मध्य प्रदेश में 43 नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव के नतीजों में बीजेपी ने एक बार फिर से बढ़त बनाते हुए 25 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार 15 स्थानों पर जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं. पिछले नगर निकाय चुनाव में इन 43 सीटों में से बीजेपी को 27 सीटें मिली थीं, वहीं कांग्रेस 9 सीटें ही जीत सकी थी. ऐसे में इन चुनाव परिणामों में जहां बीजेपी को 2 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है, तो वहीं कांग्रेस को 6 सीटों का फायदा हुआ है.
हालांकि दो सीटों के नुकसान के बावजूद यह परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए राहत की खबर हो सकती है. मध्य प्रदेश अभी पिछले ही महीने किसान आंदोलन की चपेट में था, राज्य के कई जिलों के किसान अपनी मांगों को लेकर सड़क पर थे और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौतरफा घिरे नजर आ रहे थे. देश भर की विपक्षी पार्टियों ने शिवराज सरकार को किसान विरोधी बता डाला, और साथ ही राज्य भर के कई जिलों से ऋण से दबे किसानो के आत्महत्या करने की भी खबरें आईं. मगर निकाय चुनाव परिणाम से एक बात साफ है कि अभी भी मध्य प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के बजाय भारतीय जनता पार्टी में ही अपना भरोसा जताया है. मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा के भी चुनाव होने हैं ऐसे में यह परिणाम निश्चित रूप से शिवराज सिंह चौहान के मनोबल को बढ़ा सकते हैं.
हालांकि कांग्रेस भी इन नतीजों को अपने पक्ष में बता रही है, कांग्रेस को इन चुनावों में पिछले बार की अपेक्षा 6 सीटों का फायदा हुआ है. कांग्रेस के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिन 27 शहरी सीटों पर प्रचार किया है उनमें से 15 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है, यह बताता है कि लोगों का शिवराज सिंह चौहान से मोहभंग हुआ है.