कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी छुट्टी पर जा रहे हैं. उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट करके दी. लेकिन इस बार वो अपने नानी के घर जा रहे हैं. ये बात अलग है कि उनका नानी का घर इटली में है. यानी वो गर्मियों की छुट्टियां अपने नानी के घर मनाएंगे. और शायद वो अपना बर्थडे जो कि 19 जून को होता है, वहीं मनाएंगे.
वैसे तो अपनी नानी के घर या विदेश कोई भी जा सकता है. पर बात जब देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की हो तो मामला और भी दिलचस्प हो जाता है. यहां बात राहुल गांधी की छुट्टियों पर जाने की हो रही है. राहु्ल गांधी जब-जब छुट्टियों पर जाते हैं तो सियासी गलियारे से लेकर सोशल मीडिया तक में चर्चा शुरू हो जाती है. आज जानने की कोशिश करते हैं, आखिर इसकी वजह क्या है.
पिछले महीने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जब दंगे फसाद हो रहे थे तो वहां जाने का अनुमति नहीं मिलने के बावजूद राहुल गांधी गए थे. लेकिन वहां उन्हें कोई राजनीतिक फायदा नहीं मिल पाया. लेकिन इसी महीने उन्हें एक और मौका मध्य प्रदेश के मंदसौर में मिला जहां किसानों का आंदोलन काफी उग्र था. वहां भी वो पहुंचे लेकिन निराशा ही हाथ लगी. और जब अगले ही महीने देश के राष्ट्रपति का चुनाव होना है और सारे विपक्षी पार्टियां राजग के खिलाफ गोलबंद हो रही हैं ठीक उसी वक्त राहुल छुट्टियां मनाने जा रहे हैं. तो जाहिर है उनको मूड फ्रेश करने का मौका तो चाहिए.
कहा तो ये भी जाता है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जितना अपने बयानों के लिए सुर्खियां नहीं बटोरते हैं उससे कहीं अधिक चर्चाएं उनकी छुट्टियों की होती हैं. और यही सबसे बड़ा कारण है कि आलोचनाएं चाहें जितनी भी हों, लोग...
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी छुट्टी पर जा रहे हैं. उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट करके दी. लेकिन इस बार वो अपने नानी के घर जा रहे हैं. ये बात अलग है कि उनका नानी का घर इटली में है. यानी वो गर्मियों की छुट्टियां अपने नानी के घर मनाएंगे. और शायद वो अपना बर्थडे जो कि 19 जून को होता है, वहीं मनाएंगे.
वैसे तो अपनी नानी के घर या विदेश कोई भी जा सकता है. पर बात जब देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की हो तो मामला और भी दिलचस्प हो जाता है. यहां बात राहुल गांधी की छुट्टियों पर जाने की हो रही है. राहु्ल गांधी जब-जब छुट्टियों पर जाते हैं तो सियासी गलियारे से लेकर सोशल मीडिया तक में चर्चा शुरू हो जाती है. आज जानने की कोशिश करते हैं, आखिर इसकी वजह क्या है.
पिछले महीने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जब दंगे फसाद हो रहे थे तो वहां जाने का अनुमति नहीं मिलने के बावजूद राहुल गांधी गए थे. लेकिन वहां उन्हें कोई राजनीतिक फायदा नहीं मिल पाया. लेकिन इसी महीने उन्हें एक और मौका मध्य प्रदेश के मंदसौर में मिला जहां किसानों का आंदोलन काफी उग्र था. वहां भी वो पहुंचे लेकिन निराशा ही हाथ लगी. और जब अगले ही महीने देश के राष्ट्रपति का चुनाव होना है और सारे विपक्षी पार्टियां राजग के खिलाफ गोलबंद हो रही हैं ठीक उसी वक्त राहुल छुट्टियां मनाने जा रहे हैं. तो जाहिर है उनको मूड फ्रेश करने का मौका तो चाहिए.
कहा तो ये भी जाता है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जितना अपने बयानों के लिए सुर्खियां नहीं बटोरते हैं उससे कहीं अधिक चर्चाएं उनकी छुट्टियों की होती हैं. और यही सबसे बड़ा कारण है कि आलोचनाएं चाहें जितनी भी हों, लोग चाहें उनका जितना भी अधिक मजाक उड़ाएं लेकिन वह न तो बयान देना छोड़ते हैं और न ही छुट्टियों पर जाना.
आइए जानते हैं इससे पहले राहुल गांधी कब कब ऐन मौके पर विदेशी दौरे पर गए थे
- पिछले साल दिसंबर में जब कांग्रेस पार्टी नोटबंदी को लेकर विरोध कार्यक्रमों की धार तेज कर रही थी, राहुल ठीक उसी वक्त विदेश चले गए थे और उनकी गैरमौजूदगी ने इस कार्यक्रम को फीका कर दिया था.
- पिछले ही साल जब देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का माहौल बना हुआ था ठीक उसी समय राहुल गांधी अपनी खाट सभाओं को छोड़कर नए साल की छुट्टियां मनाने लंदन चले गए थे.
- यही नहीं 2015 में बिहार चुनाव के ठीक पहले राहुल गांधी फ्रांस चले गए थे.
- राहुल की सबसे चर्चित छुट्टी फरवरी 2015 की थी, जब राहुल गांधी अचानक देश से बाहर चले गए थे और जब वे 57 दिन बाद दिल्ली लौटे तो पता चला कि वह बैंकाक, म्यामांर घूमने गए थे और उन्होंने ध्यान करना भी सीखा. उस वक्त विपक्ष ने मजाक भी बनाया था कि 2014 की शर्मनाक हार के बाद उनका झुकाव आध्यात्म की ओर हो गया है.
- राहुल गांधी नवंबर 2014 में अचानक गायब हो गए थे. सवाल संसद तक में उठा तो कांग्रेस को बचाव में उतरना पड़ा था और अमेरिका के एक सेमिनार की फोटो जारी की गई और कहा गया कि वह बिना बताए नहीं गए हैं उनका कार्यक्रम पहले से तय था और पार्टी को पूरी जानकारी दी गई थी.
- राहुल गांधी 2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले गुप्त स्थान पर छुट्टियां मनाने चले गए थे इसी बीच एक खुली जीप पर घूमते राहुल की फोटो सामने आई थी और बताया गया था कि यह रणथंभौर के नेशनल पार्क की है.
- उत्तराखंड बाढ़ के समय जून 2013 में भी राहुल गांधी विदेश में छुट्टी मना रहे थे, उस वक्त वहां उन्हीं की सरकार थी.
- साल 2012 में हद तब हो गई थी जब वे नए साल की छुट्टियां मनाने फ्रांस चले गए थे जिसमें एक फोटो में वो एक युवती के साथ दिखाई दिए थे.
लेकिन हमें इस बात पर गौर भी करना चाहिए कि हो सकता है कि विदेश जाने की ये योजनाएं बड़ी चतुराई से रची जातीं हों, क्योंकि जब भी वे विदेश जाते हैं तो उन्हें मिलने वाली कवरेज दोगुनी हो जाती है. वे टीवी पर ज्यादा दिखने लगते हैं, अखबार में ज्यादा छपते हैं और सबका ध्यान उनकी तरफ होता है.
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