8 नवबंर से पूरे देश में लोग पैसे के लिए परेशान हैं. ऐसा लग रहा है जैसे भारत आर्थित तंगी से जूझ रहा है. सोशल मीडिया पर भी इसके बाद से कई खुलासे हो रहे हैं. किसी के घर के बाथरूम से पैसे निकल रहे हैं, तो कहीं किसी घर में बीवी ने साड़ी के कवर में नोट छिपा रखा था. लोग इतने परेशान हैं कि कल ट्विटर पर भ्रष्टाचारी मस्त जनता त्रस्त हैशटैग भी ट्रेंड हो रहा था. अब सवाल ये है कि आखिर क्या हो रहा है इस स्कीम का? क्या इतनी प्रताड़ना जो जनता झेल रही है वो वाकई देश के हित में है? क्या इससे काले धन धारियों को कोई तकलीफ हो भी रही है या फिर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा.
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फिलहाल इस मामले में हुए नए ऐलान...
- मोदी ने ये घोषणा कर दी है कि 24 नवंबर तक अब हॉस्पिटल, पेट्रोल पंप जैसी जरूरी जगहों पर 500 और 1000 के नोट चलेंगे. - ATM से अब 2500 रुपए और बैंकों से 4500 रुपए निकाले जा सकेंगे.- मोदी के अनुसार अगले 50 दिनों में देश का भला होगा.- जेटली के अनुसार ATM सही से काम करने में अभी दो-तीन हफ्ते का समय लग जाएगा.
क्या है हालात-
* लोग हो रहे परेशान-
सबसे पहले महानगरों की बात करते हैं. दिल्ली में हालत ये है कि जनाब कल मैं तीन एटीएम की लाइन में लगी और तीसरे से जब मैंने पैसे निकाले तब ऐसा लग रहा हो मानो पहली सैलरी हाथ में लिए खड़ी हूं. मुंबई से एक जान पहचान वाले का कहना है कि उसके पास करीब 22 नोट हैं 500 के और जो लोग उधार लेकर गए थे सभी 500 के नोट की शक्ल में वापस ले रहे हैं. कहने को तो 6 हजार रुपए हैं, लेकिन खाना लेने के लिए ATM की लाइन में लगना पड़ा क्योंकि सिर्फ 40 रुपए ही बचे थे.
सांकेतिक फोटो |
नागपुर में तो ATM की लाइन में खड़ी एक दोस्त ने सीधे दंगे की शक्ल देखी. लोग लाइन के लिए लड़ रहे थे और पैसे खत्म होते ही एक दूसरे से झगड़ने लगे. दोष देने के बीच किसी ने हाथ उठा दिया तो झगड़ा हो गया. शुक्र है कोई हताहत नहीं हुआ और ना ही बड़ा बवाल हुआ. भोपाल से सिहोर तक 40 किलोमीटर तक के एरिया में सभी एटीएम बंद हैं. क्या हालत है उसका अंदाजा आप इस पोस्ट से लगाइए.
लखनऊ में तो लोगों के और भी बुरे हाल हैं. आधे से ज्यादा एटीएम काम नहीं कर रहे और शादियों वाले घरों में दिक्कत हो रही है. कुल मिलाकर जनता त्रस्त है और लोग इतने परेशान हैं कि जिन लोगों ने 8 नवंबर को मोदी के इस निर्णय की तारीफ की थी वो भी अब 100 के नोट खत्म होने पर मोदी विरोधी बन गए हैं.
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* कहीं मौत कहीं मातम-
इस सबके बीच कुछेक बहुत बुरी खबरें भी सामने आई हैं. मुंबई में एक बच्चे की मौत सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि अस्पताल ने उसके इलाज के लिए 500 रुपए के नोट लेने से मना कर दिया था. सरकार के आदेश के बावजूद उस अस्पताल ने ऐसा किया और इसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए. इसके अलावा, एक महिला को सिर्फ इसलिए हार्टअटैक आ गया क्योंकि बैंक की तरफ से उसे गलत संदेश दिया गया था कि 1000 के नोट नहीं बदले जाएंगे. एक बुजुर्ग व्यक्ति की मृत्यु बैंक की कतार में लगे हुए हो गई. ये बात साफ है कि बैंकों को सीनियर सिटिजन के लिए कोई इंतजाम करना चाहिए था. पीएम ने अब ये घोषणा की है कि सीनियर सिटिजन के लिए अलग लाइन होगी. ये अगर उसी दिन से हो जाती तो कई लोगों को दिक्कत नहीं होती.
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* हो रहा है नोटों का धंधा-
मध्यप्रदेश के एक छोटे जिले बैतूल से नाम ना बताने की शर्त पर मुझे ये खबर सुनने को मिली की यहां कैश 1 लाख के बदले 70 हजार में मिल रहा है. मतलब 1 लाख रुपए के 500-1000 के नोट लाइए और उसके बदले 100 रुपए के नोट ले जाइए. 30,000 रुपए कमीशन था जी. क्या ये खबर सही है? काफी कोशिशों के बाद भी इसका पता मैं नहीं लगा पाई, लेकिन बात चौंकाने वाली थी. क्या ये असली 100 के नोट हैं? क्या वाकई अब इसका भी गोरखधंधा शुरू हो गया है? आरबीआई और मोदी जी इसके बारे में क्या करेंगे?
* रिश्वत लेना हुआ कम!
