सोशल मीडिया के इस युग में टॉम से लेके दिनेश और हैरी से लेकर सुलेमान तक सभी ने सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट बना रखे हैं. सोशल मीडिया के इस रथ पर चढ़ने वाले कुछ शूरवीर ऐसे हैं जो अपनी सेल्फियों पर हरिवंश राय बच्चन, निराला, पंत और साहिर लुधयानवी जैसे शायरों और कवियों की शायरी चेप कर 79 लोगों को टैग करने के बाद क्रांति का बिगुल बजा रहे हैं. कुछ ट्विटर का कंटेंट फेसबुक पर पेस्ट करके उसे एडिट कर रहे हैं. कुछ फेसबुक के कंटेंट को उठाकर उस कंटेंट को अहम हथियार बनाकर व्हाट्सऐप पर शेयर कर इस देश के सोये हुए हिन्दू या मुसलमान को जगा रहे हैं.
ई-रिक्शे से लेके ऑटो तक और मेट्रो से लेके ओला और उबर की कैब तक, आज चारों तरफ सोशल मीडिया है. ट्रेन में यात्रा करिए और गर्म मुद्दों पर अपनी राय दीजिये, निश्चय ही कोई न कोई आपका फैन बन जायगा और पूछ ही लेगा ' सर क्या आप फेसबुक पर हैं'. अगर आप धीर गंभीर हैं, शक्ल से ज्यादा इंटलेक्चुअल लग रहे हैं तो वहीं ट्रेन में कुछ ऐसे भी होंगे जो आपसे अंग्रेजी में पूछ बैठेंगे 'Are you on Twitter'
बहरहाल, ये कहना हमारे लिए अतिश्योक्ति न है कि अगर आज व्यक्ति ट्विटर पर चहक नहीं रहा है तो उसका अस्तित्त्व बेकार है. आप भले ही अपने घर पर न रहें मगर अवश्य ही आपको ट्विटर पर रहना चाहिए. 'आप ट्विटर पर हैं' ये सवाल हमारे और आपके लिए गर्व का पर्याय है.
मगर आज जो खबर आ रही है उसने भारत जैसे विशाल देश के प्रधानमंत्री को न सिर्फ हंसने पर मजबूर कर दिया बल्कि पत्रकारिता जैसे पेशे को भी एक हद तक शर्मिंदा कर दिया है. जी हाँ सही सुना आपने. अमेरिका की मशहूर जर्नलिस्ट मेगन केली भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान इस हद तक जज्बाती हो गयीं कि किसी बात पर उन्होंने मोदी से पूछ...
सोशल मीडिया के इस युग में टॉम से लेके दिनेश और हैरी से लेकर सुलेमान तक सभी ने सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट बना रखे हैं. सोशल मीडिया के इस रथ पर चढ़ने वाले कुछ शूरवीर ऐसे हैं जो अपनी सेल्फियों पर हरिवंश राय बच्चन, निराला, पंत और साहिर लुधयानवी जैसे शायरों और कवियों की शायरी चेप कर 79 लोगों को टैग करने के बाद क्रांति का बिगुल बजा रहे हैं. कुछ ट्विटर का कंटेंट फेसबुक पर पेस्ट करके उसे एडिट कर रहे हैं. कुछ फेसबुक के कंटेंट को उठाकर उस कंटेंट को अहम हथियार बनाकर व्हाट्सऐप पर शेयर कर इस देश के सोये हुए हिन्दू या मुसलमान को जगा रहे हैं.
