आकाश, सिड और समीर याद हैं? उस फिल्म के वे किरदार जिन्हें आज तक शायद ही कोई भुला पाया हो. 2001 में रिलीज हुई 'दिल चाहता है' कहने को केवल तीन घंटे की एक फिल्म थी, लेकिन इस फिल्म ने युवाओं को जिंदगी जीना सिखा दिया. प्यार, दोस्ती, इमोशन्स, और ताजगी को एक फिल्म में समेटकर फरहान अख्तर ने इस फिल्म के जरिए उस दौर की आम प्रेम कहानियों वाले ट्रेंड को तोड़ा था. इसे देखकर हर किसी ने अपने दिल की चाहतों को तवज्जो देनी शुरू की.
युवाओं की ऑल टाइम फेवरेट फिल्म है 'दिल चाहता है' |
इस फिल्म को देखकर लड़कों ने तो बहुत कुछ सीखा और बदला, जैसे - लाइफस्टाइल, आमिर खान की तरह होंठ के नीचे छोटी सी दाढ़ी, यारों के साथ आउटडोर ट्रिप... खासतौर पर गोवा के और एटिट्यूड में 'हम लोगों की ठोकर में है ये जमाना...'
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आमिर के इस लुक से लड़के बहुत इंस्पायर हुए थे |
लेकिन लड़कियों के लिए क्या? उन्होंने सिर्फ इस फिल्म को एन्जॉय किया. हां, प्रीति जिंटा के...
आकाश, सिड और समीर याद हैं? उस फिल्म के वे किरदार जिन्हें आज तक शायद ही कोई भुला पाया हो. 2001 में रिलीज हुई 'दिल चाहता है' कहने को केवल तीन घंटे की एक फिल्म थी, लेकिन इस फिल्म ने युवाओं को जिंदगी जीना सिखा दिया. प्यार, दोस्ती, इमोशन्स, और ताजगी को एक फिल्म में समेटकर फरहान अख्तर ने इस फिल्म के जरिए उस दौर की आम प्रेम कहानियों वाले ट्रेंड को तोड़ा था. इसे देखकर हर किसी ने अपने दिल की चाहतों को तवज्जो देनी शुरू की.
युवाओं की ऑल टाइम फेवरेट फिल्म है 'दिल चाहता है' |
इस फिल्म को देखकर लड़कों ने तो बहुत कुछ सीखा और बदला, जैसे - लाइफस्टाइल, आमिर खान की तरह होंठ के नीचे छोटी सी दाढ़ी, यारों के साथ आउटडोर ट्रिप... खासतौर पर गोवा के और एटिट्यूड में 'हम लोगों की ठोकर में है ये जमाना...'
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आमिर के इस लुक से लड़के बहुत इंस्पायर हुए थे |
लेकिन लड़कियों के लिए क्या? उन्होंने सिर्फ इस फिल्म को एन्जॉय किया. हां, प्रीति जिंटा के लुक्स और स्टाइल से भले ही उन्होंने कुछ सीखा हो, लेकिन इससे ज्यादा इस फिल्म ने उन्हें कुछ भी नहीं दिया. सिवाय एक टीस के, वो ये कि काश हम भी ऐसा कुछ कर पाते, काश! हम भी जिंदगी को खुलकर जी पाते... काश! हम भी जब मन किया बेफिक्र होकर घूमने निकल जाते... और भी बहुत सारे काश थे जो इस फिल्म के साथ जुड़े हुए.
फिल्म के बाद गोवा का चपोरा फोर्ट 'दिल चाहता है' फोर्ट के नाम से जाना जाने लगा |
पर 15 साल बाद आई इस खबर ने दिल की चाहतों को फिर जिंदा कर दिया है... खबर ये कि 'दिल चाहता है' का सीक्वल आ रहा है, और इस बार इसमें तीन लड़के नहीं बल्कि तीन लड़कियां होंगी. 'दिल चाहता है' फरहान अख्तर की डायरेक्टोरियल डेब्यू थी. फरहान की मानें तो आलिया भट्ट, परिणीति चोपड़ा और श्रद्धा कपूर ने 'दिल चाहता है-2' में काम करने की इच्छा जताई है, जिस पर फरहान गंभीरता से सोच रहे हैं. फिलहाल फिल्म की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन अगर फरहान के जहन में है तो पर्दे पर आने में भी देर नहीं लगेगी.
