राजनीतिक विश्लेषक यूपी के मुसलमान और उसकी वोट करने की सोच के बारे में कुछ यूं कहते हैं -
1. पहले भाई.
2. फिर भाजपा हराई.
3. उसके बाद सपाई.
4. आखिर में जिसको चाहे उसके दे वोट.
लेकिन, लोकसभा चुनाव 2014 और अब विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम वोटरों ने दिखाया है कि उनके वोटिंग का अंदाज तयशुदा नहीं है. इसे समझने के लिए ताजा चुनाव के कुछ आंकड़े जान लीजिए -
-मुस्लिम वोटरों को लुभावने के लिए सबसे बड़ा दाव मायावती ने खेला था. उन्होंने 97 टिकट मुसलमानों को दिए थे.
- सपा के टिकट पर उतरे उम्मीदवारों में से 67 मुसलमान थे.
- लेकिन भाजपा ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया. पार्टी ने ऐसा करने की वजह भी बताई कि उनके पास चुनाव जीतने लायक मुस्लिम उम्मीदवार नहीं है.
बावजूद इसके बीजेपी ने इस चुनाव में जीत का एक रिकॉर्ड कायम किया है. ऐसा भी माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने श्मशान-कब्रिस्तान वाला बयान देकर वोटों का ध्रुवीकरण किया है. लेकिन यूपी में बीजेपी को जैसी जीत पहले दौर में मिली है, वैसी ही आखिरी दौर में भी. यानी किसी तरह का ध्रुवीकरण इस पूरे चुनाव में देखने को नहीं मिल रहा है. मुस्लिम प्रभाव वाले इलाकों से भी बीजेपी को जीत मिली है. इस चुनाव में विजयी हुए मुस्लिम उम्मीदवारों की लिस्ट आपको हैरान कर देगी. जिसमें पिछले कई चुनाव से जीत रहे मुस्लिम क्ष्ात्रपों के नाम नदारद हैं.
2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में 64 मुस्लिम विधायक बने थे, और इस बार सिर्फ 25. ये रहे उनके नाम-
पहला चरण-
मेरठ रफीक अंसारी,...
राजनीतिक विश्लेषक यूपी के मुसलमान और उसकी वोट करने की सोच के बारे में कुछ यूं कहते हैं -
1. पहले भाई.
2. फिर भाजपा हराई.
3. उसके बाद सपाई.
4. आखिर में जिसको चाहे उसके दे वोट.
लेकिन, लोकसभा चुनाव 2014 और अब विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम वोटरों ने दिखाया है कि उनके वोटिंग का अंदाज तयशुदा नहीं है. इसे समझने के लिए ताजा चुनाव के कुछ आंकड़े जान लीजिए -
-मुस्लिम वोटरों को लुभावने के लिए सबसे बड़ा दाव मायावती ने खेला था. उन्होंने 97 टिकट मुसलमानों को दिए थे.
- सपा के टिकट पर उतरे उम्मीदवारों में से 67 मुसलमान थे.
- लेकिन भाजपा ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया. पार्टी ने ऐसा करने की वजह भी बताई कि उनके पास चुनाव जीतने लायक मुस्लिम उम्मीदवार नहीं है.
बावजूद इसके बीजेपी ने इस चुनाव में जीत का एक रिकॉर्ड कायम किया है. ऐसा भी माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने श्मशान-कब्रिस्तान वाला बयान देकर वोटों का ध्रुवीकरण किया है. लेकिन यूपी में बीजेपी को जैसी जीत पहले दौर में मिली है, वैसी ही आखिरी दौर में भी. यानी किसी तरह का ध्रुवीकरण इस पूरे चुनाव में देखने को नहीं मिल रहा है. मुस्लिम प्रभाव वाले इलाकों से भी बीजेपी को जीत मिली है. इस चुनाव में विजयी हुए मुस्लिम उम्मीदवारों की लिस्ट आपको हैरान कर देगी. जिसमें पिछले कई चुनाव से जीत रहे मुस्लिम क्ष्ात्रपों के नाम नदारद हैं.