ई-रिक्शे से लेके ऑटो तक और मेट्रो से लेके ओला और उबर की कैब तक, आज चारों तरफ सोशल मीडिया है. ट्रेन में यात्रा करिए और गर्म मुद्दों पर अपनी राय दीजिये, निश्चय ही कोई न कोई आपका फैन बन जायगा और पूछ ही लेगा ' सर क्या आप फेसबुक पर हैं'. अगर आप धीर गंभीर हैं, शक्ल से ज्यादा इंटलेक्चुअल लग रहे हैं तो वहीं ट्रेन में कुछ ऐसे भी होंगे जो आपसे अंग्रेजी में पूछ बैठेंगे 'Are you on Twitter'
बहरहाल, ये कहना हमारे लिए अतिश्योक्ति न है कि अगर आज व्यक्ति ट्विटर पर चहक नहीं रहा है तो उसका अस्तित्त्व बेकार है. आप भले ही अपने घर पर न रहें मगर अवश्य ही आपको ट्विटर पर रहना चाहिए. 'आप ट्विटर पर हैं' ये सवाल हमारे और आपके लिए गर्व का पर्याय है.
मगर आज जो खबर आ रही है उसने भारत जैसे विशाल देश के प्रधानमंत्री को न सिर्फ हंसने पर मजबूर कर दिया बल्कि पत्रकारिता जैसे पेशे को भी एक हद तक शर्मिंदा कर दिया है. जी हाँ सही सुना आपने. अमेरिका की मशहूर जर्नलिस्ट मेगन केली भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान इस हद तक जज्बाती हो गयीं कि किसी बात पर उन्होंने मोदी से पूछ लिया 'Are you on Twitter'? बेचारे मोदी क्या करते, उन्होंने मुस्कुरा दिया और सहमती में अपना सिर हिला दिया.
अभी ये सवाल पूछे मेगन को चंद मिनट भी न हुए होंगे कि मोदी समर्थकों की भावना आहत हो गयी और उन्होंने मेगन को ट्विटर पर ट्रॉल करना शुरू कर दिया. फिर क्या था यूपी बोर्ड के 10वीं के इम्तेहान में दो बार फेल होने वाले लड़कों से लेके आर्किटेक्चर में वाईबी लगी लड़कियों तक सबने मेगन के ज्ञान पर क्वेश्चन मार्क लगाने शुरू कर दिए. प्रकरण के बाद से लेके अब तक हर कोई मेगन की पत्रकरिता और उनकी पत्रकारिता की डिग्री पर संदेह जाता रहा है.
गौरतलब है कि सेंट पीटरस्बर्ग में, अमेरीकी पत्रकार मेगन केली ने रूस के व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करी थी जहां किसी तस्वीर पर चर्चा करने के बाद प्रश्न करते हुए वो मोदी से पूछ बैठी कि क्या वो ट्विटर पर हैं? केली का सवाल सुनते ही बस मोदी मुस्कुरा के रह गए.
ज्ञात हो कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुमार उन ट्विटर सेलेब्रिटियों में है जिनको सम्पूर्ण विश्व के सबसे ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो किया जाता है. ऐसे में ये लाज़मी है कि केली जैसा पत्रकार और सम्पूर्ण पत्रकार उन्हें अवश्य जानते और फॉलो करते होंगे. जिस तरह केली ने ये सवाल किया है वो अपने आप में बड़ा गंभीर है और ये दर्शाता है कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ एक बेहद भद्दा मजाक किया है.
ये सवाल जहाँ एक तरफ केली के ज्ञान को संदेह के घेरे में डालता है तो वहीं दूसरी तरफ ये भी दर्शाता है कि आखिर मोदी को फॉलो करने वाले कौन लोग हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि मोदी को जो प्रोफाइल फॉलो कर रही हों वो फेक प्रोफाइल हों और जिनका उद्देश्य केवल मोदी समर्थन और ट्रॉलिंग हो.
अपनी बात को विराम देते हुए अंत में हम इतना ही कहेंगे कि ये सवाल न सिर्फ हस्याद्पद है बल्कि अपने में कई प्रश्न खड़े करता है. मोदी को अब लोगों को ये समझाना होगा कि वो भारत जैसे विशाल देश के प्रधानमंत्री और कहीं न कहीं ट्विटर पर उनके फॉलोवर ही उनकी पहचान हैं.
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