भोपाल से एक और पहचानने वाले का मैसेज पढ़कर तो जनाब ऐसा लगा जैसे अब 1947 वाला दौर आ गया है. सरकारी दफ्तर में रिश्वत नहीं मांगी गई. जी हां, लोग शायद इस हफ्ते अपने पहले से ली गई रिश्वत को ठिकाने लगाने की कोशिश में हैं. तभी ऐसा हुआ होगा. देशा का भष्ट्राचार एकदम से कम सा लगने लगा. अब हर जगह ये हालत है या नहीं पता नहीं, लेकिन एक पल के लिए खुशी जरूर हुई.
इसी के साथ एक खबर ये भी आई की वाराणसी में एक बच्चे को किडनैपर्स ने बिना फिरौती लिए ही रिहा कर दिया. किडनैपर्स ने 8 नवंबर को वाराणसी से संकल्प नाम के एक 14 साल के लड़के को उठाया था जिसे रविवार को छोड़ दिया. चलो कुछ तो अच्छा हुआ.
इसी बीच कुछ सवाल लोग सोशल मीडिया पर, चौराहे पर और फोन पर पूछ रहे हैं जैसे क्या सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया था? क्यों एटीएम में इतनी जल्दी पैसे खत्म हो रहे हैं? क्यों नए नोट नहीं डाले जा रहे ताकी ज्यादा पैसे निकलें? आदि, तो उनके जवाब कुछ ऐसे हैं.
********* क्यों ATM में इतनी जल्दी हो रहा है कैश खत्म*********
इस दौरान होने वाली समस्याओं में से सबसे बड़ी ये है कि ATM में कैश खत्म हो रहा है. आखिर इतनी जल्दी क्यों ATM खाली हो रहे हैं. एक ATM की कैपेसिटी 12 लाख से 37 लाख तक हो सकती है. फिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गई बैंकों को की कैश दो-तीन घंटों में खत्म हो रहा है.
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दरअसल एटीएम ड्रॉअर जिसे कैसेट कहा जाता है पैसों से भरी जाती है. कुछ एटीएम में चार कैसेट होती हैं कुछ में तीन और कुछ में दो. इससे पहले इसमें 1000 और 500 रुपए के नोट से दो कैसेट भरी जाती थीं और दो कैसेट 100 रुपए के नोट की होती थीं. जो एटीएम सिर्फ तीन या दो कैसेट की कैपेसिटी वाले थे उनमें 1 ही कैसेट 100 के नोट की होती थी. एक कैसेट में अधिकतम 2000 नोट आ सकते हैं.
अब जरा सोचिए जिस एटीएम में एक या दो कैसेट ही 100 रुपए के नोट वाली होंगी वो एटीएम जल्दी खाली तो होगा ही ना. इसलिए एटीएम आउट ऑफ कैश हो रहे हैं या कई जगहों पर 125 ट्रांजेक्शन करने के बाद खराब हो जा रहे हैं.
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*********क्यों जल्दी नहीं डाले जा सकते नए नोट*********
क्योंकि हर कैसेट को एक निश्चित ढंग से काम करना होता है जिससे पैसे निकलें. ये सभी सॉफ्टवेयर की मदद से काम करते हैं. हर बार करंसी बदलने पर सॉफ्टवेयर भी बदलना होता है. सॉफ्टवेयर नोट की जांच परख करता है जिसमें सिक्युरिटी फीचर्स भी शामिल होते हैं और परखने के बाद ही नोट एटीएम मशीन में से निकलते हैं. इसलिए नए नोट जैसे 500 और 2000 के एटीएम में डालने के पहले एटीएम कंपनियों को पूरी तैयारी करनी होगी. 2000 और 500 रुपए के नोट में नए फीचर्स हैं इसलिए एटीएम मशीनों को इसके लिए टेस्ट करना होगा.
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*********कैसे लगाई गई एटीएम में 2000 रुपए की लिमिट*********
हर एटीएम एक खास मैकेनिज्म में काम करता है जिसमें एक स्विच ये हैंडल करता है कि कितने ट्रांजैक्शन किए जा सकते हैं. ये सभी स्विच उन दो दिनों में सेट किए गए जब एटीएम बंद थे और जिनमें ये नहीं हुए उन एटीएम में अभी भी कैश नहीं आया है. ये स्विच अब से 2500 पर कॉन्फिगर कर दिए जाएंगे.
कई जगह लोग इतने परेशान हैं कि उनकी बातें सुनकर आंखें नम हो जाएं, लेकिन सवाल फिर भी ये उठता है कि आखिर जो लोग लाइन में लगे हैं वो सभी कालाधन धारक तो नहीं है फिर इतनी परेशानी क्यों? जिन लोगों को परेशान होना चाहिए था वो लोग तो आराम से घर पर बैठे हैं शायद. खैर इस बात का जवाब है नहीं काला धन धारक आराम से घर में नहीं बैठे हैं.
*********क्या हो रहा है काला धन धारकों का?*********
काला धन धारक अब इसलिए परेशान हैं क्योंकि उन्हें नुकसान हो रहा है. जो भी पैसा इकट्ठा हो रहा है वो वापस सिस्टम में आ रहा है. इस घोषणा से लेकर अभी तक करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए बैंकों में जमा हो चुके हैं. जिनके पास भी काला धन था उन्हें करीब 80 प्रतिशत तक घाटा हो रहा है. दूसरे देशों से जो काले धन का कारोबार चलता था उसपर एकदम से रोक लगी है.
परेशान तो हैं, लेकिन मोदी की ये स्कीम से लोग को राहत कब मिलेगी ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा. खैर जैसे-जैसे सब परेशान हो रहे हैं वैसे ही लोगों ने अपने मन की बात सोशल मीडिया पर और तेजी से पोस्ट करनी शुरू कर दी है-
इसी बीच कुछ लोग मजाकिया अंदाज में भी नजर आए-
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