डेरा सच्चा सौदा के अध्यात्मिक गुरू गुरमीत राम रहीम अध्यात्मिक प्रवचनों और फिल्मों के बाद अब एक कदम आगे बढ़ गए हैं. योग गुरू बाबा रामदेव और आर्ट ऑफ लिविंग के स्वामी श्री श्री रवि शंकर की तर्ज पर अब गुरमीत राम रहीम भी अपने लाखों भक्तों के सहारे देशभर में अपना कंज्यूमर प्रोडक्ट का कारोबार फैला रहे हैं. इसके लिए उन्होंने फूड सेक्टर के साथ-साथ स्वदेशी और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की पूरी रेंज लांच की है.
बीते महीने गुरमीत राम रहीम ने अपनी कंपनी एमएसजी ट्रेडिंग इंटरनेशनल के बैनर तले लगभग 150 प्रोडक्ट लांच किए हैं जिसमें चावल, अचार और मिनरल वॉटर जैसे अनेक कंज्यूमर आइटम शामिल हैं.
गौरतलब है कि बीते दो साल में योग गुरू रामदेव ने देश में एफएमसीजी कंपनियों को कड़ी चुनौती देते हुए अपनी कंपनी को करोड़ों के मुनाफे पर पहुंचा दिया है. बाबा रामदेव घी, तेल, साबुन और टूथपेस्ट से लेकर नूडल, बिस्कुट और जूस तक लगभग 200 प्रोडक्ट की रेंज अपने देशभर में फैले रीटेल नेटवर्क के जरिए बेंचते हैं. बाबा के भक्तों की बड़ी तादाद उनके प्रोडक्ट को हाथों-हाथ पॉप्युलर कराती है और देखते ही देखते देशभर में उनके उत्पादों के लिए डिमांड पैदा हो जाती है.
पतंजली के प्रचार में बाबा रामदेव |
इसी तर्ज पर आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर ने आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के बैनर तले अपने 2003 में लांच किए गए सभी कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग और प्रोमोशन के काम को तेज कर दिया है. श्री श्री रविशंकर अगले एक साल में अपने मौजूदा 600 फ्रैंचाइज स्टोर की संख्या को बढ़ाकर 2700 करने की कोशिश में हैं.
पतंजली के प्रचार में बाबा रामदेव |
इसी तर्ज पर आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर ने आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के बैनर तले अपने 2003 में लांच किए गए सभी कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग और प्रोमोशन के काम को तेज कर दिया है. श्री श्री रविशंकर अगले एक साल में अपने मौजूदा 600 फ्रैंचाइज स्टोर की संख्या को बढ़ाकर 2700 करने की कोशिश में हैं.
श्री श्री आयुर्वेद का प्रचार |
इसी तर्ज पर देश की अन्य धार्मिक और अध्यात्मिक संस्थाएं कंज्यूमर प्रोडक्ट के अपने कारोबार का विस्तार करने में लगी हुई हैं. स्वामीनारायण संस्था और पुडुचेरी की ओरबिंदो आश्रम इस क्षेत्र में अपने प्रोडक्ट्स के साथ बाजार में उतर चुके हैं. गौरतलब है कि स्वामीनारायण संस्था गुजरात और दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के साथ-साथ अमेरिका और इग्लैंड में भी मंदिर का संचालन करती हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.