कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है, और अगर ऐसा है, तो ये 16 सेकण्ड का एनिमेशन मौसम के लेखे-जोखे का पूरा इतिहास हो सकता है.
यूरोप के एक वैज्ञानिक एड हॉकिन्स एक मौसम विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने ट्विटर पर एक एनिमेशन पोस्ट किया है. जिसमें दिखाया गया है कि सन 1850 से 2016 तक वैश्विक तापमान में किस तरह तेजी आई है.
ये रंगीन इन्फोग्राफिक जितना सरल दिख रहा है उतना ही खतरनाक भी है. जैसे जैसे पृथ्वी गर्म होती है, लाइनें बाहर की ओर बढ़ती दिखाई देती हैं और वो धीरे धीरे तापमान की तय सीमा 1.5 डिग्री सेल्सियस के बेहद करीब जाती दिखाई देती हैं.
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हॉकिन्स का कहना है कि उनका बनाया ये चित्रण बेहद सरल तरीके से वैश्विक तापमान परिवर्तन प्रस्तुत करता है. पिछले कुछ दशकों में परिवर्तन की गति काफी स्पष्ट दिखाई देती है. वर्तमान वैश्विक तापमान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होने के बाद निर्धारित की गई लक्ष्य सीमा के बीच का तालमेल बिना किसी जटिलता के स्पष्ट हो रहा है.
2015 के बाद के महीने और 2016 के शुरुआती महीनों में बहुत तेजी से बदलाव देखने को मिले हैं. कई वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक चला जाएगा तो इसके प्रभाव हमारे गृह पर तेजी से दिखाई देंगे.
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कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है, और अगर ऐसा है, तो ये 16 सेकण्ड का एनिमेशन मौसम के लेखे-जोखे का पूरा इतिहास हो सकता है.
यूरोप के एक वैज्ञानिक एड हॉकिन्स एक मौसम विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने ट्विटर पर एक एनिमेशन पोस्ट किया है. जिसमें दिखाया गया है कि सन 1850 से 2016 तक वैश्विक तापमान में किस तरह तेजी आई है.
ये रंगीन इन्फोग्राफिक जितना सरल दिख रहा है उतना ही खतरनाक भी है. जैसे जैसे पृथ्वी गर्म होती है, लाइनें बाहर की ओर बढ़ती दिखाई देती हैं और वो धीरे धीरे तापमान की तय सीमा 1.5 डिग्री सेल्सियस के बेहद करीब जाती दिखाई देती हैं.
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हॉकिन्स का कहना है कि उनका बनाया ये चित्रण बेहद सरल तरीके से वैश्विक तापमान परिवर्तन प्रस्तुत करता है. पिछले कुछ दशकों में परिवर्तन की गति काफी स्पष्ट दिखाई देती है. वर्तमान वैश्विक तापमान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होने के बाद निर्धारित की गई लक्ष्य सीमा के बीच का तालमेल बिना किसी जटिलता के स्पष्ट हो रहा है.
2015 के बाद के महीने और 2016 के शुरुआती महीनों में बहुत तेजी से बदलाव देखने को मिले हैं. कई वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक चला जाएगा तो इसके प्रभाव हमारे गृह पर तेजी से दिखाई देंगे.
अब तक के इतिहास में 2014 और 2015 ने लगातार सबसे गर्म वर्ष का रिकार्ड स्थापित किया है. और इस साल की झुलसा देने वाली शुरूआत एक संकेत है, कि 2016 के भी इसी दिशा में बढ़ने की संभावना है.
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