प्रिय अरविन्द,
आपकी सरकार ने बार-बार दावा किया है कि उसने सत्ता में आने के बाद दिल्ली में शराब की बिक्री के सिर्फ 6 नए लाइसेंस जारी किये हैं. स्वराज अभियान ने अलग-अलग RTI के आधार पर 58 से 217 नयी शराब की दुकान खोलने के आंकड़े दिए. लेकिन आपके उपमुख्यमंत्री ने इन दावों को झूठा बताया. आपको याद होगा, प्रशांत जी और मुझे झूठ बोलने की आदत नहीं है. लेकिन चूंकि आपकी ओर से प्रश्न उठा था, इसलिए अब मैं आपको और आपकी सरकार को चुनौती देता हूँ.
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दिल्ली की सत्ता में आने के बाद आपकी सरकार ने 6 नहीं, कम से कम 399 शराब के नए लाइसेंस दिए हैं. यानि कि लगभर हर दिन आपने दिल्ली में शराब की एक नयी दूकान खुलवायी. इस चिठ्ठी के साथ उन 399 दुकानों/स्टोर/रेस्टोरेंट की लिस्ट संलग्न है-- नाम, पता और लाइसेंस नंबर सहित.
योगेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल को दिया 72 घंटों का अल्टीमेटम |
अगर यह लिस्ट गलत है और आपके उपमुख्यमंत्री का दावा सही है तो मैं सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूँगा. लेकिन अगर आपकी सरकार झूठ बोल रही थी, तो ... चलिए, ये फैसला मैं आपकी आत्मा पर छोड़ता हूँ! और कुछ नहीं तो कम से कम दिल्ली की जनता से माफ़ी मांग कर इन सवालों के जवाब तो दे दीजिएगा:
• RTI एक्टिविस्ट लोगों की यह सरकार शराब की सूचना छुपा क्यों रही है?
• नशामुक्ति के वादे पर बनी...
प्रिय अरविन्द,
आपकी सरकार ने बार-बार दावा किया है कि उसने सत्ता में आने के बाद दिल्ली में शराब की बिक्री के सिर्फ 6 नए लाइसेंस जारी किये हैं. स्वराज अभियान ने अलग-अलग RTI के आधार पर 58 से 217 नयी शराब की दुकान खोलने के आंकड़े दिए. लेकिन आपके उपमुख्यमंत्री ने इन दावों को झूठा बताया. आपको याद होगा, प्रशांत जी और मुझे झूठ बोलने की आदत नहीं है. लेकिन चूंकि आपकी ओर से प्रश्न उठा था, इसलिए अब मैं आपको और आपकी सरकार को चुनौती देता हूँ.
इसे भी पढ़ें: केजरीवाल बोल रहे हैं कि जेब खाली है, लेकिन इन आंकड़ों का क्या?
दिल्ली की सत्ता में आने के बाद आपकी सरकार ने 6 नहीं, कम से कम 399 शराब के नए लाइसेंस दिए हैं. यानि कि लगभर हर दिन आपने दिल्ली में शराब की एक नयी दूकान खुलवायी. इस चिठ्ठी के साथ उन 399 दुकानों/स्टोर/रेस्टोरेंट की लिस्ट संलग्न है-- नाम, पता और लाइसेंस नंबर सहित.
योगेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल को दिया 72 घंटों का अल्टीमेटम |
अगर यह लिस्ट गलत है और आपके उपमुख्यमंत्री का दावा सही है तो मैं सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूँगा. लेकिन अगर आपकी सरकार झूठ बोल रही थी, तो ... चलिए, ये फैसला मैं आपकी आत्मा पर छोड़ता हूँ! और कुछ नहीं तो कम से कम दिल्ली की जनता से माफ़ी मांग कर इन सवालों के जवाब तो दे दीजिएगा:
• RTI एक्टिविस्ट लोगों की यह सरकार शराब की सूचना छुपा क्यों रही है?
• नशामुक्ति के वादे पर बनी इस सरकार ने शराब को बढ़ावा क्यों दिया?
• स्वराज का नाम लेने वाली सरकार ने शराब की दुकान खोलने से पहले आज के कानून के तहत भी जनता की राय क्यों नहीं ली?
• शराब बिक्री से कमाए 3589 करोड़ रुपये में से आपने एक करोड़ भी नशामुक्ति के लिए क्यों नहीं खर्चा?
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आप बहुत व्यस्त होंगे. लेकिन उम्मीद है आप इसकी जांच करवाने का समय निकालेंगे. अगर अगले 72 घंटे में (2 सितंबर दोपहर तक) जवाब नहीं मिला तो मान लूँगा कि आपकी सरकार 399 शराब की दुकानों की इस लिस्ट को सही मान रही है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.