आरजेडी परिवार के मुखिया लालू प्रसाद यादव और केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान में एक बार फिर शब्दों के तीर चल रहे हैं. लालू ने पासवान पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि वह अब उम्रदराज हो चुके हैं लिहाजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चाहिए कि अपनी कैबिनेट में पासवान की जगह बिहार के बड़े दलित नेता जीतन राम मांझी को शामिल कर लें.
परिवारवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को साधते हुए लालू ने कहा कि केन्द्र की बीजेपी सरकार में वंशवाद को जगह नहीं दी जाती लिहाजा बूढ़े हो चले केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान को रिटायर करते हुए मांझी को जगह दी जानी चाहिए.
रामविलास और चिराग पासवान |
अब भला लालू की इस मांग पर रामविलास पासवान कैसे चुप बैठ सकते हैं. पलटवार करते हुए रामविलास ने कहा कि आखिर बिहार में सरकार बनाते वक्त लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी के दूसरे सबसे बड़े नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को डिप्टी सीएम पद के लिए क्यों नहीं चुना. अब्दुल बारी सिद्दीकी बिहार के बड़े मुसलमान नेता के साथ-साथ आरजेडी के कद्दावर नेता हैं लेकिन उन्हें नजरअंदाज करते हुए लालू ने अपने पुत्र तेजस्वी यादव को पार्टी की तरफ सत्ता के शिखर पर बैठाना उचित समझा.
लालू पर वंशवाद का यह हमला करते हुए पासवान ने कहा कि दरअसल लालू प्रसाद यादव प्रदेश की राजनीति में उनसे डरते हैं और उन्हें यही डर भविष्य में उनके बेटे चिराग पासवान से भी महसूस हो रहा है.
आरजेडी परिवार के मुखिया लालू प्रसाद यादव और केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान में एक बार फिर शब्दों के तीर चल रहे हैं. लालू ने पासवान पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि वह अब उम्रदराज हो चुके हैं लिहाजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चाहिए कि अपनी कैबिनेट में पासवान की जगह बिहार के बड़े दलित नेता जीतन राम मांझी को शामिल कर लें. परिवारवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को साधते हुए लालू ने कहा कि केन्द्र की बीजेपी सरकार में वंशवाद को जगह नहीं दी जाती लिहाजा बूढ़े हो चले केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान को रिटायर करते हुए मांझी को जगह दी जानी चाहिए.
अब भला लालू की इस मांग पर रामविलास पासवान कैसे चुप बैठ सकते हैं. पलटवार करते हुए रामविलास ने कहा कि आखिर बिहार में सरकार बनाते वक्त लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी के दूसरे सबसे बड़े नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को डिप्टी सीएम पद के लिए क्यों नहीं चुना. अब्दुल बारी सिद्दीकी बिहार के बड़े मुसलमान नेता के साथ-साथ आरजेडी के कद्दावर नेता हैं लेकिन उन्हें नजरअंदाज करते हुए लालू ने अपने पुत्र तेजस्वी यादव को पार्टी की तरफ सत्ता के शिखर पर बैठाना उचित समझा. लालू पर वंशवाद का यह हमला करते हुए पासवान ने कहा कि दरअसल लालू प्रसाद यादव प्रदेश की राजनीति में उनसे डरते हैं और उन्हें यही डर भविष्य में उनके बेटे चिराग पासवान से भी महसूस हो रहा है.
अब बिहार में दलित और यादव राजनीति के समीकरण को रामविलास पासवान और लालू प्रसाद यादव से बेहतर कोई नहीं जातना. लेकिन यह भी तय हैं कि मौजूदा समय में बिहार के दोनों दिग्गज नेताओं के सामने अपनी दशकों से अर्जित राजनीतिक को अपने वंश के हवाले करने की चुनौती है. यदि लालू ने बिहार में अब्दुल बारी सिद्दीकी को नजरअंदाज करते हुए तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनाया है तो उम्मीद रामविसाल पासवान से भी यही है कि वह अपनी जमीन अपने बेटे को सुपुर्द करने के लिए किसी को भी नजरअंदाज कर दें. अब मोदी सरकार लालू और पासवान की इस जुबानी जंग को कोई जवाब देने के लिए फिलहाल बाध्य नहीं है लेकिन उसे भी इतना साफ है कि लालू की तरह पासवान भी चाहेंगे कि उनके बेटे को ही उनकी राजनीति का उत्ताराधिकारी माना जाए. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |