एक समय था जब मैं बहुत परेशान थी. मैंने boudoir (फोटो स्टूडियो) शुरू ही किया था. उसी समय करीब 40 साल की एक महिला ने मेरी सेवाएं लेने के लिए बुंकिग की थी. वो सुडौल थीं, खूबसूरत थीं. लेकिन जैसा कि सभी महिलाएं करती हैं, उन्होंने भी मुझसे एक मांग की...
वो मेरे पास आईं और उन्होंने कहा- 'मैं चाहती हूं आप मेरे शरीर पर दिखाई देने वाले सारे भद्दे स्ट्रेच मार्क्स, मेरा सारा फैट, सारी झुर्रियों को फोटोशॉप कर दें, उन्हें बिल्कुल हटा दें. मैं बस एक बार हसीन लगना चाहती हूं'
मैंने वैसा ही किया. हम दोनों ने डेढ़ घंटे साथ बिताए. मैंने अलग-अलग पोज में उनकी कई तस्वीरें उतारी. इसके बाद फोटो-एडिटिंग के जरिए मैंने उनके हर आखिरी स्ट्रेच मार्क को भी मिटा दिया. उनकी हर एक झुर्री हटा दी. मैंने उन्हें ठीक वैसा बना दिया, जैसा ख्वाब हर औरत देखती है.
फिर क्रिसमस आया. और इस मौके पर उन्होंने अपने पति को अपनी 30 खूबसूरत तस्वीरों की वो एल्बम तोहफे में दी. इसके ठीक तीन दिन के बाद, मुझे एक ई-मेल आया-
प्रिय विक्टोरिया,
मैं ...... का पति हूं. मैं आपको ये पत्र इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि हाल ही में मुझे एक एल्बम मिली है, जिसमें मेरी पत्नी की तस्वीरें हैं. मैं नहीं चाहता कि आपको जरा भी लगे कि मैं आपसे नाराज हूं. लेकिन मेरे कुछ विचार हैं, जिन्हें मैं आपसे साझा करना चाहता हूं.
मैं अपनी पत्नी के साथ तब से हूं जब हम 18 साल के थे और हमारे दो प्यारे-प्यारे बच्चे भी हैं. पिछले कई सालों में हमने जीवन के बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं. मैं जानता हूं कि मेरी पत्नी ने ये तस्वीरें मेरे लिए बनवाई हैं, जिससे हमारे जीवन में फिर से रोमांच भर जाए.
वह कभी-कभी मुझसे शिकायत करती हैं कि वो अब मुझे आकर्षक नहीं लगतीं. और मुझे कभी कोई कम उम्र...
एक समय था जब मैं बहुत परेशान थी. मैंने boudoir (फोटो स्टूडियो) शुरू ही किया था. उसी समय करीब 40 साल की एक महिला ने मेरी सेवाएं लेने के लिए बुंकिग की थी. वो सुडौल थीं, खूबसूरत थीं. लेकिन जैसा कि सभी महिलाएं करती हैं, उन्होंने भी मुझसे एक मांग की...
वो मेरे पास आईं और उन्होंने कहा- 'मैं चाहती हूं आप मेरे शरीर पर दिखाई देने वाले सारे भद्दे स्ट्रेच मार्क्स, मेरा सारा फैट, सारी झुर्रियों को फोटोशॉप कर दें, उन्हें बिल्कुल हटा दें. मैं बस एक बार हसीन लगना चाहती हूं'
मैंने वैसा ही किया. हम दोनों ने डेढ़ घंटे साथ बिताए. मैंने अलग-अलग पोज में उनकी कई तस्वीरें उतारी. इसके बाद फोटो-एडिटिंग के जरिए मैंने उनके हर आखिरी स्ट्रेच मार्क को भी मिटा दिया. उनकी हर एक झुर्री हटा दी. मैंने उन्हें ठीक वैसा बना दिया, जैसा ख्वाब हर औरत देखती है.
