गणेश चतुर्थी के लिए मूर्तिकार कितना क्रियेटिवली सोचते हैं, ये गणेश उत्सव में हर वर्ष हमें देखने मिलता है. कला के साथ-साथ दिमाग का भी बखूबी इस्तेमाल करते हैं हमारे देश के मूर्तिकार. अब तक मूर्तियों की भव्यता को ही सबसे अच्छी मूर्ती माना जाता था, लेकिन अब ट्रेन्ड थोड़ा बदल गया है, जी हां, मूर्तियां भव्य न होकर रोचक बनाई जा रही हैं. और हर साल हमें ऐसी ही रोचक मूर्तियां देखने को मिलती हैं.
मूर्तिकार देश में चल रही हालिया घटनाओं, मुद्दों, और लोगों की पसंद को ध्यान में रखकर मूर्तियां बनाते हैं. तो लोगों में सेल्फी के क्रेज को देखते हुए, हमारे भगवान गणेश का परिवार भला कैसे पीछे रहता, देखिए जरा बाकायदा सेल्फी स्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं भगवान गणेश. तो कैसी लगी गणेश जी के परिवार की ये पिक्चर परफैक्ट?
पिक्चर परफैक्ट ! |
गणेश चतुर्थी के लिए मूर्तिकार कितना क्रियेटिवली सोचते हैं, ये गणेश उत्सव में हर वर्ष हमें देखने मिलता है. कला के साथ-साथ दिमाग का भी बखूबी इस्तेमाल करते हैं हमारे देश के मूर्तिकार. अब तक मूर्तियों की भव्यता को ही सबसे अच्छी मूर्ती माना जाता था, लेकिन अब ट्रेन्ड थोड़ा बदल गया है, जी हां, मूर्तियां भव्य न होकर रोचक बनाई जा रही हैं. और हर साल हमें ऐसी ही रोचक मूर्तियां देखने को मिलती हैं. मूर्तिकार देश में चल रही हालिया घटनाओं, मुद्दों, और लोगों की पसंद को ध्यान में रखकर मूर्तियां बनाते हैं. तो लोगों में सेल्फी के क्रेज को देखते हुए, हमारे भगवान गणेश का परिवार भला कैसे पीछे रहता, देखिए जरा बाकायदा सेल्फी स्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं भगवान गणेश. तो कैसी लगी गणेश जी के परिवार की ये पिक्चर परफैक्ट?
लोगों में इस बार बाहुबली का जादू भी सर चढ़कर बोल रहा था, फिल्म में बाहुबली को जिस तरह कंधे पर शिवलिंग उठाए दिखाया गया है, ठीक वैसे ही गणेश जी ने अपने कंधे पर उठा रखा है, गणेश जी की ये प्रतिमाएं लगभग हर जगह देखने को मिल रही हैं. यही नहीं, बाहुबली की ही तरह गणेश भगवान घोडे पर भी बैठे दिखाई दे रहे हैं.
फिल्म शोले ने 40 साल पूरे किए हैं, इस बात को सैलीब्रेट करने के लिए एक कलाकार ने गणेश जी को गब्बर ही बना दिया. देखिए किस तरह उनके वाहन मूषक उनके साथियों का रोल निभा रहे हैं, और भगवान गणेश का अंदाज कुछ ऐसा है जैसे पूछ रहे हों..कितने आदमी थे?
ऐसा पहली बार नहीं हैं कि गणेश मूर्तियां क्रिएटिव सोच के साथ बनाई गई हों, हर साल हमारे आर्टिस्ट नई सोच के साथ कुछ न कुछ नया लेकर आते हैं और भक्तों का हुजूम अपने प्रिय भगवान को देखने उमड़ पड़ता है.
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