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पर इस बार ये उतना आसान नहीं होने वाला. जैसा कि फरहान अख्तर की फिल्में देखें तो वो मैन ओरिएंटिड होती है, 'जिंदगी मिलेगी न दोबारा' 'रॉक ऑन' वगैरह, दोस्तों की जिंदगियों से जुड़ी हुई. लड़कों की लाइफ का फलक बहुत ब्रॉड होता है, एडवेंचर, फन, आजादी के साथ-साथ करने को बहुत कुछ होता है, जिसे फरहान बखूबी पर्दे पर उतारते हैं. और दर्शक उससे रिलेट भी करते हैं. लेकिन लड़कियों के लिए नया क्या लाएंगे फरहान...
परिणिती चोपड़ा, आलिया भट्ट और ऋद्धा कपूर हो सकती हैं 'दिल चाहता है' के सीक्वल में |
अगर इस फिल्म को फरहान कुछ साल पहले लेकर आते तो शायद दिखाने के लिए बहुत कुछ होता, पर 15 सालों में तो लड़कियों ने भी खुद को बदल लिया. अब लड़कियों की जिंदगी भी ब्रॉड है. अब तो लड़कियां भी एडवेंचर ट्रिप्स पर जाती हैं, दोस्त साथ न भी हों तो अकेले सही, अरे बाइक पर ही दुनिया घूम लेती हैं लड़कियां. डिस्क, पब, दारू, डांस कुछ भी नया नहीं है अब लड़कियों के लिए. रही बात रिलेशनशिप्स की तो लड़कियों का स्टेटस भी अब कॉम्पलीकेटेड होने लगा है. वो भी बेफिक्रों की तरह अपनी लाइफ एन्जॉय करती हैं. और ब्रेकअप होने पर ब्रेकअप पार्टी भी देती हैं. जमाना बदल गया है.
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इस बार फरहान अख्तर को लड़कियों के लिए कुछ ऐसा सोचना होगा जो असंभव लगे, एडवेंचर का तड़का भी लगाना है तो एक लेवल ऊपर का. दुनिया घूमना आजकल लड़कियों के लिए कोई बड़ी बात नहीं रह गई. अपनी 'क्वीन' को ही ले लीजिए, शादी टूटने के बाद अकेले ही लंदन घूमने निकल पड़ी थीं. हां, अगर सउदी अरब जैसी कोई जगह हो, तो वो रियल एडवेंचर हो सकता है. पिछली फिल्म में तो फरहान उस संजीदा सी प्रेम कहानी को एक हैप्पी एंडिंग भी नहीं दे पाए थे जिसमें अक्षय खन्ना यानी सिड को अपने से बड़ी उम्र की महिला के साथ प्यार हो जाता है और आखिर में उस महिला की मौत ने फिल्म को एक शॉकिंग एंड पर ला दिया था. पर इस बार तो कुछ भी संभव है, अगर वो समलैंगिक संबंध भी दिखाएंगे तो भी आश्चर्य नहीं होगा, क्योंकि अब लड़कियों को उसमें भी कोई परहेज नहीं.
डिंपल कपाड़िया और अक्षय खन्ना के प्यार को मंज़िल नहीं मिल पाई थी |
फरहान की फिल्मों में एक फैक्टर जरूर होता है, वो ये कि इनकी फिल्में सच्चाई के बहुत करीब होती हैं. (इतनी सच कि सितारों से गाने भी खुद ही गवाते हैं), हर दर्शक इन फिल्मों के किरदारों में खुद को देखता है. जाहिर सी बात है, इस बार जब लड़कों की जगह लड़कियां लेंगी तो फरहान को बहुत सोचना पड़ सकता है. लेकिन 15 साल बाद जब लड़कियां भी लड़कों की तरह आजाद खयालात की हैं, तो फरहान ऐसा क्या नया लाएंगे जो लड़कियों की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा... सोचने वाली बात यही है!
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