फिर क्रिसमस आया. और इस मौके पर उन्होंने अपने पति को अपनी 30 खूबसूरत तस्वीरों की वो एल्बम तोहफे में दी. इसके ठीक तीन दिन के बाद, मुझे एक ई-मेल आया-
प्रिय विक्टोरिया,
मैं ...... का पति हूं. मैं आपको ये पत्र इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि हाल ही में मुझे एक एल्बम मिली है, जिसमें मेरी पत्नी की तस्वीरें हैं. मैं नहीं चाहता कि आपको जरा भी लगे कि मैं आपसे नाराज हूं. लेकिन मेरे कुछ विचार हैं, जिन्हें मैं आपसे साझा करना चाहता हूं.
मैं अपनी पत्नी के साथ तब से हूं जब हम 18 साल के थे और हमारे दो प्यारे-प्यारे बच्चे भी हैं. पिछले कई सालों में हमने जीवन के बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं. मैं जानता हूं कि मेरी पत्नी ने ये तस्वीरें मेरे लिए बनवाई हैं, जिससे हमारे जीवन में फिर से रोमांच भर जाए.
वह कभी-कभी मुझसे शिकायत करती हैं कि वो अब मुझे आकर्षक नहीं लगतीं. और मुझे कभी कोई कम उम्र की महिला मिल जाए तो वो मुझे दोष नही देंगी. जब मैंने अपनी पत्नी की दी हुई एल्बम खोली, मेरा दिल डूब गया. ये तस्वीरें बहुत खूबसूरत हैं... और निसंदेह आप एक बेहतरीन फोटोग्राफर भी हैं... लेकिन इन तस्वीरों में मेरी पत्नी नहीं हैं.
आपने उनकी सभी 'खामियों' को हटा दिया. मुझे यकीन है कि उन्होंने ही आपको ऐसा करने के लिए कहा होगा, लेकिन इससे वो सब भी चला गया, जिससे हमारा जीवन बना था. जब आपने उनके स्ट्रेच मार्क्स हटाए, आपने मेरे बच्चों के होने के प्रमाण को खत्म कर दिया. जब आपने उनकी झुर्रियां हटाईं तो आपने हमारी खुशियों और चिंताओं के उन दो दशकों को भी मिटा दिया. जब आपने उसके गहरे दाग वाली स्किन को हटाया तो आपने खाना बनाने के उसके प्यार को भी मिटा दिया और खाने की उन चीजों को भी जो हमने वर्षों मिलकर खाईं थीं.
मैं आपको ये सब इसलिए नहीं कह रहा कि आपको बुरा लगे, मैं समझता हूं कि आप सिर्फ अपना काम कर रही थीं. असल में मैं आपको शुक्रिया कहना चाहता हूं. इन तस्वीरों को देखकर मुझे ये अहसास हुआ कि मैंने ईमानदारी से अपनी पत्नी को कभी बताया ही नहीं कि मैं उनसे कितना प्यार करता हूं. और उन्हें उसी रूप में चाहता हूं, जैसी वो हैं. उन्होंने ये सोचा लिया कि मैं चाहता हूं कि वो इन फोटोशॉप्ड तस्वीरों जैसी लगें. लेकिन मुझे अब और भी बेहतर करना है, और मैं अपने आने वाले समय में उनकी सारी खामियों के साथ जीवन की खुशियां मनाना चाहता हूं. मुझे यह सब याद दिलाने के लिए शुक्रिया.
सादर
तो दोस्तों, मैं फोटोशॉप कर सकती हूं. लेकिन मैं चाहती हूं कि आप कम से कम दो बार ज़रूर सोचें कि हम कितनी काट-छांट करते हैं. हम जैसे होते हैं, हमारे अपने हमें वैसे ही प्यार करते हैं. ये एक सच्चा ईमेल था, और इसे पढ़कर मैं फफक कर रोई और करीब 6 महीने तक अपराध बोध में रही. मैं चाहती हूं कि आप जैसी भी हों, आप खुद से प्यार करें!
...ओह, और आज रात अगर आपके पास ये कहने वाला कोई नहीं है कि आप कितनी खूबसूरत हैं, तो मैं कहती हूं... आप बेहद खूबसूरत हैं !!!
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.