ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख आ गई है. 31 जुलाई तक सभी को इनकम टैक्स रिटर्न भरना है. अब अगर आप पहले भी ये भर चुके हैं तो आपको कुछ नए नियम जानने होंगे. इनकी जानकारी हम पहले भी आपको दे चुके हैं. आज बात करते हैं उन सभी जरूरी दस्तावेजों यानी की डॉक्युमेंट्स की जिन्हें ITR फाइल करते समय ध्यान से मेंशन करना होता है.
1. फॉर्म 26AS
अगर आपको इस फॉर्म के बारे में नहीं पता तो आपको बता दूं कि इस फॉर्म के जरिए आपको नोटिस भी आ सकता है. अगर आपके फाइल किए हुए रिटर्न में और इस फॉर्म में कुछ अंतर समझ आया तो कार्यवाही के लिए तैयार रहें. अगर आपने अभी तक एक भी बार रिटर्न फाइल नहीं किया है तो इसमें कोई एंट्री नहीं दिखेगी. आप पहली बार रिटर्न भरने के लिए किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं.
क्या है ये फॉर्म?
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 203AA के अंतरगत इस फॉर्म को लॉन्च किया गया है और इसमें वो सारी जानकारी होती है जिसमें TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स), बैंक इंट्रेस्ट, किराएदारों का रेंट और बाकी सभी चीजों की जानकारी होती है जहां आपका टैक्स कटा है.
अगर आपने एडवांस में टैक्स भर दिया है तो फॉर्म 26AS देखकर आप टैक्स रिफंड क्लेम कर सकते हैं.
क्यों जरूरी है ये फॉर्म?
अगर आप टैक्स रिफंड फाइल करने जा रहे हैं तो आपको टैक्स क्रेडिट की पूरी जानकारी इस फॉर्म से मिल जाएगी. इसका मतलब गलती होने की गुंजाइश कम रहेगी.
कहां मिलेगा ये फॉर्म..
अगर आपका अकाउंट ईफाइलिंग वेबसाइट (इनकम टैक्स ईफाइलिंग वेबसाइट) पर है...
ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख आ गई है. 31 जुलाई तक सभी को इनकम टैक्स रिटर्न भरना है. अब अगर आप पहले भी ये भर चुके हैं तो आपको कुछ नए नियम जानने होंगे. इनकी जानकारी हम पहले भी आपको दे चुके हैं. आज बात करते हैं उन सभी जरूरी दस्तावेजों यानी की डॉक्युमेंट्स की जिन्हें ITR फाइल करते समय ध्यान से मेंशन करना होता है.
1. फॉर्म 26AS
अगर आपको इस फॉर्म के बारे में नहीं पता तो आपको बता दूं कि इस फॉर्म के जरिए आपको नोटिस भी आ सकता है. अगर आपके फाइल किए हुए रिटर्न में और इस फॉर्म में कुछ अंतर समझ आया तो कार्यवाही के लिए तैयार रहें. अगर आपने अभी तक एक भी बार रिटर्न फाइल नहीं किया है तो इसमें कोई एंट्री नहीं दिखेगी. आप पहली बार रिटर्न भरने के लिए किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं.
क्या है ये फॉर्म?
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 203AA के अंतरगत इस फॉर्म को लॉन्च किया गया है और इसमें वो सारी जानकारी होती है जिसमें TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स), बैंक इंट्रेस्ट, किराएदारों का रेंट और बाकी सभी चीजों की जानकारी होती है जहां आपका टैक्स कटा है.
अगर आपने एडवांस में टैक्स भर दिया है तो फॉर्म 26AS देखकर आप टैक्स रिफंड क्लेम कर सकते हैं.
क्यों जरूरी है ये फॉर्म?
अगर आप टैक्स रिफंड फाइल करने जा रहे हैं तो आपको टैक्स क्रेडिट की पूरी जानकारी इस फॉर्म से मिल जाएगी. इसका मतलब गलती होने की गुंजाइश कम रहेगी.
कहां मिलेगा ये फॉर्म..
अगर आपका अकाउंट ईफाइलिंग वेबसाइट (इनकम टैक्स ईफाइलिंग वेबसाइट) पर है तो उसके जरिए भी आपको ये फॉर्म मिल सकता है. इसके अलावा, TRACES वेबसाइट http://contents.tdscpc.gov.in पर आपको ये फॉर्म मिल जाएगा. इस फॉर्म को खोलने का पासवर्ड आपकी डेट ऑफ बर्थ होगी.
ध्यान रहे कि इसके लिए आपको पैन कार्ड डिटेल्स देनी होंगी और रिटर्न फाइल करने के लिए आधार कार्ड से लिंक करना होगा.
2. फॉर्म 16
अगर आप कर्मचारी हैं और आपको मंथली सैलरी मिलती है तो फॉर्म 16 आपको आपके एम्प्लॉयर से मिल जाएगा. अगर 1 साल में आपने 1 से अधिक कंपनियों में काम किया है तो फॉर्म 16 एक से अधिक होंगे.
3. कैपिटल गेन...
अगर आपने किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट किया है, कोई प्रॉपर्टी बेची है या ऐसे ही किसी जरिए से आपकी कमाई हुई है तो आपको ITR फाइल करने से पहले इसकी जानकारी भी देनी होगी.
4. सेक्शन 80 के इन्वेस्टमेंट प्रूफ...
शायद इसके बारे में बताने की जरूरत नहीं. इसके बारे में सभी को पता होता है. PPF, NSC, LIPS, ELSS, LIC जैसी किसी भी इन्वेस्टमेंट का प्रूफ आपके पास होना चाहिए. इसमें स्कूल फीस और रेंट भी दिया जाता है.
5. बाकी इन्वेस्टमेंट प्रूफ...
अगर आपने घर के लिए लोन लिया है या फिर एजुकेशन लोन लिया है. किसी तरह के स्टॉक में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उससे जुड़े सभी दस्तावेज भी आपके पास होने चाहिएं.
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