फॉर्चून मैगजीन में जगह बनाना दुनिया की किसी भी कंपनी के लिए सम्मान की बात होती है. फॉर्चून मैगजीन हर साल राजस्व के हिसाब से दुनिया की 500 सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनियों की सूची जारी करती है. फॉर्चून-500 नाम से जारी होने वाली इस सूची में दुनिया भर की सबसे मूल्यवान कंपनियों की लिस्ट जारी की जाती है. फॉर्चून 2016 की लिस्ट में रिटेल मार्केट की दिग्गज वॉलमार्ट पहले नंबर पर है.
इस सूची में अमेरिका और चीन की कंपनियों का दबदबा है. दुनिया की सबसे मूल्यवान 500 कंपनियों की सूची में सबसे ज्यादा 134 कंपनियां अमेरिका और उसके बाद 103 कंपनियां चीन की शामिल हैं. इस सूची में भारत की 7 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और राजेश एक्सपोर्ट्स शामिल हैं.
भारतीय कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और निजी क्षेत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे आगे रहे हैं. इस सूची में सार्वजनिक क्षेत्र की चार और निजी क्षेत्र की तीन कंपनियां शामिल हैं. इस सूची में शामिल बाकी सभी कंपनियों के बारे में तो आप जानते हैं या उनका नाम कभी न कभी जरूर सुना होगा. लेकिन इस लिस्ट में पहली बार जगह बनाने वाली कंपनी राजेश एक्सपोर्ट्स के बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा. राजेश एक्सपोर्ट्स ने सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ओएनजीसी की जगह इस सूची में जगह बनाने में कामयाबी पाई है. फॉर्चून के मुताबिक 2015 में राजेश एक्सपोर्ट्स की कीमत 7.5 अरब डॉलर रही.
फॉर्चून 500 लिस्ट में जगह बनाकर दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में शामिल होने वाली राजेश एक्सपोर्ट्स के बारे में आइए हम आपको बताते हैं सबकुछ.
जानिए दुनिया की टॉप-500 कंपनियों में शामिल राजेश एक्सपोर्ट्स की कहानीः
फॉर्चून मैगजीन में जगह बनाना दुनिया की किसी भी कंपनी के लिए सम्मान की बात होती है. फॉर्चून मैगजीन हर साल राजस्व के हिसाब से दुनिया की 500 सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनियों की सूची जारी करती है. फॉर्चून-500 नाम से जारी होने वाली इस सूची में दुनिया भर की सबसे मूल्यवान कंपनियों की लिस्ट जारी की जाती है. फॉर्चून 2016 की लिस्ट में रिटेल मार्केट की दिग्गज वॉलमार्ट पहले नंबर पर है.
इस सूची में अमेरिका और चीन की कंपनियों का दबदबा है. दुनिया की सबसे मूल्यवान 500 कंपनियों की सूची में सबसे ज्यादा 134 कंपनियां अमेरिका और उसके बाद 103 कंपनियां चीन की शामिल हैं. इस सूची में भारत की 7 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और राजेश एक्सपोर्ट्स शामिल हैं.
भारतीय कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और निजी क्षेत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे आगे रहे हैं. इस सूची में सार्वजनिक क्षेत्र की चार और निजी क्षेत्र की तीन कंपनियां शामिल हैं. इस सूची में शामिल बाकी सभी कंपनियों के बारे में तो आप जानते हैं या उनका नाम कभी न कभी जरूर सुना होगा. लेकिन इस लिस्ट में पहली बार जगह बनाने वाली कंपनी राजेश एक्सपोर्ट्स के बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा. राजेश एक्सपोर्ट्स ने सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ओएनजीसी की जगह इस सूची में जगह बनाने में कामयाबी पाई है. फॉर्चून के मुताबिक 2015 में राजेश एक्सपोर्ट्स की कीमत 7.5 अरब डॉलर रही.
फॉर्चून 500 लिस्ट में जगह बनाकर दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में शामिल होने वाली राजेश एक्सपोर्ट्स के बारे में आइए हम आपको बताते हैं सबकुछ.
