20 जुलाई को द इकोनॉमिक टाइम्स के दिल्ली संस्करण की हेडलाइन थी- 'गुलाबी नोट कहां हैं? 2,000 रुपये का सवाल है.'
वो इस निष्कर्ष पर कई बैंकरों और एटीएम ऑपरेटरों से बात करने के बाद आए थे. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सीओओ नीरज व्यास ने कहा- 'अभी हमें आरबीआई से हाई वैल्यू करेंसी वाले नोटों में 500 रुपये के मूल्य वाले नोट ही मिल रहे हैं.' उन्होंने कहा, '2000 के नोट रिसर्कुलेशन के रूप में ही काउंटर पर आ रहे हैं.'
हालांकि आरबीआई ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया है. लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई 500 रुपये के नोटों को लगातार बैंकों को भेज रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले साल नोटबंदी के दौरान हुई कैश की कमी जैसी दिक्कत दोबारा ना हो.
बैंकरों का कहना है कि यह हाई वैल्यू की करेंसी को बाजार से बाहर रखने के लिए आरबीआई की रणनीति का हिस्सा हो सकता है. लेकिन क्या यह 2000 के गुलाबी नोटों के अंत की शुरुआत भी हो सकती है?
आइए आपको हमारे इस शक का कारण बताएं:
एसबीआई अपने एटीएम में बदलाव कर रही है-
यह रिपोर्ट कहती है कि देश में मौजूद 2.2 लाख एटीएम में से करीब 58,000 एटीएम एसबीआई के हैं. देश की इस सबसे बड़ी बैंक ने अपने कुछ एटीएम में में 2,000 के नोटों वाले खांचों को बदलने की शुरूआत कर दी है ताकि मशीनों के अंदर ज्यादा से ज्यादा 500 के नोट भरे जाएं. इसका मतलब ये है कि रीकेलिब्रेट किए गए एटीएम में 2,000 रुपये के नोट फिट नहीं हो पाएं. तो जाहिर सी बात ये है कि इन मशीनों में 2,000 रुपये का अंत हो चुका है.
यह एक अस्थायी उपाय था-
मार्च में स्टेटमैन ने एक रिपोर्ट में कहा था कि काले धन की ताजा खेप...
20 जुलाई को द इकोनॉमिक टाइम्स के दिल्ली संस्करण की हेडलाइन थी- 'गुलाबी नोट कहां हैं? 2,000 रुपये का सवाल है.'
वो इस निष्कर्ष पर कई बैंकरों और एटीएम ऑपरेटरों से बात करने के बाद आए थे. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सीओओ नीरज व्यास ने कहा- 'अभी हमें आरबीआई से हाई वैल्यू करेंसी वाले नोटों में 500 रुपये के मूल्य वाले नोट ही मिल रहे हैं.' उन्होंने कहा, '2000 के नोट रिसर्कुलेशन के रूप में ही काउंटर पर आ रहे हैं.'
हालांकि आरबीआई ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया है. लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई 500 रुपये के नोटों को लगातार बैंकों को भेज रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले साल नोटबंदी के दौरान हुई कैश की कमी जैसी दिक्कत दोबारा ना हो.
बैंकरों का कहना है कि यह हाई वैल्यू की करेंसी को बाजार से बाहर रखने के लिए आरबीआई की रणनीति का हिस्सा हो सकता है. लेकिन क्या यह 2000 के गुलाबी नोटों के अंत की शुरुआत भी हो सकती है?
आइए आपको हमारे इस शक का कारण बताएं:
एसबीआई अपने एटीएम में बदलाव कर रही है-
यह रिपोर्ट कहती है कि देश में मौजूद 2.2 लाख एटीएम में से करीब 58,000 एटीएम एसबीआई के हैं. देश की इस सबसे बड़ी बैंक ने अपने कुछ एटीएम में में 2,000 के नोटों वाले खांचों को बदलने की शुरूआत कर दी है ताकि मशीनों के अंदर ज्यादा से ज्यादा 500 के नोट भरे जाएं. इसका मतलब ये है कि रीकेलिब्रेट किए गए एटीएम में 2,000 रुपये के नोट फिट नहीं हो पाएं. तो जाहिर सी बात ये है कि इन मशीनों में 2,000 रुपये का अंत हो चुका है.
