ऋतिक रोशन की फिल्म काबिल 25 जनवरी को रीलीज हुई. एक तरफ फिल्म को जहां दमदार एक्टिंग और स्टोरी के लिए सराहा जा रहा है तो दूसरी तरफ उसकी आलोचना भी हो रही है. आलोचना का कारण क्या है?
फिल्म में हिरोईन यामी गौतम का रेप होता है. वो ऋतिक की पत्नी के किरदार में हैं. पूरी फिल्म इसी प्लॉट बनी है. ऋतिक अपनी पत्नी के रेपिस्टों से बदला लेते हैं. लेकिन साथ-साथ वो अपनी पत्नी को हर पल इस बात का एहसास कराना नहीं भूलते कि अब वो 'पवित्र' नहीं रही. ऋतिक अपनी पत्नी को इस घटना के बाद स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. वो खाना नहीं खाते, पत्नी से बात नहीं करते, हमेशा उदास रहते हैं. इससे यामी को विश्वास हो जाता है कि वो 'पीड़िता नहीं बल्कि खुद अपराधी' है! और जैसा कि हर 'रेप पीड़ित अपराधी' को करना चाहिए वो भी आत्महत्या कर लेती है! इसके बाद भी कभी हीरो को एक बार भी ये एहसास नहीं होता कि उसकी पत्नी के आत्महत्या का कारण रेप नहीं बल्कि वो है.
ऋतिक रोशन की फिल्म काबिल 25 जनवरी को रीलीज हुई. एक तरफ फिल्म को जहां दमदार एक्टिंग और स्टोरी के लिए सराहा जा रहा है तो दूसरी तरफ उसकी आलोचना भी हो रही है. आलोचना का कारण क्या है?
फिल्म में हिरोईन यामी गौतम का रेप होता है. वो ऋतिक की पत्नी के किरदार में हैं. पूरी फिल्म इसी प्लॉट बनी है. ऋतिक अपनी पत्नी के रेपिस्टों से बदला लेते हैं. लेकिन साथ-साथ वो अपनी पत्नी को हर पल इस बात का एहसास कराना नहीं भूलते कि अब वो 'पवित्र' नहीं रही. ऋतिक अपनी पत्नी को इस घटना के बाद स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. वो खाना नहीं खाते, पत्नी से बात नहीं करते, हमेशा उदास रहते हैं. इससे यामी को विश्वास हो जाता है कि वो 'पीड़िता नहीं बल्कि खुद अपराधी' है! और जैसा कि हर 'रेप पीड़ित अपराधी' को करना चाहिए वो भी आत्महत्या कर लेती है! इसके बाद भी कभी हीरो को एक बार भी ये एहसास नहीं होता कि उसकी पत्नी के आत्महत्या का कारण रेप नहीं बल्कि वो है.
इसके बाद 1993 में मीनाक्षी शेषाद्री की कल्ट फिल्म दामिनी आई. इस फिल्म में भले ही मीनाक्षी ने अपने घर में काम करने वाली लड़की के इंसाफ की लड़ाई लड़ी. पर सच्चाई यहां भी वही रही. फिल्म में मीनाक्षी के पति का रोल करने वाले ऋषि कपूर को इस बात से दिक्कत थी कि उसकी बीवी आखिर घर की नौकरानी के लिए क्यों अपना परिवार बर्बाद कर रही है!
1997 में रानी मुखर्जी ने अपने डेब्यू फिल्म राजा की आएगी बारात में जो किरदार निभाया वो अपने रेपिस्ट से ही शादी करती है. इतना ही नहीं अपने रेपिस्ट पति और उसके घरवालों का प्यार और सम्मान पाने के लिए दिन-रात एक भी कर देती है! दूसरी तरफ उसका अपराधी, जो अब उसका पति भी है, उसे मारने के तरीके अपनाता है. फिल्म के अंत में रानी के पति का प्लान उल्टा पड़ जाता है और जिस सांप को रानी को डसने के लिए भेजता है वो उसे ही डस लेता है. तब रानी ही सारा जहर चूस लेती है और अपने पति-परमेश्वर की जान बचाती है. बस फिर क्या था रेपिस्ट पति को एहसास होता है कि मेरी बीवी का जवाब नहीं और उससे प्यार करने लगता है!
अगर आज भी हम रेप पीड़िता को एक अछूत की तरह ही दिखाएंगे तो क्या फायदा हमारे टेक्नीकली एडवांस होने का. या इतना पढ़ने का. काबिल की आलोचना भी इसी वजह से हो रही है कि अब लोग थोड़े बदले हैं और इस तरह की घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया देने से गुरेज नहीं करते.
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