पहली बार में ही दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाने के बाद कॉन्फिडेंट केजरीवाल ने दिल्ली के नगर निमग चुनाव के लिए भी कमर कस ली थी. सबको ये लग रहा था कि कहीं इस बार भी आम आदमी पार्टी जीतकर सरप्राइज न कर दें. लेकिन, मोदी लहर में एमसीडी चुनाव में केजरीवाल भी उड़ गए और भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की.
सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके हार के कारण बताए हैं, जो काफी हद तक सही भी हैं क्योंकि उनके हर भाषण और ट्वीट में वहीं बातें हैं जो विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनावों में थीं. किसी ने उनको अहंकार बताया तो किसी ने उनको नकली बताया... आइए जानते हैं क्या थे वह कारण जिसके चलते आप एमसीडी चुनाव में साफ हुई और बीजेपी की शानदार जीत हुई...
अहंकार, बदजुबानी के कारण आप की हार
पूरे चुनाव में केजरीवाल और उनके नेता के सारे दांव फेल होते नजर आए. उन्होंने विरोधियों पर तीखे वार किए और अहंकारी बयानों से वो जनता को लुभा नहीं पाई. विकास के एजेंडे को खूटी पर टांगकर उन्होंने लोगों को बीजेपी की बुराइयां बताईंय ये जानते हुए भी कि बीजेपी हर राज्य में कमाल कर रही है और मोदी लहर जोरों पर है. लोगों ने अहंकार, बदजुबानी के कारण आप की हार का अहम कारण बताया.
आम आदमी पार्टी ने आरोपों की राजनीति भी बहुत की. केजरीवाल ने पिछले दो साल के कार्यकाल में लगातार यही बात कही कि केंद्र सरकार उन्हें काम नहीं करने दे रही है. तो वहीं दूसरी तरफ कह रही है कि आप सरकार ने दो साल में जितना अच्छा काम किया है उतना अच्छा काम किसी भी सरकार ने नहीं किया. केजरीवाल सरकार की ये दोनों बातें ही एक-दूसरे की विरोधी हैं.
पूरे चुनाव में किया मोदी-मोदी...
सीएम केजरीवाल ने प्रचार के दौरान लगातार पीएम मोदी पर हमले किए थे. उन्होंने अहम मुद्दों को दूर रखते हुए पीएम मोदी के खिलाफ प्रचार किया. उनका ऐसा करना बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लिए सकारात्मक साबित हुआ.
केजरीवाल ने यहां लोगों का ध्यान जरूरी मुद्दों पर रखना सही नहीं समझा, जो उन्हें ही भारी पड़ गया और नतीजा आपके सामने है. एक तरफ जहां बीजेपी मुद्दों पर फोकस्ड थी वहीं आप का फोकस बीजेपी पर आरोप लगाने पर था.
आप पर आरोप सुन-सुनकर परेशान हुई जनता
दिल्ली में आप की सरकार को दो साल हो चुके हैं और उस पर इतने आरोप लगे हैं कि जनता भी उससे परेशान हो गई. कभी सेक्स सीडी कांड कभी भ्रष्ट नेता का भंडाफोड़ तो कोई नेता शराब पीकर सड़कों पर हंगामा करता दिखा. ये सारे कांड दिल्ली की जनता को याद थे.
उसके बाद भी आम आदमी पार्टी खुद को डिफेंड करने की बजाय विरोधियों पर दोष जड़ती दिखी. ये उनका हार का कारण बनता है और बीजेपी के जीत का...
आप के ऊंट-पटांग बयान
पूरे चुनाव में आम आदमी पार्टी विवादित उल्टे-सीधे ,ऊंट-पटांग, उल-जलूल बयान देती दिखी. सीएम केजरीवाल भी इसमें पीछे नहीं रहे... उनका 'डेंगू-चिकनगुनिया' वाले बयान की खूब आलोचना हुई थी. केजरीवाल ने जनता से कहा था कि अगर कल को आपके घर में डेंगू हो जाए तो इसके लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे क्योंकि आपने बीजेपी को वोट दिया है.
अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर बीजेपी को डेंगू और चिकनगुनिया वाली पार्टी करार देते हुए दिल्लीवासियों से कहा था कि अगर आपने बीजेपी को वोट दिया तो 5 साल तक कूड़ा, मछर ऐसे ही रहेंगे. केजरीवाल के इस बयान के बाद से उनकी काफी आलोचना हो रही थी. जाहिर सी बात है कि इस तरह के बयान की वजह से केजरीवाल को जनता का साथ नहीं मिल सकता था.
बीजेपी पर दोष दिया जो हुआ गलत साबित
एमसीडी चुनाव के शुरुआत में ही आप ने बीजेपी प्रत्याक्षियों को भ्रष्ट बताया. जिसके बाद बीजेपी ने अपने सारे प्रत्याक्षी बदल दिए. यहां आप फेल साबित हुई. बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी को बनाया जिनके खिलाफ कोई आरोप नहीं था. यानी कुल मिलाकर बीजेपी को दोष देकर वो खुद फंस गई.
ईवीएम का मुद्दा घाटे का सौदा साबित हुआ
अरविंद केजरीवाल ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद ईवीएम में गड़बड़ी होने का मुद्दा बहुत ही जोर-शोर से उठाया था, लेकिन इस मुद्दे को एमसीडी चुनाव में जरूरत से ज्यादा तूल देना केजरीवाल के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ.
केजरीवाल ने चुनाव प्रचार में जमीनी स्तर के मुद्दे न उठाकर ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे को ज्यादा हवा दी. ऐसा करना उनके लिए गलत साबित हुआ. कुल मिलाकर एमसीडी चुनाव में बीजेपी बाहुबली साबित हुई तो वहीं आप पिटी हुई फिल्म की तरह. अब ये देखना होगा कि आम आदमी पार्टी अभी भी बीजेपी को दोष ठहराती है या हार को सीख समझ आगे बढ़ती है.
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