जब कभी भी देश पर हमला होता है, लोग अपना गुस्सा सोशल मीडिया पर व्यक्त करने लगते है. मगर कुछ लोग अपना गुस्सा कलाकारों पर निकालते हैं कि तुमने पाकिस्तानी कलाकारों को क्यों फिल्म में लिया? मगर मेरा सवाल ये है कि ये लोग तब कहां थे जब प्रधानमंत्री मोदी, नवाज़ शरीफ के जन्मदिन पर पाकिस्तान गए और इस बात कि सूचना उन्होंने महज़ एक ट्वीट करके दी थी. ये लोग तब क्यों नही सामने आए जब मोदी ने नवाज़ शरीफ के घर खाना खाया और उनकी मां को तोहफे दिये.
ज़रा सोचिए अगर प्रधानमंत्री मोदी की जगह शाहरुख या करण जौहर ही चले गये होते नवाज़ शरीफ के घर शादी के समारोह में, तो ये लोग क्या करते? क्या आप सोच सकते हैं? शायद आप नहीं सोच सकते. ये लोग शाहरुख या करण या जो भी शख्स पाकिस्तान जाता उसे गद्दार घोषित कर देते. शाहरुख ने महज़ अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिये सभी देशों के साथ पाकिस्तान से भी फिल्म देखने की अपील की थी. नतीजा क्या निकला, चंद लोगो ने शाहरुख को गद्दार तक कह डाला.
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कुछ भी होता है तो ये लोग ऐसे लोगो को निशाना बनाते है जैसे हमला इनकी वजह से हुआ हो. करण जौहर का क्या दोष? आपने अपने शपथ समारोह में नवाज़ शरीफ को आमंत्रित किया. क्यों किया आपने? आपको इसलिये तो देश की जनता ने 282 सीटें नहीं दी थी.
फवाद खान और करन जौहर |
मगर ये लोग जो विरोध करते है तब शायद कहीं हिमालय पर तपस्या कर रहे...
जब कभी भी देश पर हमला होता है, लोग अपना गुस्सा सोशल मीडिया पर व्यक्त करने लगते है. मगर कुछ लोग अपना गुस्सा कलाकारों पर निकालते हैं कि तुमने पाकिस्तानी कलाकारों को क्यों फिल्म में लिया? मगर मेरा सवाल ये है कि ये लोग तब कहां थे जब प्रधानमंत्री मोदी, नवाज़ शरीफ के जन्मदिन पर पाकिस्तान गए और इस बात कि सूचना उन्होंने महज़ एक ट्वीट करके दी थी. ये लोग तब क्यों नही सामने आए जब मोदी ने नवाज़ शरीफ के घर खाना खाया और उनकी मां को तोहफे दिये.
ज़रा सोचिए अगर प्रधानमंत्री मोदी की जगह शाहरुख या करण जौहर ही चले गये होते नवाज़ शरीफ के घर शादी के समारोह में, तो ये लोग क्या करते? क्या आप सोच सकते हैं? शायद आप नहीं सोच सकते. ये लोग शाहरुख या करण या जो भी शख्स पाकिस्तान जाता उसे गद्दार घोषित कर देते. शाहरुख ने महज़ अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिये सभी देशों के साथ पाकिस्तान से भी फिल्म देखने की अपील की थी. नतीजा क्या निकला, चंद लोगो ने शाहरुख को गद्दार तक कह डाला.
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कुछ भी होता है तो ये लोग ऐसे लोगो को निशाना बनाते है जैसे हमला इनकी वजह से हुआ हो. करण जौहर का क्या दोष? आपने अपने शपथ समारोह में नवाज़ शरीफ को आमंत्रित किया. क्यों किया आपने? आपको इसलिये तो देश की जनता ने 282 सीटें नहीं दी थी.
फवाद खान और करन जौहर |
मगर ये लोग जो विरोध करते है तब शायद कहीं हिमालय पर तपस्या कर रहे होंगे या इन्हें उस समय सब कुछ दिखाई देना या सुनाई देना बंद हो गया होगा. अगर प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान जाते हैं या पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को यहीं बुलाते हैं तो वो भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधार रहे हैं. मगर करण जौहर या शाहरुख खान पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करते हैं तो वो गद्दार घोषित कर दिये जाते हैं. आखिर ऐसा दोहरा मापदंड क्यों?
कभी किसी ने प्रधानमंत्री के घर के बाहर तो नहीं प्रदर्शन किया. ना ही कभी विरोध की कोई आवाज़ सुनाई दी. कल ही करण जौहर के ऑफिस के बाहर 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया. ऐसा भी क्या कर दिया था करण ने जो उनके दफ्तर के बाहर इतना प्रदर्शन किया गया?
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ये कलाकार एक सॉफ्ट टारगेट है. इसलिये ये लोग इन्हें आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं. मगर क्या इनमें इतना साहस है कि एक बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रदर्शन कर सकें? उनसे पूछ सकें कि आपके पाकिस्तान ने भारत पर इतने हमले कर दिये. आप कब कार्यवाही करेंगे?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.