राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गहमागहमी थम गयी जब सत्ता और विपक्ष पक्ष ने अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये. रामनाथ कोविंद जहां एनडीए के तरफ से लड़ रहे हैं तो मीरा कुमार विपक्ष की उम्मीदवार हैं. अगर आकड़ों पर गौर करे तो रामनाथ कोविंद मजबूत पोजीशन पर नजर आ रहे हैं.
कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होना हैं और वोटों की गिनती तीन दिन बाद होगी. अब राजनितिक और सियासी गलियारों में चर्चा ये शुरू हो गयी हैं की अगला उपराष्ट्रपति कौन बनेगा? इलेक्शन कमीशन द्वारा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया गया है. उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव 5 अगस्त को होगा.
उपराष्ट्रपति पद के लिए भी उम्मीदवार के चयन को लेकर बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है. जानकारों का कहना हैं की राष्ट्रपति पद की तरह ही उपराष्ट्रपति पद के लिए भी पार्टी आलाकमान और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पसंद ही मायने रखेगी. कई कयास लगाए जा रहे हैं. सबसे बड़ा प्रश्न ये हैं की अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? क्या वो गैर-राजनीतिज्ञ होगा, कई अनुमान लगा रहे हैं शायद अल्पसंख्यक (मुस्लिम) हो, संभावना ये भी लगाई जा रही हैं की कोई दक्षिण भारतीय हो सकता है या फिर वो ट्राइबल (जनजाति) या उच्च जाति से आता हो.
राष्ट्रपति पद के लिए सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर उम्मीदवार का चयन किया गया है, उपराष्ट्रपति पद को लेकर भी पार्टी गंभीर है और इस पद के उम्मीदवार के जरिए भी प्रधानमंत्री मोदी एक बड़े वर्ग को सन्देश देने का प्रयास करेंगे. एक नजर डालते हैं कुछ सम्भावनाओ पर की अगला उपराष्ट्रपति किस क्षेत्र से आ सकता हैं.
गैर-राजनीतिज्ञ
एनडीए की सरकार जहां राष्ट्रपति के उम्मीदवार...
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गहमागहमी थम गयी जब सत्ता और विपक्ष पक्ष ने अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये. रामनाथ कोविंद जहां एनडीए के तरफ से लड़ रहे हैं तो मीरा कुमार विपक्ष की उम्मीदवार हैं. अगर आकड़ों पर गौर करे तो रामनाथ कोविंद मजबूत पोजीशन पर नजर आ रहे हैं.
कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होना हैं और वोटों की गिनती तीन दिन बाद होगी. अब राजनितिक और सियासी गलियारों में चर्चा ये शुरू हो गयी हैं की अगला उपराष्ट्रपति कौन बनेगा? इलेक्शन कमीशन द्वारा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया गया है. उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव 5 अगस्त को होगा.
उपराष्ट्रपति पद के लिए भी उम्मीदवार के चयन को लेकर बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है. जानकारों का कहना हैं की राष्ट्रपति पद की तरह ही उपराष्ट्रपति पद के लिए भी पार्टी आलाकमान और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पसंद ही मायने रखेगी. कई कयास लगाए जा रहे हैं. सबसे बड़ा प्रश्न ये हैं की अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? क्या वो गैर-राजनीतिज्ञ होगा, कई अनुमान लगा रहे हैं शायद अल्पसंख्यक (मुस्लिम) हो, संभावना ये भी लगाई जा रही हैं की कोई दक्षिण भारतीय हो सकता है या फिर वो ट्राइबल (जनजाति) या उच्च जाति से आता हो.
राष्ट्रपति पद के लिए सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर उम्मीदवार का चयन किया गया है, उपराष्ट्रपति पद को लेकर भी पार्टी गंभीर है और इस पद के उम्मीदवार के जरिए भी प्रधानमंत्री मोदी एक बड़े वर्ग को सन्देश देने का प्रयास करेंगे. एक नजर डालते हैं कुछ सम्भावनाओ पर की अगला उपराष्ट्रपति किस क्षेत्र से आ सकता हैं.
गैर-राजनीतिज्ञ
एनडीए की सरकार जहां राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में राजनितिक अनुभव रखने वाले रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया है, वही इसके विपरीत हो सकता है की कोई गैर-राजनीतिज्ञ व्यक्ति को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाये. कई संभावित नाम की चर्चाएं हो रही हैं उसमे प्रमुख हैं कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वीमानाथन और मैट्रो मैन के नाम से मशहूर श्रीधरन. सबको याद होगा की 2007 में कांग्रेस की सरकार ने हामिद अंसारी को उपराष्ट्रपति बनाया था और जिनका राजनितिक अनुभव नहीं था.
मुस्लिम
नरेंद्र मोदी की सरकार को हमेशा से मुस्लिम विरोधी के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता हैं. हाल के दिनों में असहिष्णुता के आरोप लगाए गए हैं. जगह-जगह धरना प्रदर्शन हो रहे हैं. इन आरोपों को दरकिनार करने के लिए हो सकता है बीजेपी कोई मुस्लिम उम्मीदवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए खड़ा करे.
साउथ पर दांव
इस बार हो सकता हैं की बीजेपी साउथ पर दांव खेले. बीजेपी को शुरू से ही उत्तर भारत की पार्टी माना जाता रहा है. बीजेपी के पास बहुत ही अच्छा मौका हैं कि वह दक्षिण में पैर पसारने के लिए कोई दक्षिण के व्यक्ति को उपराष्ट्रपति पद के लिए खड़ा करे. दक्षिण भारत में बीजेपी कर्नाटक के अलावा कहीं दुसरे राज्य में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी है. कर्णाटक में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं. इस फैक्टर के साथ-साथ बीजेपी को लग रहा हैं की नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दक्षिण भारत में भी बीजेपी के प्रति आकर्षण बढ़ा है और वहां के वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी ये दांव चल सकती हैं.
उच्च जाति से उपराष्ट्रपति
उच्च जाति के वोटर हमेशा से बीजेपी को वोट देते आये हैं. बीजेपी के अध्यक्ष और भारत के प्रधानमंत्री दोनों अन्य पिछड़ी जाति से आते हैं. राष्ट्रपति पद के लिए दलित उम्मीदवार का चयन किया गया है. ऐसे में सही समीकरण बरक़रार रखने के लिए उच्च जाति के उम्मीदवार को उपराष्ट्रपति पद दिया जा सकता है.
ट्राइबल (जनजाति)
राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का नाम प्रमुखता से उभरा था लेकिन प्राथमिकता दलित को दी गयी. हो सकता है की उपराष्ट्रपति कोई दलित को बनाया जाये.
इन सब के परे सबको मालूम है की मोदी चौकाने वाले फैसले लेते हैं. अभी फिलहाल बीजेपी के अंदर जो उपराष्ट्रपति पद के दावेदारों के नाम चल रहे हैं उनमे प्रमुख हैं वेंकैया नायडू, आंनदीबेन पटेल, सुषमा स्वराज, थावरचंद गहलोत इत्यादि. अब देखना हैं आगे क्या होता हैं
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