अखंड भारत में एक से एक बयानवीर पैदा हुए हैं. राजनीति, खेल, साहित्य या फिर संगीत, हर क्षेत्र में एक ना एक धुरंधर ऐसा जरूर पैदा हुआ जिसने अपने बयानों से दुनिया में ना सही देश में जरूर आग लगा दी है. हमारे इन धुरंधरों का दुनिया में कोई मुकाबला नहीं. लेकिन इस लिस्ट में मेरी रोल मॉडल हैं महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी. मैं इनकी जबरा फैन हूं और इनसे ही इंस्पायर होकर मैंने अब फैसला कर लिया है कि नेता बनूंगी और उनकी ही तरह बनूंगी. मैं तो इनका नाम नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करने वाली थी. मुझे इंतजार था तो बस हॉर्मोनल आउटबर्स्ट जैसे एक और धमाकेदार बयान का.
मेरी बांछे खिल गई ये सुनकर कि मेनका गांधी ने फिर से एक कालजयी बयान दिया है. और यही नहीं उस पर हो हल्ला भी मच रहा है. इस बार उन्होंने रेपिस्टों के निडर होने का मुद्दा उठाते हुए रोमांटिक हिन्दी फिल्मों पर निशाना साधा था.
#WATCH Romance in almost every film starts with eve teasing, be it Hindi or in regional films, says nion Minister Maneka Gandhi (7.4.17) pic.twitter.com/FLO39NB4Q
— ANI (@ANI_news) April 8, 2017
पूरे जोश-ख़रोश और आस भरी नजरों से कान में ईपी लगाकर मैंने उनका बयान सुना. पर जैसे-जैसे मेनका जी बोलती गईं मेरे अरमानों पर अमेरिका के सीरिया पर केमिकल अटैक जैसे निराशा के गोले गिरने लगे. उनके भाषण का अंत होने तक तो मेरा हाल मानो हिलेरी क्लिंटन जैसा हो गया था. समझ ही नहीं आ रहा था कि मुझे तो जीतना था पर मैं हार कैसे गई.
अखंड भारत में एक से एक बयानवीर पैदा हुए हैं. राजनीति, खेल, साहित्य या फिर संगीत, हर क्षेत्र में एक ना एक धुरंधर ऐसा जरूर पैदा हुआ जिसने अपने बयानों से दुनिया में ना सही देश में जरूर आग लगा दी है. हमारे इन धुरंधरों का दुनिया में कोई मुकाबला नहीं. लेकिन इस लिस्ट में मेरी रोल मॉडल हैं महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी. मैं इनकी जबरा फैन हूं और इनसे ही इंस्पायर होकर मैंने अब फैसला कर लिया है कि नेता बनूंगी और उनकी ही तरह बनूंगी. मैं तो इनका नाम नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करने वाली थी. मुझे इंतजार था तो बस हॉर्मोनल आउटबर्स्ट जैसे एक और धमाकेदार बयान का.
मेरी बांछे खिल गई ये सुनकर कि मेनका गांधी ने फिर से एक कालजयी बयान दिया है. और यही नहीं उस पर हो हल्ला भी मच रहा है. इस बार उन्होंने रेपिस्टों के निडर होने का मुद्दा उठाते हुए रोमांटिक हिन्दी फिल्मों पर निशाना साधा था.
#WATCH Romance in almost every film starts with eve teasing, be it Hindi or in regional films, says nion Minister Maneka Gandhi (7.4.17) pic.twitter.com/FLO39NB4Q
— ANI (@ANI_news) April 8, 2017
पूरे जोश-ख़रोश और आस भरी नजरों से कान में ईपी लगाकर मैंने उनका बयान सुना. पर जैसे-जैसे मेनका जी बोलती गईं मेरे अरमानों पर अमेरिका के सीरिया पर केमिकल अटैक जैसे निराशा के गोले गिरने लगे. उनके भाषण का अंत होने तक तो मेरा हाल मानो हिलेरी क्लिंटन जैसा हो गया था. समझ ही नहीं आ रहा था कि मुझे तो जीतना था पर मैं हार कैसे गई.
ये सोच-सोचकर ही मैं कोमा में जाने वाली थी कि हे भगवान मेनका जी ने तो इस बार कोई 'क्रिएटिव' बात की ही नहीं! अब मैं कैसे उनका नाम नोबेल के लिए भेजूंगी. पिछले महीने लड़कियों पर शाम के बाद हॉस्टलों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाने के मुद्दे पर इन्होंने बड़ा साइंटिस्ट वाला जवाब दिया था. कि आखिर लड़कियों के शरीर में वह कौन सा जुल्मी कैमिकल है, जो उनके रात को हॉस्टल से बाहर निकलते ही एक्टिव हो जाता है. और उन्हें सीधे नर्क में पहुंचा देता है. कोई हॉर्मोनल आउटबर्स्ट के बारे में कहा था मैडम जी ने.
इसको सही ठहराते हुए उन्होंने जो लॉजिक दिया था वो अपने आप में विश्व के लिए 'भूत के पांव उल्टे कैसे होते हैं' का पता लगा लेने से कम थोड़े था.
खैर कोई बात नहीं. मेरी मेनका जी की कीमत किसी पुरस्कार से नहीं आंकी जा सकती. अगर उन्हें नोबेल मिलता तो ये नोबेल के लिए सौभाग्य की बात होती. अब तो मैंने भी सोच लिया है कि मेनका जी को किसी अवार्ड के लिए नामांकित करके उनकी बेइज्जती नहीं करूंगी. अरे मेरी मेनका जी चमत्कारी व्यक्तित्व हैं आखिर वो क्यों जाएंगी कोई अवार्ड लेने. अवार्ड उन तक आएगा.
ये भी पढ़ें-
ये ऐसा देश है जहां रेप एन्ज़ॉय नहीं किया तो दोषी नहीं माना जाता!
यहां रेप के बाद रेपिस्ट से शादी करा देना ही कानून है !
औरत को हराने का आखिरी हथियार रेप ही क्यों होता है?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.