आरजेडी के बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन एक बार फिर चर्चा में है. इस बार अपने नए लुक को लेकर. साल बदला तो शहाबुद्दीन का लुक भी बदला. लेकिन नहीं बदला जेल का रवैया. जेल के अंदर खींची गई शहाबुद्दीन की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई. मामला जब तूल पकड़ने लगा तो सरकार ने जेल आईजी को इसके जांच के आदेश दे दिए.
पिछले साल भी बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर शहाबुद्दीन से मिलने सीवान जेल गए थे तब मंत्री जी के साथ शहाबुद्दीन की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तब भी सरकार ने जांच के आदेश दिए थे उसका क्या हुआ पता नही फिर तो शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. शहाबुद्दीन जेल से छूटे फिर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मजबूरी का मुख्यमंत्री बताया और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अपना नेता. इसको लेकर भी काफी विवाद हुआ था.
जेल में बंद होने पर भी शहाबुद्दीन का खौफ कम नहीं हुआ है |
राज्य सरकार पटना हाईकोर्ट के शहाबुद्दीन के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करते हुए फिर से जेल भेज दिया. लेकिन जेल जाने के बाद भी शहाबुद्दीन का खौफ कम नही हुआ. लगातार उनकी खबरें आती रहीं. उन से पीड़ित परिवारों ने शहाबुद्दीन को बिहार के जेल से शिफ्ट कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है याचिका पर अभी सुनवाई चल रही है कि शहाबुद्दीन के नए लुक में फोटो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार के सुशासन पर फिर से सवाल उठाने शुरू कर दिए. हांलाकि, फोटो वायरल होने के अलगे ही दिन सीवान जिला प्रशासन ने सीवान जेल में छापेमारी कर कई मोबाईल बरामद किए, लेकिन मोबाईल शहाबुद्दीन के पास से बरामद नहीं हुए. शहाबुद्दीन की नए लुक की फोटो मोबाईले खींच कर सोशल मीडिया पर डाली गई थी. अब देखना ये होगा कि जेल आईजी की जांच में क्या तथ्य निकल कर आ रहा...
आरजेडी के बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन एक बार फिर चर्चा में है. इस बार अपने नए लुक को लेकर. साल बदला तो शहाबुद्दीन का लुक भी बदला. लेकिन नहीं बदला जेल का रवैया. जेल के अंदर खींची गई शहाबुद्दीन की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई. मामला जब तूल पकड़ने लगा तो सरकार ने जेल आईजी को इसके जांच के आदेश दे दिए.
पिछले साल भी बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर शहाबुद्दीन से मिलने सीवान जेल गए थे तब मंत्री जी के साथ शहाबुद्दीन की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तब भी सरकार ने जांच के आदेश दिए थे उसका क्या हुआ पता नही फिर तो शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. शहाबुद्दीन जेल से छूटे फिर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मजबूरी का मुख्यमंत्री बताया और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अपना नेता. इसको लेकर भी काफी विवाद हुआ था.
जेल में बंद होने पर भी शहाबुद्दीन का खौफ कम नहीं हुआ है |
राज्य सरकार पटना हाईकोर्ट के शहाबुद्दीन के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करते हुए फिर से जेल भेज दिया. लेकिन जेल जाने के बाद भी शहाबुद्दीन का खौफ कम नही हुआ. लगातार उनकी खबरें आती रहीं. उन से पीड़ित परिवारों ने शहाबुद्दीन को बिहार के जेल से शिफ्ट कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है याचिका पर अभी सुनवाई चल रही है कि शहाबुद्दीन के नए लुक में फोटो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार के सुशासन पर फिर से सवाल उठाने शुरू कर दिए. हांलाकि, फोटो वायरल होने के अलगे ही दिन सीवान जिला प्रशासन ने सीवान जेल में छापेमारी कर कई मोबाईल बरामद किए, लेकिन मोबाईल शहाबुद्दीन के पास से बरामद नहीं हुए. शहाबुद्दीन की नए लुक की फोटो मोबाईले खींच कर सोशल मीडिया पर डाली गई थी. अब देखना ये होगा कि जेल आईजी की जांच में क्या तथ्य निकल कर आ रहा है.
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बिहार में जब सबकुछ ठीक-ठाक चलने लगता है तब-तब शहाबुद्दीन का खौफ बिहार के फिज़ाओं में तैरने लगता है. अभी पटना में प्रकाश पर्व इतने शानदार तरीके से मनाया गया तो फिर शहाबुद्दीन की तस्वीर सोशल मीडिया में तैरने लगीं.
पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने हाल ही में जान से मारने की धमकी का मामला पुलिस में दर्ज कराया है. रंजन की हत्या पिछले साल मई में कर दी गई थी जिसके पीछे शहाबुद्दीन के हाथ होने की आशंका जताई गई थी. आशा रंजन ने शहाबुद्दीन को बिहार से बाहर ट्रायल कराने की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की है जिस पर सुनवाई अभी चल रही है. ऐसे में शहाबुद्दीन की वायरल तस्वीर यह अहसास कराती है कि वो अभी हैं लोग ये न भूले. शायद इसे खौफ फैलाने का तरीका ही कहा जाएगा.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.