रोड रेज की घटना के बाद कारोबारी सड़क पर उतरे तो बीजेपी ने बिहार बंद की कॉल दी. एक बार फिर बिहार का वो तबका सकते में है जिसे जंगलराज की आशंका अक्सर सताती रहती है. नीतीश कुमार कह रहे हैं कि विपक्ष इस पर राजनीति न करे - पुलिस अपना काम कर रही है.
कहां तक भागेगा?
गया में 12वीं के छात्र आदित्य सचदेव की हत्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि ये दुखद घटना है - और कोई कानून से बड़ा नहीं है.
नीतीश ने ये भी कहा कि आरोपी आखिर कहां तक भागेगा? पुलिस और कानून अपना काम कर रहे हैं, नीतीश ने साफ किया.
घटना 7 मई की रात की है जब आदित्य बर्थ डे पार्टी से दोस्तों के साथ घर लौट रहा था. उसी रोड से रॉकी भी लौट रहा था. रॉकी गया के बाहुबली बिंदी यादव और विधान परिषद सदस्य मनोरमा का बेटा है. रॉकी की गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है.
बताते हैं कि रास्ते में आदित्य ने रॉकी की गाड़ी को ओवरटेक किया और आगे बढ़ गया. इस बात पर रॉकी को बहुत गुस्सा आया और उसने उनका पीछा कर रोक लिया. दोनों पक्षों में कहा सुनी और हाथापाई भी हुई. इसी दौरान रॉकी ने पिस्टल निकाल ली. आदित्य के दोस्तों के मुताबिक उसने रॉकी से माफी भी मांग ली थी - और फिर गाड़ी से चल दिया.
खबरों के अनुसार, इसी दौरान, रॉकी ने हवा में गोलियां चलाई - और उसके बाद आदित्य की तरफ. गोली लगने से आदित्य की मौके पर ही मौत हो गई.
बिंदी यादव का दावा है कि उनके बेटे ने आत्मरक्षा में अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोलियां चलाईं. बिंदी का आरोप है कि दूसरी गाड़ी (जिसमें आदित्य था) में पांचों लड़के शराब पीये हुए थे - और उन्होंने रॉकी की गाड़ी रोक कर उस पर हमला किया. इसी दौरान गोली चल गई. एक अन्य बयान में बिंदी ने बेटे को राजनीतिक कारणों से फंसाए जाने की बात कर रहे हैं. इतना ही नहीं, बिंदी को ये कहते भी सुना गया कि घटना के वक्त रॉकी तो दिल्ली में था.
फिलहाल बिंदी यादव और उनकी एमएलसी पत्नी मनोरमा के बॉडीगार्ड को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है....
रोड रेज की घटना के बाद कारोबारी सड़क पर उतरे तो बीजेपी ने बिहार बंद की कॉल दी. एक बार फिर बिहार का वो तबका सकते में है जिसे जंगलराज की आशंका अक्सर सताती रहती है. नीतीश कुमार कह रहे हैं कि विपक्ष इस पर राजनीति न करे - पुलिस अपना काम कर रही है.
कहां तक भागेगा?
गया में 12वीं के छात्र आदित्य सचदेव की हत्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि ये दुखद घटना है - और कोई कानून से बड़ा नहीं है.
नीतीश ने ये भी कहा कि आरोपी आखिर कहां तक भागेगा? पुलिस और कानून अपना काम कर रहे हैं, नीतीश ने साफ किया.
घटना 7 मई की रात की है जब आदित्य बर्थ डे पार्टी से दोस्तों के साथ घर लौट रहा था. उसी रोड से रॉकी भी लौट रहा था. रॉकी गया के बाहुबली बिंदी यादव और विधान परिषद सदस्य मनोरमा का बेटा है. रॉकी की गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है.
