FSSAI के पैमानों पर नेस्ले का मैगी फेल पाया गया और उसे बाजार से बोरिया बिस्तर समेटना पड़ा, उसी संस्था ने अब बाबा के नूडल्स पर उंगली उठाई है. कहा गया है कि उनके नूडल्स FSSAI से मान्यता प्राप्त हैं ही नहीं.
16 नवंबर को बाबा रामदेव ने पतंजलि नूडल्स लांच करते हुए यही दावा किया था कि वे अपने प्रोडक्ट विदेशी कंपनियों की तरह झूठे विज्ञापनों के सहारे नहीं बेचते. उन्होंने विदेशी कंपनियों के एकाधिकार वाले फास्ट फूड, बेबी फूड और ब्यूटी प्रोडक्ट वाले मार्केट में स्वदेशी की लाइन अपनाते हुए उतरने का ऐलान भी किया. लेकिन, उनकी यह मुहिम पतंजलि नूडल्स पर लगे आरोपों में उलझ गई है. इंडियन एक्सप्रेस ने FSSI के अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि पतंजलि नूडल्स के लिए जरूरी मंजूरी नहीं ली गई. दिलचस्प बात तो ये है कि पतंजलि नूडल्स के पैकेट पर FSSI का लोगो और एक लाइसेंस नंबर भी छपा हुआ है.
पतंजलि नूडल्स के पैक पर इसे बनाने वाले के नाम के रूप में आकाश योग हेल्थ प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड दर्ज है. हालांकि, इसका जिक्र बाबा रामदेव ने कभी नहीं किया. |
बाबा के दावे और उनका सच:
1. नूडल्स बनाया किसने?
इस बारे में बाबा रामदेव साफ तौर पर कुछ भी नहीं बताया है. बाबा रामदेव का दावा है कि पतंजलि का आटा नूडल्स बेस्ट है. हालांकि, पतंजलि योगपीठ की ओर से आई सफाई के अनुसार तो लग रहा है कि वे नूडल्स नहीं बना रहे हैं,
2. ये क्यों नहीं बताया कि वे सिर्फ रिपैकेजिंग कर रहे हैं?
FSSI द्वारा पतंजलि नूडल्स को जरूरी मंजूरी नहीं लिए जाने की बात सामने आने के बाद बाबा की ओर से सफाई दी गई...
FSSAI के पैमानों पर नेस्ले का मैगी फेल पाया गया और उसे बाजार से बोरिया बिस्तर समेटना पड़ा, उसी संस्था ने अब बाबा के नूडल्स पर उंगली उठाई है. कहा गया है कि उनके नूडल्स FSSAI से मान्यता प्राप्त हैं ही नहीं.
16 नवंबर को बाबा रामदेव ने पतंजलि नूडल्स लांच करते हुए यही दावा किया था कि वे अपने प्रोडक्ट विदेशी कंपनियों की तरह झूठे विज्ञापनों के सहारे नहीं बेचते. उन्होंने विदेशी कंपनियों के एकाधिकार वाले फास्ट फूड, बेबी फूड और ब्यूटी प्रोडक्ट वाले मार्केट में स्वदेशी की लाइन अपनाते हुए उतरने का ऐलान भी किया. लेकिन, उनकी यह मुहिम पतंजलि नूडल्स पर लगे आरोपों में उलझ गई है. इंडियन एक्सप्रेस ने FSSI के अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि पतंजलि नूडल्स के लिए जरूरी मंजूरी नहीं ली गई. दिलचस्प बात तो ये है कि पतंजलि नूडल्स के पैकेट पर FSSI का लोगो और एक लाइसेंस नंबर भी छपा हुआ है.
पतंजलि नूडल्स के पैक पर इसे बनाने वाले के नाम के रूप में आकाश योग हेल्थ प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड दर्ज है. हालांकि, इसका जिक्र बाबा रामदेव ने कभी नहीं किया. |
बाबा के दावे और उनका सच:
1. नूडल्स बनाया किसने?
इस बारे में बाबा रामदेव साफ तौर पर कुछ भी नहीं बताया है. बाबा रामदेव का दावा है कि पतंजलि का आटा नूडल्स बेस्ट है. हालांकि, पतंजलि योगपीठ की ओर से आई सफाई के अनुसार तो लग रहा है कि वे नूडल्स नहीं बना रहे हैं,
2. ये क्यों नहीं बताया कि वे सिर्फ रिपैकेजिंग कर रहे हैं?
FSSI द्वारा पतंजलि नूडल्स को जरूरी मंजूरी नहीं लिए जाने की बात सामने आने के बाद बाबा की ओर से सफाई दी गई है जिससे मालूम होता है कि पतंजलि नूडल्स की सिर्फ रिपैकेजिंग करता है. पतंजलि योगपीठ ने अपने बयान में कहा है, "पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क, हरिद्वार के पास FSSI का रेलैबलिंग लाइसेंस है जो 20 फरवरी 2019 तक वैध है."
3. पास्ता के लाइसेंस पर नूडल्स बेच रहे हैं, लेकिन इसके लिए FSSAI से पूछा क्यों नहीं?
पतंजलि के बयान में कहा गया है कि नूडल्स के लिए पास्ता का लाइसेंस काफी है, यानी, उसके लिए अलग से किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती. ये अलग बात है जिस पास्ता, के नाम पर उन्होंेने लाइसेंस लिया है, वह अब तक लापता है.
4. बच्चों के नाम पर चैरिटी बड़े प्रोडक्ट लांच की मार्केटिंग के लिए?
बाबा रामदेव का कहना है कि वो चाहते हैं कि देश के हर नागरिक को समान शिक्षा का अधिकार मिले और उसे ही साकार करने में नूडल्स से होने वाली कमाई खर्च होगी. बाबा अनुसार नूडल्स से होने वाली कमाई गरीब बच्चों, खासकर आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी, भले ही वो एक रुपया हो या सौ रुपये या फिर सौ करोड़.
ये रकम कैसे खर्च की जाएगी? बच्चों की शिक्षा के इंतजाम कौन करेगा? खुद पतंजलि योगपीठ करेगा या किसी और संस्था की मदद करेगा? ये सब अभी साफ नहीं है.
5. क्या वे विदेशी कंपनियों के विपरीत सच्चाई वाला एड कैंपेन खड़ा कर पाए?
बाबा किसी तरह के काउंटर ऐड की बात नहीं करते. अपने ऐड के बारे में बाबा का कहना है, "विदेशी कंपनियां ऐड कैंपेन चला कर लोगों को बरगलाती रही हैं. हमने किसी भी ऐड कैंपेन में झूठ नहीं बोला. ऐड कैंपेन में कभी सपना नहीं दिखाया. लोगों के भीतर कोई कृत्रिम भूख नहीं पैदा की."
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.