भारतीय राजनीति में रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं है. आजकाल 60 की उम्र में रिटायरमेंट की कुछ बातें चल रही हैं, लेकिन शायद भारतीय राजनीति में टिके रहने के लिए अनुभव जरूरी है. इसीलिए हमें राजनेताओं की रिटायरमेंट सीमा देखने को नहीं मिलती. जैसे कि-
पिनाराई विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन 72 साल के हैं. विजयन 1964 में कम्युनिस्ट पार्टी में सदस्य बने और 2016 से केरल के एलडीएफ सरकार के मुखिया हैं.
वी एस अच्युतानंदन
एलडीएफ पार्टी के ही 93 वर्षीय वी एस अच्युतानंदन 78 सालों राजनीति में सक्रिय हैं. वह केरल के मुख्यमंत्री भी रहे और सीपीएम के पोलितब्यूरो मेंबर भी हैं. दरअसल अच्युतानंदन उन 32 लोगों में से हैं जिन्होंने 1964 में सीपीएम की स्थापना की थी. वीएस, जैसे कि वह जाने जाते हैं 1938 में कांग्रेस के मेंबर बने थे. इसके दो साल बाद ही उन्होंने सीपीआई ज्वाइन की थे.
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एम करूणानिधि
डीएमके के एम करूणानिधि आजकाल बीमार चल रहे हैं. लेकिन 92 साल के करूणानिधि अभी भी डीएमके की बागडोर संभाले हुए हैं. 2016 उनके राजनीतिक जीवन का 78वां साल है. गौरतलब है कि उन्होंने 14 साल की उम्र में जस्टिस पार्टी जॉइन की थी.
प्रकाश सिंह बादल
पंजाब के मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल 89 साल के हैं. उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1947 में हुई. यानि कि वह करीब 69 साल से सक्रिय राजनीति में हैं.
लाल कृष्णा अडवाणी
भाजपा के लौहपुरुष लाल कृष्णा अडवाणी जी 89 साल के हैं. अडवाणी जी 1942 में आरएसएस से जुड़े थे, जब जन संघ का उदय हुआ तो वह 1951 में जन संघ का हिस्सा बने और वाजपेयी सरकार में देश के उप प्रधानमंत्री बने. उनका राजनीतिक सफर करीब करीब 74 साल का है.
एच डी देवेगौड़ा
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री श्री एच डी देवे गौड़ा 83 साल के हैं. उनका राजनीतिक जीवन करीब 63 साल का है. गौरतलब है कि उनके राजनीतिक जीवन 1953 में कांग्रेस से शुरू हुआ था.
तरुण गोगोई
असम के पूर्व मुख्यमंत्री श्री तरुण गोगोई जी 53 साल से अधिक सक्रिय राजनीति से जुड़े हुए हैं. उनके राजनीतिक जीवन का सफर 1963 में कांग्रेस के साथ शुरू हुआ था.
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इस गोल्डन जुबली क्लब में बहुत जल्दी ही दो नए नाम जुड़ने जा रहे हैं. एक एनसीपी के कर्णधार श्री शरद पवार जी का और दूसरा समाजवादी पार्टी के प्रिय 'नेताजी' यानि श्री मुलायम सिंह जी का. इन दोनों की राजनीतिक जीवन 1967 में शुरू हुआ था और आने वाले साल 2017 उनकी राजनीतिक यात्रा का गोल्डन जुबली वर्ष रहेगा.
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2017 में राजनीतिक जीवन के पूरे होंगे 50 साल |
60 से अधिक की उम्र तक राजनीतिक जीवन में रहना चाहिए कि नहीं यह प्रश्न फिर कभी, लेकिन इन राजनीतिक दिग्गजों का जज्बा, देश की राजनीति और सेवा में जो उनका योगदान रहा वह सराहनीय है.
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