स्टीव जॉब्स से बेहतर कोई नहीं जानता कि किसी प्रोडक्ट को लॉच कैसे किया जाता है. आईपैड-वाईफाई के तीन लाख यूनिट लांच के दिन बेचना, या फिर लांच के पहले तीन दिनों में आईफोन-फोन के 1.7 मिलियन यूनिट और आईफोन 3जी के एक मिलियन यूनिट बेचना एक सोची समझी रणनीति का ही नतीजा है. लिहाजा, अपने क्वालिटी प्रोडक्ट के साथ-साथ एप्पल यह बात बखूबी जानता है कि वह अपने प्रोडक्ट की क्या लॉंचिंग स्ट्रैटजी बनाए कि उसे रिटर्न में सर्वाधिक सेल्स मिले. आइए जानते हैं क्या है एप्पल के प्रमुख स्टीव जॉब्स की वह सात स्ट्रैटजी जिन्होंने उन्हें कभी फेल नहीं होने दिया.
1. फोकस प्रोडक्ट पर नहीं, यूजर पर रखना
एप्पल प्रमुख स्टीव जॉब्स अपने किसी भी प्रोडक्ट को लांच करते समय प्रोडक्ट की किसी नई खासियत के बारे में नहीं बताते. उनका मानना है कि प्रोडक्ट के टेक्निकल फीचर्स पर यूजर्स का कम रुझान रहता है और जिनके लिए यह जानकारी मायने रखता है वह आसानी से प्रोडक्ट बुकलेट पढ़ कर जान लेते हैं. लिहाजा, स्टीव लांच का फोकस आम यूजर पर रखते हैं और उन्हें यह बताते हैं कि नया प्रोडक्ट कैसे उनकी तकनीकि दिक्कतों को दूर कर देगा. उदाहरण के लिए कि कैसे एप्पल का आईफोन आपके लिए एमपी3 प्लेयर का काम करता है और आपको दो गैजेट एक साथ लेकर चलने की दिक्कतों से बचाता है.
2. लांच के पहले सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनना
अपना प्रोडक्ट लांच करने से पहले एप्पल दुनियाभर में ब्लॉगर, पत्रकार और रिव्यूअर के माध्यम से सोशल मीडिया और गैजेट यूजर ग्रुप में बड़ी चर्चा का विषय बनने में सफल रहता है. दुनिया के बड़े मीडिया समूहों के माध्यम से स्टीव जॉब प्रोडक्ट लॉच को चर्चा के केन्द्र में रखते हैं. मीडिया में लांच की कहानियों में यह नहीं बताया जाता कि नया प्रोडक्ट क्या करेगा बल्कि चर्चा इस बात पर होती है कि नया प्रोडक्ट क्या-क्या कर सकता है.
3. एप्पल प्रोडक्ट की मार्केटिंग...
स्टीव जॉब्स से बेहतर कोई नहीं जानता कि किसी प्रोडक्ट को लॉच कैसे किया जाता है. आईपैड-वाईफाई के तीन लाख यूनिट लांच के दिन बेचना, या फिर लांच के पहले तीन दिनों में आईफोन-फोन के 1.7 मिलियन यूनिट और आईफोन 3जी के एक मिलियन यूनिट बेचना एक सोची समझी रणनीति का ही नतीजा है. लिहाजा, अपने क्वालिटी प्रोडक्ट के साथ-साथ एप्पल यह बात बखूबी जानता है कि वह अपने प्रोडक्ट की क्या लॉंचिंग स्ट्रैटजी बनाए कि उसे रिटर्न में सर्वाधिक सेल्स मिले. आइए जानते हैं क्या है एप्पल के प्रमुख स्टीव जॉब्स की वह सात स्ट्रैटजी जिन्होंने उन्हें कभी फेल नहीं होने दिया.
1. फोकस प्रोडक्ट पर नहीं, यूजर पर रखना
एप्पल प्रमुख स्टीव जॉब्स अपने किसी भी प्रोडक्ट को लांच करते समय प्रोडक्ट की किसी नई खासियत के बारे में नहीं बताते. उनका मानना है कि प्रोडक्ट के टेक्निकल फीचर्स पर यूजर्स का कम रुझान रहता है और जिनके लिए यह जानकारी मायने रखता है वह आसानी से प्रोडक्ट बुकलेट पढ़ कर जान लेते हैं. लिहाजा, स्टीव लांच का फोकस आम यूजर पर रखते हैं और उन्हें यह बताते हैं कि नया प्रोडक्ट कैसे उनकी तकनीकि दिक्कतों को दूर कर देगा. उदाहरण के लिए कि कैसे एप्पल का आईफोन आपके लिए एमपी3 प्लेयर का काम करता है और आपको दो गैजेट एक साथ लेकर चलने की दिक्कतों से बचाता है.
