क्या कांग्रेस को अफजल गुरु की फांसी को लेकर अफसोस है? क्या कांग्रेस बहाने से अफजल गुरु को फांसी दिये जाने को लेकर पश्चाताप करना चाहती है?
देशद्रोह के आरोपी जेएनयू के छात्रों को राहुल गांधी का सपोर्ट और फिर पी चिदंबरम का ताजा इंटरव्यू आखिर क्या संदेश दे रहे हैं?
फांसी गलत कैसे?
दिसंबर, 2001 में संसद पर हमले के जुर्म में अफजल गुरु को हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. फिर अफजल ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी. राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने पर 9 फरवरी को सुबह 8 बजे तिहाड़ जेल में अफजल को फांसी पर लटका दिया गया.
फांसी पर कांग्रेस
तब अफजल की फांसी को कांग्रेस नेताओं ने जायज ठहराया था. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, "सरकार चाहती है कि देश में सौहार्द की स्थिति बनीं रहे, यह फांसी देश हित में लिया गया है ना कि चुनाव को देखते हुए."
दिग्विजय सिंह ने कहा, "सरकार ने सही समय पर लिया है सही फैसला. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति ना करे."
उस वक्त सुशील कुमार शिंदे सरकार में गृह मंत्री थे. उनसे पहले पी. चिदंबरम 2008 से 2012 तक गृह मंत्री रह चुके थे.
अपडेट: कांग्रेस प्रवक्ता अश्विनी कुमार ने कहा है कि अफजल गुरु के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला अंतिम है और मामले में कानून व्यवस्था की व्याख्या करता है. इस बहस को फिर से शुरू करना बेकार होगा क्योंकि मामला पहले ही न्यायिक परिणति तक पहुंच चुका है.
चुप क्यों रहे चिदंबरम
अफजल की फांसी के वक्त खुद भी सरकार में होने को लेकर चिदंबरम ईकनॉमिक टाइम्स को दिये इंटरव्यू में कहते हैं, "ये सच है, लेकिन मैं उस वक्त होम मिनिस्टर नहीं था. मैं ये भी नहीं कह सकता कि मैं होम मिनिस्टर होता तो क्या करता."
अफजल की फांसी के लिए चिदंबरम किसे दोषी मानते हैं, कोर्ट को? सरकार को?
चिदंबरम खुद इसका...
क्या कांग्रेस को अफजल गुरु की फांसी को लेकर अफसोस है? क्या कांग्रेस बहाने से अफजल गुरु को फांसी दिये जाने को लेकर पश्चाताप करना चाहती है?
देशद्रोह के आरोपी जेएनयू के छात्रों को राहुल गांधी का सपोर्ट और फिर पी चिदंबरम का ताजा इंटरव्यू आखिर क्या संदेश दे रहे हैं?
फांसी गलत कैसे?
दिसंबर, 2001 में संसद पर हमले के जुर्म में अफजल गुरु को हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. फिर अफजल ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी. राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने पर 9 फरवरी को सुबह 8 बजे तिहाड़ जेल में अफजल को फांसी पर लटका दिया गया.
फांसी पर कांग्रेस
तब अफजल की फांसी को कांग्रेस नेताओं ने जायज ठहराया था. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, "सरकार चाहती है कि देश में सौहार्द की स्थिति बनीं रहे, यह फांसी देश हित में लिया गया है ना कि चुनाव को देखते हुए."
दिग्विजय सिंह ने कहा, "सरकार ने सही समय पर लिया है सही फैसला. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति ना करे."
उस वक्त सुशील कुमार शिंदे सरकार में गृह मंत्री थे. उनसे पहले पी. चिदंबरम 2008 से 2012 तक गृह मंत्री रह चुके थे.
अपडेट: कांग्रेस प्रवक्ता अश्विनी कुमार ने कहा है कि अफजल गुरु के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला अंतिम है और मामले में कानून व्यवस्था की व्याख्या करता है. इस बहस को फिर से शुरू करना बेकार होगा क्योंकि मामला पहले ही न्यायिक परिणति तक पहुंच चुका है.
चुप क्यों रहे चिदंबरम
अफजल की फांसी के वक्त खुद भी सरकार में होने को लेकर चिदंबरम ईकनॉमिक टाइम्स को दिये इंटरव्यू में कहते हैं, "ये सच है, लेकिन मैं उस वक्त होम मिनिस्टर नहीं था. मैं ये भी नहीं कह सकता कि मैं होम मिनिस्टर होता तो क्या करता."
अफजल की फांसी के लिए चिदंबरम किसे दोषी मानते हैं, कोर्ट को? सरकार को?
चिदंबरम खुद इसका जवाब भी देते हैं, "सरकार में रहते हुए आप यह नहीं कह सकते कि कोर्ट ने गलत फैसला लिया, क्योंकि केस तो सरकार ने ही चलाया था. लेकिन एक आजाद शख्स यह राय तो रख ही सकता है कि इस केस में सही तरीके से फैसला नहीं लिया गया."
चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील भी हैं, वो कहते हैं, "ये ईमानदार राय रखना जरूरी है कि अफजल गुरु केस में शायद सही ढंग से फैसला नहीं किया गया."
चिदंबरम की राय में अफजल की फांसी को टाला जा सकता था, "अफजल को बिना पैरोल के उम्रकैद दी जा सकती थी." क्या चिदंबरम को लगता है कि अफजल गुरु बेकसूर था?
चिदंबरम का जवाब सुनिये, "इस बात को लेकर गहरा शक है कि अफजल 2001 के पार्लियामेंट अटैक में किस हद तक शामिल था।"
अफजल गुरु के मामले में कांग्रेस की ओर से ऐसा पहली बार नहीं कहा गया है. पिछले साल फरवरी में कांग्रेस नेता शशि थरूर से ट्विटर पर इस बारे में एक सवाल पूछा गया. जवाब में थरूर ने कहा, "मैं समझता हूं कि फांसी गलत थी और उससे गलत तरीके से हैंडल किया गया. परिवार के सदस्यों को सूचना दी जानी चाहिए थी, आखिरी मुलाकात का मौका दिया जाना चाहिए था और शव लौटाया जाना चाहिए था."
अफजल गुरु की फांसी पर बरसी पर जेएनयू परिसर में हुई नारेबाजी को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार देशद्रोह के आरोप में जेल भेजे गये हैं. इस मामले में आरोपी दो और छात्रों ने भी सरेंडर किया है.
राहुल गांधी छात्रों के खिलाफ इस पुलिस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं. राहुल गांधी का कहना है कि एक संघ की विचारधारा का विरोध करनेवाले छात्रों को सरकार टारगेट कर रही है.
राहुल गांधी सीधे तो नहीं लेकिन परोक्ष रूप से उन छात्रों का सपोर्ट जरूर कर रहे हैं जो अफजल की फांसी के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. शशि थरूर की बातों को वैसे भी कांग्रेस के इतर देखा जाता है. थरूर अपने बयानों को लेकर अक्सर आलाकमान के कोपभाजन बने रहते हैं. लेकिन चिदंबरम की बातों को यूं ही नहीं लिया जा सकता.
तो क्या एक दिन वो भी आएगा जब कांग्रेस अफजल गुरु की फांसी के लिए माफी मांगेगी? ठीक वैसे ही जैसे कांग्रेस ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए माफी मांगी थी?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.