जानिए दुनिया की टॉप-500 कंपनियों में शामिल राजेश एक्सपोर्ट्स की कहानीः
राजेश एक्सपोर्ट्स को फॉर्चून-500 की लिस्ट में 423 वां स्थान मिला है. यानी कि ये कंपनी दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में 423वें नंबर पर है. ज्वैलरी बिजनेस की इस दिग्गज कंपनी ने फॉर्चून की सूची में जगह बनाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है.
राजेश मेहता एंड फैमिली को 1.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ फोर्ब्स ने सबसे अमीर भारतीयों की 2015 की लिस्ट में 65वें नंबर पर रखा है |
राजेश एक्सपोर्ट्स कंपनी, गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर और एक्सपोर्टर है. यह कंपनी गोल्ड ज्वैलरी की भारत की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरर और एक्सपोर्टर है. राजेश एक्सपोर्ट्स इस कंपनी की स्थापना 1989 में बेंगलुरु में राजेश मेहता ने अपने भाई प्रशांत मेहता के साथ मिलकर की थी. 52 वर्षीय राजेश मेहता अब राजेश एक्सपोर्ट्स के ऐक्जिक्यूटिव चेयरमैन हैं और प्रशांत इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. राजेश के बेटे सिद्धार्थ कंपनी के मुख्य रणनीतिकार के रूप में काम करते हैं.
दुनिया की बसे बड़ी गोल्ड मैन्युफैक्चरर कंपनियों में शामिल राजेश एक्सपोर्ट्सः
राजेश एक्सपोर्ट्स का प्रमुख बिजनेस गोल्ड एक्सपोर्ट से जुड़ा है.1989 में अपनी स्थापना के 5 साल बाद ही कंपनी देश की गोल्ड ज्वैलरी की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर और होलसेलर कंपनी बन गई थी. 1995 में राजेश एक्सपोर्ट्स ने अपना आईपीओ उतारा और कंपनी बीएसई और एनएसई में लिस्टेड हो गई. 2002 में कंपनी ने दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना की. 2012 में कंपनी ने 'शुभ ज्वैलर्स' के नाम से अपनी रिटेल चेन शुरू की. 2014 में कंपनी ने कर्नाटक में ‘शुभ ज्वैलर्स’ के 80 शोरूम खोले.
पिछले साल जुलाई में कंपनी ने स्विट्जरलैंड स्थित दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरी वकाम्बी का 400 मिलियन डॉलर (करीब 27 अरब रुपये) में अधिग्रहण करके सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. दुनिया में होने वाले सोने के कुल उत्पादन की 35 फीसदी प्रोसेसिंग राजेश एक्सपोर्ट्स द्वारा ही की जाती है. फाइनैशनल इयर 2016 में कंपनी का रेवेन्यू पिछले वर्ष की तुलना में 227 फीसदी बढ़कर 165211 करोड़ रुपये रहा. इस वित्त वर्ष में कंपनी ने 1067 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया है जोकि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 62 फीसदी ज्यादा है.
राजेश एक्सपोर्ट्स का मालिकाना हक रखने वाली राजेश मेहत ऐंड फैमिली फोर्ब्स की दुनिया की सबसे अमीरों की लिस्ट में भी शामिल हैं. राजेश मेहता ऐंड फैमिली 2014 की फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीयों की सूची में 88वें नंबर पर थी, जबकि 2015 की फोर्ब्स की सूची में मेहता फैमिली 65वें नंबर पर आ गई. फोर्ब्स के मुताबिक 2015 में मेहता ऐंड फैमिली की कुल संपत्ति 1.7 अरब डॉलर (करीब 114 अरब रुपये) आंकी गई थी.
पढ़ाई में तेज राजेश ने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाओं में रैंक के साथ पास हुए थे. लेकिन अपनी पढ़ाई जारी रखने के बजाय उन्होंने अपने पिता के कीमती पत्थरों के काम से जुड़ने का फैसला किया. 1982 में उन्होंने अपने भाई से 1200 रुपये उधार लेकर बेंगलुरु स्थित अपने घर के गैराज में ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग शुरू की थी और कुछ ही वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी खड़ी कर दी.
राजेश एक्सपोर्ट्स ने दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची में जगह बनाकर दिखाया है कि भारतीय बिजनेस वर्ल्ड अब टाटा, अंबानी और बिड़ला जैसे बिजनेस घरानों की कामयाबी की कहानियों से कहीं आगे बढ़ चुका है.
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