ये जंग महज विकास और भ्रष्टाचार जैसे दो शब्दों में सिमट गयी है. बोलने का लहजा भले बदल गया हो, मायने जस की तस हैं. 'संसद से सड़क' जो कुछ 'धूमिल' ने देखा था, वो कभी धूमिल नहीं होने वाला - क्योंकि तरक्की की उस इबारत का कैनवास भले बदल गया हो, तासीर बिलकुल वैसी ही है. शुरुआती जंग तो सड़क से सोशल मीडिया तक लड़ी जानी है - क्योंकि चुनाव आने वाले हैं.
तभी तो खबरें भी आने लगी हैं और फसाने को हकीकत और हकीकत को फसाना समझाने की रेस लग चुकी है. बात एक ही होती है मगर हर कोई उसे अपने अपने तरीके से तफसील से पेश करने लगा है - क्योंकि चुनाव आने वाले हैं.
वेबसाइट की खबर पर मचा बवाल
एक खबर आती है और विकास पर भ्रष्टाचार भारी पड़ता नजर आने लगता है. फिर खबरी को झूठा बता उसे कठघरे में खड़ा करने की तैयारी होने लगती है.
ये खबर आयी है न्यूज वेबसाइट द वायर पर. इस खबर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के टर्नओवर में बेतहाशा बढ़ोतरी की कहानी है. कांग्रेस इस कहानी को लेकर आक्रामक हो गयी है तो बीजेपी ने खबर को झूठी और फर्जी करार दिया है. इस बीच ये भी खबर है कि जय शाह वेबसाइट के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के मानहानि का दावा ठोकने जा रहे हैं. फिलहाल ये जंग मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये लड़ी जा रही है.
वेबसाइट ‘द वायर’ का दावा है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने और अमित शाह के बीजेपी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद शाह के बेटे जय अमितभाई शाह...
ये जंग महज विकास और भ्रष्टाचार जैसे दो शब्दों में सिमट गयी है. बोलने का लहजा भले बदल गया हो, मायने जस की तस हैं. 'संसद से सड़क' जो कुछ 'धूमिल' ने देखा था, वो कभी धूमिल नहीं होने वाला - क्योंकि तरक्की की उस इबारत का कैनवास भले बदल गया हो, तासीर बिलकुल वैसी ही है. शुरुआती जंग तो सड़क से सोशल मीडिया तक लड़ी जानी है - क्योंकि चुनाव आने वाले हैं.
तभी तो खबरें भी आने लगी हैं और फसाने को हकीकत और हकीकत को फसाना समझाने की रेस लग चुकी है. बात एक ही होती है मगर हर कोई उसे अपने अपने तरीके से तफसील से पेश करने लगा है - क्योंकि चुनाव आने वाले हैं.
वेबसाइट की खबर पर मचा बवाल
एक खबर आती है और विकास पर भ्रष्टाचार भारी पड़ता नजर आने लगता है. फिर खबरी को झूठा बता उसे कठघरे में खड़ा करने की तैयारी होने लगती है.
ये खबर आयी है न्यूज वेबसाइट द वायर पर. इस खबर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के टर्नओवर में बेतहाशा बढ़ोतरी की कहानी है. कांग्रेस इस कहानी को लेकर आक्रामक हो गयी है तो बीजेपी ने खबर को झूठी और फर्जी करार दिया है. इस बीच ये भी खबर है कि जय शाह वेबसाइट के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के मानहानि का दावा ठोकने जा रहे हैं. फिलहाल ये जंग मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये लड़ी जा रही है.
वेबसाइट ‘द वायर’ का दावा है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने और अमित शाह के बीजेपी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की कंपनी 'टेम्पल इन्टरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड' का टर्नओवर 16 हजार गुना बढ़ गया है.
खबर आते ही राहुल गांधी के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीटर पर पोस्ट हुआ, "आखिरकार हमने नोटबंदी के एकमात्र फायदेमंद शख्स की खोज कर ली, ये आरबीआई नहीं है, ये कोई गरीब भी नहीं है और न ही किसान है. ये डेमोक्रेसी के शाह-इन-शाह हैं. जय अमित."