2. लांच के पहले सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनना
अपना प्रोडक्ट लांच करने से पहले एप्पल दुनियाभर में ब्लॉगर, पत्रकार और रिव्यूअर के माध्यम से सोशल मीडिया और गैजेट यूजर ग्रुप में बड़ी चर्चा का विषय बनने में सफल रहता है. दुनिया के बड़े मीडिया समूहों के माध्यम से स्टीव जॉब प्रोडक्ट लॉच को चर्चा के केन्द्र में रखते हैं. मीडिया में लांच की कहानियों में यह नहीं बताया जाता कि नया प्रोडक्ट क्या करेगा बल्कि चर्चा इस बात पर होती है कि नया प्रोडक्ट क्या-क्या कर सकता है.
3. एप्पल प्रोडक्ट की मार्केटिंग रेवोल्यूशन से कम नहीं
स्टीव जॉब जब भी कोई नया प्रोडक्ट लांच करने मंच पर आते हैं तो पूरी दुनिया उन्हें देखती है. ऐसा इसलिए नहीं कि वह दुनिया की विशाल कंपनी है और वह प्रचार-प्रसार के लिए अरबो डॉलर खर्च करती है. बल्कि इसलिए कि एप्पल का प्रोडक्ट वाकई मार्केट में एक रेवोल्यूशन की तर आता है जिसके बाद इंडस्ट्री के सभी प्लेयर्स को उसी तर्ज पर काम करना पड़ता है.
4. प्रोडक्ट लांच को ग्लोबल इवेंट बनाने में सफल होते हैं स्टीव
प्रोडक्ट लांच के लिए एप्पल की कोशिश रहती है कि लांचिंग को एक ग्लोबल एवेंट में तब्दील कर दिया जाए. इसके लिए स्टीव जॉब का मानना है कि लांचिंग के वक्त दुनिया ठहर जाए जिससे उन्हें लगे कि कोई अहमा घटना होने वाली है. इसके लिए कंपनी अपने सभी आउटलेट, यहां तक कि ऑनलाइन सेल तक बंद कर देती है जिससे लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित हो.
5. एडवांस बुकिंग की स्ट्रैटेजी
यह बाजार की सबसे पसंदीदा स्ट्रैटेजी है. ज्यादातर कंपनियां जैसे ही किसी नए प्रोडक्ट की घोषणा करते हैं, कई ग्राहक उसे तुरंत पाने के लिए तैयार रहते हैं. लिहाजा, एप्पल इस स्ट्रैटेजी पर कारगर तरीके से काम करता है. इसके चलते वह एडवांस बुकिंग के जरिए लांच के पहले 1-2 हफ्ते में बेहतरीन सेल फिगर पा जाता है.
6. एप्पल अपने प्रोडक्ट को क्लास स्टेटमेंट बनाने में सफल होता है
कंपनी की अहम स्ट्रेडेटी प्रोडक्ट को बेहचरीन लुक देने की रहती है. जॉब का मानना है कि अपनी खूबियों के साथ-साथ अगर उसका प्रोडक्ट देखने में खूबसूरत होगा तो यूजर्स उसे अपने वर्ग में प्रमोट करेंगे जिससे वह आसानी से चर्चा का विषय बन जाता है.
7. अफवाह और गोपनीयता
हालांकि एप्पल अपने नए प्रोडक्ट की घोषणा बड़ी धूमधाम के साथ करता है लेकिन उसकी कोशिश रहती है कि वह हर नए प्रोडक्ट के इर्द-गिर्द उसकी खूबियों की अफवाह के बाजार को गर्म रखे. वहीं कंपनी कभी लांच के पहले खुद से नए प्रोडक्ट की खूबियां नहीं गिनाता. बहरहाल, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह लीक और मीडिया रिपोर्ट की मदद से यूजर के आसपास गोपनियता का मायाजाल फैला देता है जिसपर से पूरी तरह पर्दा लांच के दिन ही उतरता है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.