भले ही पिछले एक पखवाड़े से समाजवादी पार्टी में एक ख़ामोशी दिख रही हो, भले चाचा-भतीजे एक दूसरे के खिलाफ कुछ भी सार्वजनिक रूप से बोलने से बच रहे हों, लेकिन दोनों के बीच पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई अपने चरम पर है.
शिवपाल यादव और अखिलेश दोनों ऐसे एकतरफा फैसले ले रहे हैं जो इनकी आपसी लड़ाई को सतह पर ला रहा है. अखिलेश यादव वो सरकारी फैसले ले रहे हैं जो शिवपाल यादव को चिढ़ा रहे हैं, तो जबाब में शिवपाल यादव के सांगठनिक फैसले भी अखिलेश यादव को परेशान करने के लिए काफी.
फाइल फोटो |
अखिलेश ने शिवपाल के विरोधी को दिया राज्यमंत्री का दर्जा तो शिवपाल ने अखिलेश के करीबियों का टिकट छीन लिया. अखिलेश यादव ने जावेद आब्दी को सिचाई विभाग में सलाहकार का पद दिया तो ये शिवपाल यादव को चिढ़ाने के लिए काफी था क्योंकि ये वही जावेद आब्दी है जिन्हें शिवपाल यादव ने रजत जयंती कार्यक्रम में अखिलेश यादव के पक्ष में नारेबाजी करते वक्त धक्का दिया था जिसे दुनिया ने देखा था. उसी जावेद आब्दी को अखिलेश यादव ने दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बना दिया.
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अखिलेश यादव के इस रवइए से शिवपाल यादव ने 23 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में चुनचुन कर उन लोगों के नाम है जिनका अखिलेश यादव सार्वजनिक रूप से विरोध कर चुके हैं.
अतीक अहमद और सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट देना ही अखिलेश यादव को चढ़ाने के लिए काफी था लेकिन चाचा शिवपाल यहीं नहीं रुके और सात उन लोगों की टिकट भी...
भले ही पिछले एक पखवाड़े से समाजवादी पार्टी में एक ख़ामोशी दिख रही हो, भले चाचा-भतीजे एक दूसरे के खिलाफ कुछ भी सार्वजनिक रूप से बोलने से बच रहे हों, लेकिन दोनों के बीच पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई अपने चरम पर है.
शिवपाल यादव और अखिलेश दोनों ऐसे एकतरफा फैसले ले रहे हैं जो इनकी आपसी लड़ाई को सतह पर ला रहा है. अखिलेश यादव वो सरकारी फैसले ले रहे हैं जो शिवपाल यादव को चिढ़ा रहे हैं, तो जबाब में शिवपाल यादव के सांगठनिक फैसले भी अखिलेश यादव को परेशान करने के लिए काफी.
फाइल फोटो |
अखिलेश ने शिवपाल के विरोधी को दिया राज्यमंत्री का दर्जा तो शिवपाल ने अखिलेश के करीबियों का टिकट छीन लिया. अखिलेश यादव ने जावेद आब्दी को सिचाई विभाग में सलाहकार का पद दिया तो ये शिवपाल यादव को चिढ़ाने के लिए काफी था क्योंकि ये वही जावेद आब्दी है जिन्हें शिवपाल यादव ने रजत जयंती कार्यक्रम में अखिलेश यादव के पक्ष में नारेबाजी करते वक्त धक्का दिया था जिसे दुनिया ने देखा था. उसी जावेद आब्दी को अखिलेश यादव ने दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बना दिया.
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अखिलेश यादव के इस रवइए से शिवपाल यादव ने 23 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में चुनचुन कर उन लोगों के नाम है जिनका अखिलेश यादव सार्वजनिक रूप से विरोध कर चुके हैं.
अतीक अहमद और सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट देना ही अखिलेश यादव को चढ़ाने के लिए काफी था लेकिन चाचा शिवपाल यहीं नहीं रुके और सात उन लोगों की टिकट भी काट दी जो मुख्यमंत्री के करीबी थे.
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बहरहाल शिवपाल यादव ने ये ऐलान किया कि सभी फैसले "नेताजी" यानि मुलायम सिंह यादव की मर्जी से लिए गए हैं, लेकिन ये फैसले ही आखिरी होंगे इसमें संदेह है. सूत्रो की मानें तो अखिलेश यादव शिवपाल के एकतरफा फैसलों से नाराज़ हैं और अपने समर्थकों को ये भरोसा दिला रहे हैं कि आखिरी फैसला उन्ही का होगा, ऐसे में अभी चाचा भतीजे के बीच कुश्ती के कई दौर बाकी हैं.
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