फिर सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने इस मसले पर बीजेपी से जवाब मांगा. येचुरी ने एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट किये.
कांग्रेस और लेफ्ट के हमलों को लेकर बीजेपी के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने पहले तो खबर पर सवाल उठाया. आश्चर्य जताया और कुछ सवाल भी किये - और फिर बताया कि जय शाह खबर प्रकाशित करने वालों के खिलाफ 100 करोड़ का आपराधिक मानहानि का मुकदमा करने जा रहे हैं.
सोशल मीडिया के साथ साथ इस मामले को लेकर कांग्रेस कपिल सिब्बल मेनस्ट्रीम मीडिया के बीच आये. कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कंपनी के टर्नओवर पर दे दनादन कई सवाल दागे.
कपिल सिब्बल का सवाल था कि कंपनी के पास न तो कोई कच्चा माल था, और न ही कोई स्टॉक, इन सब के बावजूद क्या 80 करोड़ रुपये का टर्नओवर होना आश्चर्यजनक नहीं है? इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने पूरे मामले की जांच की मांग की और पूछा, “क्या प्रधानमंत्री सीबीआई से जांच कराएंगे? क्या गिरफ्तारियां होंगी? क्या प्रधानमंत्री इमानदारी से अमित शाह के बेटे के खिलाफ जांच कराएंगे?
कपिल सिब्बल के साथ साथ आम आदमी पार्टी ने भी हमला बोला. आप नेता आशुतोष ने कहा कि इस पर पीयूष गोयल को जवाब देना चाहिये क्योंकि ये उन्हीं के मंत्रालय का मामला है.
कांग्रेस, लेफ्ट और आप के बाउंसरों को झेलने के लिए खुद पीयूष गोयल ही सामने आये. पीयूष गोयल ने कहा कि जय शाह अहमदाबाद कोर्ट में दीवानी और फौजदारी के केस फाइल करेंगे.
क्योंकि चुनाव आने वाले हैं
केरल की जंग दिल्ली की सड़कों पर लड़ी जा रही है - क्योंकि चुनाव आने वाले हैं. लेकिन चुनाव फिलहाल न तो केरल में और न ही दिल्ली में होने वाले हैं, बल्कि - गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने जा रहे हैं. कोई भी कह सकता है कि चुनाव तो महज दो राज्यों में होने वाले हैं, लेकिन लगता तो ऐसे है जैसे अभी ही आम चुनाव होने वाले हैं. चुनाव भले ही ये कहे कि वो अगले साल सितंबर तक तैयार हो पाएगा, मगर, सुनता कौन है भला जश्न-ए-चुनाव तो अब महज एक मजेदार किस्सा है जो सावन हो या भादों, सर्दी हो या गर्मी सियासत का सदाबहार मौसम बन चुका है.
वैसे देखें तो बस तारीखों का ऐलान बाकी है, वरना जंग तो कब की शुरू हो चुकी है. मैदान-ए-जंग गुजरात में मसला विकास है तो हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार. कांग्रेस की मुहिम है - 'विकास पागल हो गया है' तो बीजेपी लाती है 'मैं विकास हूं, मैं गुजरात हूं'.
राहुल गांधी मोदी को झूठा साबित करने में लगे हैं, तो मोदी पूरी कांग्रेस को जमानत पर छूटे हुए लोग बताते हैं. मैदान-ए-जंग में चप्पल ही की वर्ड बन जाता है. राहुल गांधी किस्सा सुनाते हैं कि कैसे मोदी जी चप्पल पहन कर कंचनजंघा की पहाड़ी पर चढ़ जाते हैं तो मोदी सपना दिखाते हैं कि वो ऐसा विकास चाहते हैं कि लोग चप्पल पहन कर हवाई यात्रा किया करें.
तब तक ट्विटर पर #AmitShahKiLoot बनाम #LiesAgainstShah ट्रेंड कर रहा है जो तेज होती जा रही चुनावी हवाओं के चलते ऐसी ही छिटफुट बारिश होती रहने की भविष्यवाणी कर रहा है.
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