बार-बार और चिल्लाकर बोला गया झूठ सच प्रतीत होने लगता है. लेकिन कब तक? सच सच होता है... देर-सबेर लोगों तक पहुंच ही जाता है. पीएम मोदी के संसद में सोने वाला 'झूठ' का असली सच अब सामने आ गया है. आईचौक के द्वारा लिखे गए विचार में भी इस ओर इशारा किया गया था कि पीएम मोदी सोते हुए प्रतीत हो रहे हैं... जरूरी नहीं कि वह सो ही रहे हों. प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या... अब तो वीडियो ही सामने है.
जिस सोशल मीडिया पर लोगों ने पीएम मोदी के संसद में सोने पर एक दिन पहले बवाल काटा था, किरण कुमार एस. ने उसी सोशल मीडिया का सहारा लेकर इसे झूठ साबित कर दिया. किरण ने ट्विटर पर लोकसभा टीवी का स्क्रीनशॉट (टाइमफ्रेम के साथ) लगाया और झूठ का पर्दाफाश किया. उन्होंने यूट्यूब पर 1 मिनट 20 सेकंड का एक वीडियो भी अपलोड किया. इस वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि पीएम मोदी ने कुछ देखने के लिए चंद सेकंड की खातिर अपना सिर झुकाया और फिर चर्चा को गौर से सुनने लगे.
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सोशल मीडिया लोगों को जोड़ने और सिर्फ बतियाने भर तक सीमित नहीं रह गया है. यहां राजनीति भी होती है, झूठ-सच का खेल भी खेला जाता है. इसलिए अंधभक्त होने और दनादन शेयर करने के बजाय वीडियो देखें और अपने दिमाग की बत्ती जलाएं.
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