हम भारत के रियलिटी शो रोडीज या बिग बॉस में होने वाली बदतमीजियों से परेशान हो उठते हैं. फियर फैक्टर देखकर डर जाते हैं. तो रूस का हंगर गेम देखकर क्या कहेंगे. जिसमें रेप और हत्या की भी इजाजत है.
कंपटीशन का जमाना है, जिधर देखो उधर खुद को एक दूसरे से बेहतर सिद्ध करने की होड़ लगी हुई है. अब रियलटी शो को ही ले लीजिए, भारत हो या विदेश, टीआरपी चाहिए तो कोई भी कुछ भी करने को तैयार बैठा है. सच्चाई ये है कि जिसका स्तर जितना नीचे गिरा उसकी टीआरपी उतनी बढ़ी. इसका एक सटीक उदाहरण है बिग बॉस.
भारत में फिरभी आप एक स्तर तक ही गिर सकते हैं, लेकिन रूस के एक रियलिटी शो ने तो अब सारी हदें पार कर दी हैं. ये है हंगर गेम, यहां सब कुछ एलाउड है- सबकुछ मतलब झगड़ा, शराब, सिगरेट, और कत्ल और बलात्कार जैसे अपराध भी. ये शो इस साल जुलाई में शुरू होने जा रहा है.
रियलिटी शो का बाप है ये
शो का नाम है 'गेम 2- विंटर', इसमें कुल मिलाकर 30 महिला और पुरुष प्रतिभागी शामिल होंगे. इनका उद्देश्य होगा भेड़िये और भालुओं से भरे जंगली इलाकों में 9 महीने तक जिंदा बचे रहना. 900 हैक्टेयर के इलाके में 2000 कैमरे होंगे जो 30 जिंदगियों पर नजर रखेंगे और जीतने वाले को मिलेगा 1.6 मिलियन डॉलर का ईनाम. ये शो पूरी दुनिया में ऑनलाइन दिखाया जाएगा.
प्रतिभागियों को इस बारे में पूरी जानकारी है कि उनके साथ क्या-क्या हो सकता है और सबकुछ जानते बूझते वो लोग इस शो में हिस्सा ले रहे हैं. उनसे बाकायदा इस बात पर हस्ताक्षर कराया जाएगा कि उनका रेप या हत्या हो सकती है. प्रतियोगियों को साथ में चाकू रखने की इजाजत...
हम भारत के रियलिटी शो रोडीज या बिग बॉस में होने वाली बदतमीजियों से परेशान हो उठते हैं. फियर फैक्टर देखकर डर जाते हैं. तो रूस का हंगर गेम देखकर क्या कहेंगे. जिसमें रेप और हत्या की भी इजाजत है.
कंपटीशन का जमाना है, जिधर देखो उधर खुद को एक दूसरे से बेहतर सिद्ध करने की होड़ लगी हुई है. अब रियलटी शो को ही ले लीजिए, भारत हो या विदेश, टीआरपी चाहिए तो कोई भी कुछ भी करने को तैयार बैठा है. सच्चाई ये है कि जिसका स्तर जितना नीचे गिरा उसकी टीआरपी उतनी बढ़ी. इसका एक सटीक उदाहरण है बिग बॉस.
भारत में फिरभी आप एक स्तर तक ही गिर सकते हैं, लेकिन रूस के एक रियलिटी शो ने तो अब सारी हदें पार कर दी हैं. ये है हंगर गेम, यहां सब कुछ एलाउड है- सबकुछ मतलब झगड़ा, शराब, सिगरेट, और कत्ल और बलात्कार जैसे अपराध भी. ये शो इस साल जुलाई में शुरू होने जा रहा है.