2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में 64 मुस्लिम विधायक बने थे, और इस बार सिर्फ 25. ये रहे उनके नाम-
पहला चरण-
मेरठ रफीक अंसारी, एसपी
कैराना नहीद हसन, एसपी
धौलाना आसलम चौधरी, बीएसपी
दूसरा चरण-
सहारनपुर मसूद अख्तर, कांग्रेस
सौर अब्दुला आजम खान, एसपी
ठाकुरद्वारा नवाब जान, एसपी
अमरोहा महबूब अली, एसपी
रामपुर आजम खान, एसपी
चामरुआ नसीर अहमद खान, एसपी
संभल इकबाल महमूद, एसपी
कुंडकारी मोहम्मद रिजवान, एसपी
बिलारी मोहम्मद फहीम, एसपी
मुरादाबाद ग्रा. हाजी इकराम कुरैशी, एसपी
नजीबाबाद तसलीम अहमद, एसपी
तीसरा चरण -
कानपुर कैन्ट सोहेल अख्तर अंसारी काग्रेंस
सिशामऊ हाजी इरफान सोलांकी, एसपी
चौथा चरण -
प्रतापपुर मोहम्मद मुजताबा सिद्दिकी, बीएसपी
पांचवां चरण -
इसौली अबरार अहमद, एसपी
भिंगा मोहम्मद असलम, बीएसपी
मटेरा यासीर शाह, एसपी
छठा चरण -
मऊ मुख्तार अंसारी, बीएसपी
मुबारकपुर शाह आलम, बीएसपी
निजामाबाद आलमबादी, एसपी
गोपालपुर नफीस अहमद, एसपी
लालगंज आजाद आरी मर्दान, बीएसपी
सातवां चरण - कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं जीता
मुसलमानों की बीजेपी से जाहिर दूरी के बावजूद कुछ नतीजे वाकई हैरान करने वाले आए हैं. खासतौर पर मुस्लिम इलाकों से ही. देवबंद से ही बीजेपी उम्मीदवार विजयी हुआ है. जबकि यहां 70 फीसदी आबादी मुस्लिम है.
लिहाजा देवबंद का चुनाव एक टेस्ट केस है.
- क्या देवबंद का वोट सपा और बसपा में बंट गया ?
- क्या बीजेपी और मोदी से मुसलमानों की नाराजगी की बात झूठी है ?
- या कोई तबका ऐसा भी है जो मुद्दों को प्राथमिकता देता है, और वोटबैंक की तरह वोट नहीं डालता और उसके लिए बीजेपी अछूत नहीं है ?
इस बात का प्रमाण नहीं है, लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि तीन तलाक के मुद्दे पर बीजेपी ने जो स्टैंड लिया है, उससे मुस्लिम महिलाओं में उसकी पैठ बनी है. और बड़े पैमाने पर बीजेपी को मुस्लिम महिलाओं ने वोट दिया.
इसके अलावा मुसलमानों ने बीजेपी के खिलाफ ध्रुवीकरण करने वालों को सजा भी दी है. इसका उदाहरण है खलीलाबाद सीट का चुनाव परिणाम. यूपी में मुसलमानों को एकजुट करके मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देखने वाले और मुसलमानों को सत्ता में हिस्सेदारी दिलाने का सब्ज़बाग दिखाने वाले वाले डॉ. अय्यूब अपना चुनाव हार गए हैं. खलीलाबाद सीट पर वो 42041 वोट पाकर भाजपा और बसपा के बाद तीसरे नंबर पर रहे. उनकी पीस पार्टी महज़ 227998 यानी 0.3% पर वोटों पर सिमट कर रह गई. वहीं खुद को देश के प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने वाले असदु्द्दीन ओवेसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लमीन को 205232 यानी 0.2% वोट मिले हैं. इन दोनों पार्टियों को मिलाकर जितना वोट पड़ा है उससे कहीं ज्यादा वोट तो NOTA यानी सभी उम्मीदवारों को नकारने वाले विकल्प को मिला है.
