संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है. इसके अलावा, धनुष ने जो स्कूल हस्तांतरण प्रमाणपत्र कोर्ट में जमा किया उसमें उन्हें अनुसूचित जाति का माना गया है. जबकि फिल्म निर्माता कथुरी राजा (जिन्हें धनुष अपना पिता होने का दावा करते हैं) पिछड़ा वर्ग से संबंधित थे. कस्तूरी राजा नायकर समुदाय के अंतर्गत आते थे जो तमिलनाडु में पिछड़ा वर्ग माना जाता है.
28 फरवरी को धनुष अपनी मां विजयलक्ष्मी के साथ मद्रास उच्च न्यायालय उपस्थित होते हैं ताकि उनकी जन्म के निशान को सत्यापन किया जा सके. 20 मार्च को धनुष के बर्थ-मार्क यानि की जन्म के निशानों को मद्रास हाईकोर्ट में जमा किया जाता है. लेकिन इस रिपोर्ट ने धनुष के माता-पिता का राज खोलने के बदले इसे और उलझा दिया. रिपोर्ट में कहा गया कि- कथिरसेन ने अभिनेता के जिन जन्म पहचान चिन्हों का दावा अपनी याचिका में किया था वो धनुष के शरीर पर नहीं पाए गए. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया कि- डॉक्टरों ने पाया कि धनुष के शरीर से 'लेजर तकनीक का इस्तेमाल कर एक बड़े तिल को हटाया गया है. डर्मास्कोप के माध्यम से देखने पर इस ऑपरेशन का पता चला है.'
कथिरसेन की याचिका में कहा गया था कि धनुष के बाएं कॉलर बोन पर एक तिल था. मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया कि सर्जरी से एक छोटे से तिल को हटाया जा सकता है. साथ ही स्कार रिडक्शन सर्जरी यानि निशान हटाने वाली सर्जरी से उसके निशान भी मिटाए जा सकते हैं.
रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने 27 मार्च को इस केस के विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. अब देखना ये है कि टॉलीवुड के इस सुपरस्टार के लाइफ में आए इस कोलावरी डी का अंजाम क्या होता है. 'पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त'- शाहरुख खान की फिल्म का ये डायलॉग याद रखें और इंतजार करें इस मेलोड्रामा के रहस्य से पर्दा उठने का.
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