रियलिटी शो का बाप है ये
शो का नाम है 'गेम 2- विंटर', इसमें कुल मिलाकर 30 महिला और पुरुष प्रतिभागी शामिल होंगे. इनका उद्देश्य होगा भेड़िये और भालुओं से भरे जंगली इलाकों में 9 महीने तक जिंदा बचे रहना. 900 हैक्टेयर के इलाके में 2000 कैमरे होंगे जो 30 जिंदगियों पर नजर रखेंगे और जीतने वाले को मिलेगा 1.6 मिलियन डॉलर का ईनाम. ये शो पूरी दुनिया में ऑनलाइन दिखाया जाएगा.
प्रतिभागियों को इस बारे में पूरी जानकारी है कि उनके साथ क्या-क्या हो सकता है और सबकुछ जानते बूझते वो लोग इस शो में हिस्सा ले रहे हैं. उनसे बाकायदा इस बात पर हस्ताक्षर कराया जाएगा कि उनका रेप या हत्या हो सकती है. प्रतियोगियों को साथ में चाकू रखने की इजाजत होगी और उन्हें खुद को सुरक्षित रखे जाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
हालांकि उन्हें ये भी बताया गया है कि अपराधियों पर रूस के कानून लागू होगा और पुलिस किसी को भी शो से गिरफ्तार कर सकती है. किसी के साथ कुथ भी हो, तो जिम्मेदारी शो बनाने वालों की नहीं होगी.
विदेशी मीडिया का प्रोग्रेसिव सोच
अब तक देखा गया है कि विदेशी मीडिया अपने रियलिटी शो को लेकर काफी प्रोग्रेसिव रहा है. डेटिंग शो के कई स्तर देखे गए हैं. जैसे चैनल 4 का 'नेकेड एट्रेक्शन', जिसमें प्रतिभागी अपनी डेट इस आधार पर चुनते थे कि वो नग्न कैसे दिखाई देते हैं. 2014 में अमेरिका में 'नेकेड एंड एफ्रेड' ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं, जिसे डिस्कवरी चैनल पर दिखाया गया था. ये शायद पहली बार था कि टीवी पर इस तरह न्यूडिटी परोसी गई, हालांकि प्राइवेट पार्ट्स को ब्लर कर दिया गया था.
इस शो के अब तक 5 सीजन आ चुके हैं. फिर इसके बाद तो ऐसे शो बढ़ते ही गए जैसे 'डेटिंग नेकेड', 'बाइंग नेकेड', 'नेकेड जंगल, 'अनड्रेस्ड' (जो फिलहाल टीएलसी भारत पर भी दिखाई दे रहा है), इसमें प्रतिभागी एक दूसरे के कपड़े उतारते हैं और 30 मिनट एक बिस्तर पर एक दूसरे के सावालों के उत्तर देते हुए बिताते हैं.
पर गेम 2- विंटर ने तो न्यूडिटी के स्तर को भी मात दे दी, क्योंकि यहां कोई बंदिशें ही नहीं हैं. सही मायने में तो ये रियलिटी ही है. पर एक बात अब भी समझ से परे है. वो ये कि रूस के टीवी और इंटरनेट पर होने वाले प्रसारणों पर निगरानी रखने वाली कंपनी Roskomnadzor को इंटरनेट पर पोर्न साइट्स से तो ऐतराज है (हाल ही में तीन बड़ी पोर्न वेबसाइट्स को ब्लॉक किया और कारण दिया गया कि इससे मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है), लेकिन इस तरह के बेहद हिंसक कार्यक्रमों से जरा भी नहीं. क्या 24X7 ऑनलाइन दिखाया जाने वाला ये कार्यक्रम लोगों के मस्तिष्क पर असर नहीं करेगा? खैर समझ अपनी अपनी... दर्शकों को मनोरंजन के नाम पर अच्छा- बुरा कुछ भी परोसो, मकसद सिर्फ एक टीआरपी की रेस में सबसे अव्वल होना, पर इस रेस में कोई इस स्तर तक भी सोच सकता है ये किसी ने नहीं सोचा था.
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