अब आइए, एक नजर यूपी चुनाव 2012 के नतीजों पर भी, जब यहां 64 मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर-
1-भदोही जियाद बेग, सपा
2-मोहम्मदबाद सिब्गातुल्ला अंसारी, निर्दलीय
3-ज़हुरबाद सईदा शदाब फातिमा, सपा
4-जौनपुर नदीम जावेद, कांग्रेस
5-सिकंदरपुर जियाउद्दीन रिज़वी सपा
6-मऊ मुख्तार अंसारी, निर्दलीय
7-दिदारगंज आदिल शेख, सपा
8-निजामाबाद आलमबादी, सपा
9-मुबारकपुर शाह आलम, बसपा
10-गोपालपुर वासीम अहमद, सपा
11-रामपुर कारखाना चौधरी फसीह बशीर, सपा
12-पार्थदेव शाकिर अली, सपा
13-खलीललाबाद डा मोहम्मद अयूब, पीस पार्टी
14-दुमरियागंज कमल यूसुफ मलिक, पीस पार्टी
15-उतरौला आरिफ अनवर हाशमी, सपा
16-तुलसीपुर अब्दुल माशूद खान, सपा
17-श्रावस्ती मुहम्मद रमजन, एसपी
18-बहराइच डॉ वकार अहमद शाह, सपा
19-टांडा अज़ीमुलहक पहलवान, सपा
20-कुर्सी फरेद महफूज किदवाई, सपा
21-इलाहाबाद द. हाजी परवेज अहमद, सपा
22-फूलपुर सईद अहमद, सपा
23-फाफामऊ अंसार अहमद, सपा
24-चेल मोहम्मद आशिफ जाफरी, बसपा
25-हुसैनगंज मोहम्मद आसिफ, बसपा
26-फतेहपुर सईद कसीम हसन, सपा
27-सिशामऊ हाजी इरफान सोलंकी, सपा
28-भोजपुर जमालुद्दीन सिद्दीकी, सपा
29-इसौली अबरार अहमद, सपा
30-तिलोई मोहम्मद मुस्लिम, कांग्रेस
31-लखनऊ प. मोहम्मद रहमान, सपा
32-बंगारमऊ बदलू खान, सपा
33-शाहाबाद बाबू खान, सपा
34-लाहरपुर जसमीर अंसारी, बसपा
35-पीलीभीत रियाज अहमद, सपा
36-भोजीपुरा शाजिल इस्लाम, निर्दलीय
37 मेरगंज सुल्तान बेग, बसपा
38-बाहेरी अताउर्रहमान, सपा
39-बदांयु आबिद रजा खान, सपा
40-बिल्सी मुसरराज अली बिट्टन, बसपा
41-पटियाली नजईवा खान ज़ीनत, सपा
42-अलीगढ़ जफर आलम, सपा
43-कोइल ज़मीर उल्ला खान, सपा
44-बुलंदशहर मोहम्मद अलीम खान, बसपा
45-मुरादनगर वहाब, बसपा
46-लोनी जाकिर अली, बसपा
47-सिवाल्खस गुलाम मोहम्मद, सपा
48-हसनपुर कमल अख्तर, सपा
49-अमरोहा मेहबूब अली, सपा
50-नौगांवा सदात अशफाक अली खान, सपा
51-रामपुर आज़म खान, सपा
52-चामरुआ अली यूसुफ अली, बसपा
53-संभल इकबाल महमूद, एसपी
54-बिलारी मोहम्मद इरफान, सपा
55-कुंडर्की मोहम्मद रिजवान, सपा
56-मुरादाबाद नगर मोहम्मद यूसुफ अंसारी, सपा
57-मुरादाबाद ग्रा. शमीमुल हक, एसपी
58-कंठ अनीसुर रहमान, पीस पार्टी
59-चंदपुर इकबाल, बसपा
60-बरहपुर मोहम्मद गाजी, बसपा
61-नजीबाबाद तसलीम, बसपा
62-मेरापुर जमील अहमद कास्मी, बसपा
63-चौर्थवाल नूर सलीम राणा, बसपा
64-बुधना नवाज़िश आलम खान, सपा
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.