यह एक अस्थायी उपाय था-
मार्च में स्टेटमैन ने एक रिपोर्ट में कहा था कि काले धन की ताजा खेप को रोकने के लिए सरकार धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोटों को बाहर करने की तैयारी कर रही है. एक अधिकारी ने कहा- '2000 रुपये के नोटों को मार्केट में लाने के पीछे का मकसद जल्दी से बाजार में रुपयों की किल्लत को दूर करना था.' यह सिर्फ एक गैप को रोकने की व्यवस्था थी और क्योंकि बाजार में अब पर्याप्त मात्रा में मुद्रा है तो अब इसे बंद किया जा सकता है.
रामदेव जैसे लोगों ने इसका विरोध किया था-
2000 रुपये के नोट के बाजार में लागू करने के बाद से ही कई लोगों ने इसकी आलोचना करनी शुरु कर दी थी. उनका कहना था कि यह अवैध लेनदेन को और आसान बना देगा और काले धन में बढ़ोतरी करेगा. योग गुरु बाबा रामदेव जैसे काले धन के खिलाफ मोर्चा खोले लोगों ने भी कहा था कि भविष्य में सरकार को 2,000 रुपये नोट जारी करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने साफ कहा था कि 2000 रुपये के नोट पेश करने का फैसला उन्हें पसंद नहीं था.
आरएसएस के विचारक ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाएगा-
दिसंबर 2016 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारकर एस गुरुमूर्ति ने कहा था कि अगले 5 सालों में 2000 रुपये के नए नोट को चरणबद्ध तरीके से बाजार से बाहर किया जाएगा. एस गुरुमूर्ति ने नोटबंदी के दौरान लगातार सरकार को सलाह दी थी. इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने देश में कम वैल्यू के बैंक नोट को देश के लिए लाभप्रद बताया था.
2000 रुपये का नोट नकली मनी डीलरों को आकर्षित कर रहा है-
फरवरी में हिंदुस्तान टाइम्स में एक समाचार रिपोर्ट छपी थी. इसमें कहा गया था कि 2000 रुपये का नोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कमजोर कड़ी साबित हो सकती है. इसमें कहा गया था कि जितने बड़े वैल्यू के रूपए बाजार में होंगे मनी लॉन्ड्रिंग और नकली मुद्रा का प्रभाव उतना ही अधिक होगा. जितने बड़े नोट होंगे नशीली दवाओं के तस्करों, बंदूक डीलर और तस्करों के लिए बड़ी रकम जुटाना उतना ही आसान होगा. जिसका साफ मतलब है कि ये सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले के इरादों पर पानी फेर सकता है.
आरबीआई जल्द ही 200 रुपये नोट जारी कर सकता है-
ऐसी खबरें हैं कि आरबीआई लोगों के लिए दैनिक लेनदेन को आसान बनाने के लिए 200 रूपए के नोट जारी कर सकता है. हालांकि इसके बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन सोशल मीडिया पर 200 रुपए के नोट की तस्वीर शेयर की जा रही है. 5 अप्रैल 2017 को ऐसी अफवाहों पर अपना रूख करने के मकसद से गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा कि 'सरकार का 2000 रुपये के नए नोटों को बंद करने की कोई योजना नहीं है.'
यह सरकार का आधिकारिक स्टैंड हो सकता है लेकिन क्या यह सच है? क्या कई खबरें और बातें इस ओर इशारा नहीं कर रहीं की सरकार 2000 के नोट को जल्द ही बंद कर सकती है?
ये भी पढ़ें-
जितनी सिक्योरिटी 200 के नोट को मिली उसकी आधी से भी मेरा बुढ़ापा संवर सकता था
क्या कैशलेस होने के लिए तैयार है भारत? नजर डालिए एक अहम सच्चाई पर
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.