बताते हैं कि रास्ते में आदित्य ने रॉकी की गाड़ी को ओवरटेक किया और आगे बढ़ गया. इस बात पर रॉकी को बहुत गुस्सा आया और उसने उनका पीछा कर रोक लिया. दोनों पक्षों में कहा सुनी और हाथापाई भी हुई. इसी दौरान रॉकी ने पिस्टल निकाल ली. आदित्य के दोस्तों के मुताबिक उसने रॉकी से माफी भी मांग ली थी - और फिर गाड़ी से चल दिया.
खबरों के अनुसार, इसी दौरान, रॉकी ने हवा में गोलियां चलाई - और उसके बाद आदित्य की तरफ. गोली लगने से आदित्य की मौके पर ही मौत हो गई.
बिंदी यादव का दावा है कि उनके बेटे ने आत्मरक्षा में अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोलियां चलाईं. बिंदी का आरोप है कि दूसरी गाड़ी (जिसमें आदित्य था) में पांचों लड़के शराब पीये हुए थे - और उन्होंने रॉकी की गाड़ी रोक कर उस पर हमला किया. इसी दौरान गोली चल गई. एक अन्य बयान में बिंदी ने बेटे को राजनीतिक कारणों से फंसाए जाने की बात कर रहे हैं. इतना ही नहीं, बिंदी को ये कहते भी सुना गया कि घटना के वक्त रॉकी तो दिल्ली में था.
फिलहाल बिंदी यादव और उनकी एमएलसी पत्नी मनोरमा के बॉडीगार्ड को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. नीतीश सरकार ने इस मामले में एक एसआईटी का गठन भी किया है.
अपडेट: आरोपी रॉकी यादव को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार भी बरामद करने का दावा किया है.
अब सवाल है कि जंगलराज के लिए तो लालू प्रसाद को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है - लेकिन यहां तो मनोरमा यादव जेडीयू की एमएलसी हैं.
गंदा काम
इस घटना की ओर जब लालू प्रसाद का ध्यान दिलाया गया तो वो बोले, "बहुत गंदा काम किया है. पुलिस को सख्ती से काम करना चाहिए." लालू इस बात से राहत महसूस कर रहे होंगे क्योंकि मनोरमा यादव जेडीयू की एमएलसी हैं.
तो क्या बिंदी यादव का लालू से कोई कनेक्शन नहीं है? क्या मनोरमा यादव के एमएलसी बनने में लालू यादव का कोई रोल नहीं है? गया के लोग बिंदी यादव को बचपन से देख रहे हैं. शुरू में ऐसा कुछ भी नहीं था जैसी की बंदी की अभी हैसियत है. 90 के दशक में बिंदी ने खूब तरक्की की. देखते ही देखते वो इलाके के बाहुबली नेता बन गये. ये वही दौर था जिसे बीजेपी जंगलराज बताती है - जब बिहार में लालू प्रसाद की सीधी सत्ता हुआ करती थी.
आरजेडी से जेडीयू में शिफ्ट हुए बिंदी यादव |
विधानसभा चुनाव से पहले स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद चुनाव हुए थे. सूत्र बताते हैं कि उसी दौरान लालू के कहने पर नीतीश ने बिंदी को जेडीयू में जगह दी, लेकिन टिकट के लिए तैयार नहीं हुए. फिर बिंदी की पत्नी मनोरमा विधान परिषद चुनाव लड़ीं और जीत गईं. बिंदी यादव का बस इतना ही लालू कनेक्शन है - बस.
अब ऐसी हालत में अगर बिहार के कारोबारी डरे हुए हैं तो उनकी आशंका स्वाभाविक है. वैसे रोड रेज की सिर्फ एक घटना से जंगलराज की हालत तो नहीं कही जा सकती, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं वो तो अच्छे नहीं है.
आम तौर पर ऐसी घटनाओं के बाद सीबीआई जांच की मांग होती है क्योंकि पीड़ित परिवारों को राज्य की पुलिस मशीनरी पर भरोसा नहीं होता, लेकिन बेटे की लाश देखने के बाद आदित्य मां ने जो कहा वो नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार पर बहुत बड़ी टिप्पणी है. आदित्य की मां का कहना था, "ये सुशासन की ओर से एक मां को मदर्स डे पर गिफ्ट है."
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.