बाढ़ पीड़ितों से मिलने और उनका हाल चाल जानने गुजरात के बनासकांठा पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर पत्थर फेंके गए, जिससे उनकी कार के शीशे टूट गए. इस दौरान लोगों द्वारा राहुल गांधी को काले झंडे भी दिखाए गए. राहुल ने कहा कि उन्हें काले झंडों से फर्क नहीं पड़ता है. राहुल का मानना है कि, भले ही दिल्ली और गुजरात में उनकी सरकार नहीं है लेकिन वो ऐसे दो-चार काले झंडों से डरने वाले नहीं हैं.
चूंकि मामला बाढ़ के बाद की सियासत से जुड़ा है और अब बात आरोप प्रत्यारोप तक आ गयी है तो ऐसी कई चीजें हैं जो खुल के सामने आ रही हैं. अपने युवराज की गाड़ी पर हुए पथराव से आहत कांग्रेस ने इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार और लॉ एंड आर्डर पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिए हैं. इस विषय पर कांग्रेस का तर्क है कि राहुल गांधी की सुरक्षा में राज्य सरकार ने भारी चूक की है जबकि उन्हें राहुल के आगमन की पूरी जानकारी थी.
बहरहाल, इस मुद्दे को राहुल ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर भी उठाया है और ट्वीट किया है कि, 'नरेंद्र मोदी जी के नारों से, काले झंडों से और पत्थरों से हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, हम अपनी पूरी ताकत लोगों की मदद करने में लगाएंगे. ज्ञात हो कि ट्विटर पर राहुल के इस ट्वीट को 1,569 रिट्वीट मिले हैं और 3,317 लोगों ने इसे लाइक कर इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ट्विटर पर राहुल के उस ट्वीट पर आई प्रतिक्रियाओं पर एक नजर डालें तो मिलता है कि भले ही राहुल गांधी को चोट नहीं लगी है और वो ठीक है मगर जिस तरह ट्विटर के ये खट्टे, मीठे तीखे ट्वीट्स हैं. उनको पढ़कर अवश्य ही उनका दिल टूट सकता है.
बाढ़ पीड़ितों से मिलने और उनका हाल चाल जानने गुजरात के बनासकांठा पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर पत्थर फेंके गए, जिससे उनकी कार के शीशे टूट गए. इस दौरान लोगों द्वारा राहुल गांधी को काले झंडे भी दिखाए गए. राहुल ने कहा कि उन्हें काले झंडों से फर्क नहीं पड़ता है. राहुल का मानना है कि, भले ही दिल्ली और गुजरात में उनकी सरकार नहीं है लेकिन वो ऐसे दो-चार काले झंडों से डरने वाले नहीं हैं.
चूंकि मामला बाढ़ के बाद की सियासत से जुड़ा है और अब बात आरोप प्रत्यारोप तक आ गयी है तो ऐसी कई चीजें हैं जो खुल के सामने आ रही हैं. अपने युवराज की गाड़ी पर हुए पथराव से आहत कांग्रेस ने इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार और लॉ एंड आर्डर पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिए हैं. इस विषय पर कांग्रेस का तर्क है कि राहुल गांधी की सुरक्षा में राज्य सरकार ने भारी चूक की है जबकि उन्हें राहुल के आगमन की पूरी जानकारी थी.
बहरहाल, इस मुद्दे को राहुल ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर भी उठाया है और ट्वीट किया है कि, 'नरेंद्र मोदी जी के नारों से, काले झंडों से और पत्थरों से हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, हम अपनी पूरी ताकत लोगों की मदद करने में लगाएंगे. ज्ञात हो कि ट्विटर पर राहुल के इस ट्वीट को 1,569 रिट्वीट मिले हैं और 3,317 लोगों ने इसे लाइक कर इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ट्विटर पर राहुल के उस ट्वीट पर आई प्रतिक्रियाओं पर एक नजर डालें तो मिलता है कि भले ही राहुल गांधी को चोट नहीं लगी है और वो ठीक है मगर जिस तरह ट्विटर के ये खट्टे, मीठे तीखे ट्वीट्स हैं. उनको पढ़कर अवश्य ही उनका दिल टूट सकता है.
राहुल के इस ट्वीट पर अपने तंजिया लहजे में नरेंद्र मोदी177 यूजरनेम लिए किसी व्यक्ति ने लिखा है कि 'तुम्हें मार के क्या मिलेगा किसी को, तुम जैसे महान नेता की वजह से ही भाजपा 18 राज्यों में आई है. अब नौटंकी बंद करो. साथ ही इन्होंने राहुल के आलू की फैक्ट्री वाले बयान पर भी उन्हें आड़े हाथों लिया है और कहा है कि क्या अब यूपी की ही तर्ज पर इनका प्लान गुजरात में भी आलू की फैक्ट्री लगाना है.
वहीं यूजर नेम गोरमिंट_चाची और @ओनलीवनगॉड_1 ने भी इस विषय पर राहुल की जम के चुटकी ली है और इसके लिए उन्होंने गालिब के एक शेर और राजनाथ के एक मेमे को प्रयोग कर राहुल की खिल्ली उड़ाई है.
यूजर नेम इरफ़ान_वानी और चिंचक पूजा ने भी राजनाथ और अमित शाह का मेमे इस्तेमाल करते हुए माहौल को मजाकिया बनाने का प्रयास किया है.
यूजर नेम पुनीता तिवारी को राहुल गांधी की ये बात इतनी नागवार गुजरी की उन्होंने यहां तक कह दिया कि राहुल गुजरात लोगों की मदद करने नहीं बल्कि गुजरात चुनाव में अपना बेस बनाने गए थे. साथ ही इन्होंने ये भी लिखा है कि इन्हें अपनी पूरी ताकत लोगों की मदद करने में नहीं बल्कि कांग्रेस को खड़ा करने में लगानी चाहिए.
खैर इन ट्वीट्स से एक बात तो साफ है कि, वाकई आम जनता के दिल में राहुल गांधी को लेकर जहां एक तरफ गुस्सा है तो वहीं दूसरी ओर लोगों को ये भी लग चुका है कि जब तक पार्टी का दारोमदार इनके हाथ में है तब तक पार्टी का हला भला बिल्कुल भी नहीं होने वाला. इस विषय को गंभीरता से लेते हुए पार्टी आला कमान को भी सोचना चाहिए कि या तो वो पद बांटने की भूमिका में भारी फेर बदल करे नहीं तो फिर वो समय- समय पर राहुल का मार्गदर्शन करती रहे.
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