कौन बनेगा करोड़पति. घर-घर में देखे जाना वाला ऐसा शो, जो प्रतिभागियों को पैसे के साथ-साथ पब्लिसिटी भी देता है. हर कंटेस्टेंट की जीत के पीछ उसकी पढ़ाई, उसका ज्ञान होता है. लेकिन अगर किसी प्रतिभागी के 50 लाख रूपए जीतने के पीछे खुद पीएम मोदी हों तो? चौंकिए मत, खुद भाजपा इस बात का प्रचार कर रही है.
दरअसल मुंबई की मीनाक्षी जैन ने सिर्फ दसवीं तक की पढ़ाई की है. केबीसी 9 में उन्होंने पचास लाख रूपए जीते. पचास लाख के लिए मीनाक्षी से पूछा गया चौदहवां सवाल था-
भारत छोड़ो आंदोलन के नारे का ईजाद किस स्वतंत्रता सेनानी ने किया था ?
मीनाक्षी ने इस सवाल का सही जवाब दिया और साथ में ये भी जोड़ दिया कि इसका जिक्र हमारे प्रधानमंत्री जी ने अपने 'मन की बात' में भी किया था. बस भाजपा ने ट्वीट कर इस बात का प्रचार कर डाला कि दसवीं पास महिला को 50 लाख जीतने में पीए मोदी ने सहायता की!
भाजपा के इस ट्वीट पर समर्थकों और विरोधियों ने चुटकी लेना शुरू कर दिया है. कुछ ने इस सीजन के केबीसी को बीजेपी का प्रोपगंडा बताया तो कुछ ने पीए मोदी और सरकार की जमकर तारीफ की.
खैर केबीसी ने मनोरंजन जगत में तीसरे स्थान पर कब्जा तो जमा लिया है. लेकिन इस बार के सीजन में कई बातें लोगों को खटक रही हैं. और सरकार के साथ खुद महानायक अमिताभ बच्चन की नजदीकी की वजह से कई तरह के वाजिब सवाल भी उठाए जा रहे हैं. प्रोग्राम के सवालों से लेकर प्रतिभागियों के सिलेक्शन के मुद्दे तक पर लोग सोशल मीडिया में जमकर कहा-सुनी हो रही है.
वैसे इस बार केबीसी में पूछे जा रहे सवालों को देखें तो इस शो और...
कौन बनेगा करोड़पति. घर-घर में देखे जाना वाला ऐसा शो, जो प्रतिभागियों को पैसे के साथ-साथ पब्लिसिटी भी देता है. हर कंटेस्टेंट की जीत के पीछ उसकी पढ़ाई, उसका ज्ञान होता है. लेकिन अगर किसी प्रतिभागी के 50 लाख रूपए जीतने के पीछे खुद पीएम मोदी हों तो? चौंकिए मत, खुद भाजपा इस बात का प्रचार कर रही है.
दरअसल मुंबई की मीनाक्षी जैन ने सिर्फ दसवीं तक की पढ़ाई की है. केबीसी 9 में उन्होंने पचास लाख रूपए जीते. पचास लाख के लिए मीनाक्षी से पूछा गया चौदहवां सवाल था-
भारत छोड़ो आंदोलन के नारे का ईजाद किस स्वतंत्रता सेनानी ने किया था ?
मीनाक्षी ने इस सवाल का सही जवाब दिया और साथ में ये भी जोड़ दिया कि इसका जिक्र हमारे प्रधानमंत्री जी ने अपने 'मन की बात' में भी किया था. बस भाजपा ने ट्वीट कर इस बात का प्रचार कर डाला कि दसवीं पास महिला को 50 लाख जीतने में पीए मोदी ने सहायता की!
भाजपा के इस ट्वीट पर समर्थकों और विरोधियों ने चुटकी लेना शुरू कर दिया है. कुछ ने इस सीजन के केबीसी को बीजेपी का प्रोपगंडा बताया तो कुछ ने पीए मोदी और सरकार की जमकर तारीफ की.
खैर केबीसी ने मनोरंजन जगत में तीसरे स्थान पर कब्जा तो जमा लिया है. लेकिन इस बार के सीजन में कई बातें लोगों को खटक रही हैं. और सरकार के साथ खुद महानायक अमिताभ बच्चन की नजदीकी की वजह से कई तरह के वाजिब सवाल भी उठाए जा रहे हैं. प्रोग्राम के सवालों से लेकर प्रतिभागियों के सिलेक्शन के मुद्दे तक पर लोग सोशल मीडिया में जमकर कहा-सुनी हो रही है.
वैसे इस बार केबीसी में पूछे जा रहे सवालों को देखें तो इस शो और बीजेपी/मोदी सरकार के बीच एक रिश्ता झलकता है. सीरियल में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही नीतियों और भाजपा नेताओं से जुड़े प्रश्नों की भरमार है. जिसकी वजह से ये सरकार का मुखपत्र सरीखा दिखाई दे रहा है. ऐसा लग रहा है मानो केबीसी का ये सीजन सरकार की नीतियों का प्रचार करने के लिए ही शुरू किया गया है.
शो में पूछे गए कुछ प्रमुख सवालों की बानगी देखिए-
1- भारत सरकार द्वारा शौचालयों के इस्तेमाल से जुड़े कैंपेन का नाम क्या है?
2- भाजपा की स्थापना के बाद इसके पहले औपचारिक अध्यक्ष कौन बने थे?
3- ऑडियो में किस नेता की आवाज है ( ऑप्शन थे- नितिन गडकरी, पीयुष गोयल, सुरेश प्रभु और मुख्तार अब्बास नकवी)?
4- एक एपिसोड में महिला प्रतिभागी से स्मृति ईरानी की आवाज पहचानने के लिए कहा गया.
5- किस रेल मंत्री ने आखिरी बार रेल बजट पेश किया था?
6- किस भूतपूर्व या मौजूदा मुख्यमंत्री के नाम का अर्थ 'पृथ्वी' है? (इस सवाल का सही जवाब था- वसुंधरा राजे सिंधिया)
7- किस प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्यार से 'मामा' भी कहा जाता है ? ( इस सवाल का सही जवाब था- शिवराज सिंह चौहान)
8- केंद्र सरकार का कौन सा कैंपेन 'एक देश, एक टैक्स, एक मार्केट' स्लोगन का इस्तेमाल करता है?
अगर इतना ही काफी नहीं था तो इस बार के केबीसी के स्पॉन्सरों की लिस्ट ने आग में पूरी तबियत से घी उड़ेला है. एक बार जरा केबीसी सीजन 9 के स्पॉन्सरों के बारे में जान लें- मुकेश अंबानी की जियो, बाबा रामदेव की पतंजलि और गौतम अडानी की अडानी फॉर्चून. यहां तक कि शो के बीच में टीवी पर शो देखने वाले दर्शकों से- 'घर बैठे जीतो जैकपॉट' के सवाल इस सीजन में सिर्फ जियो के सिम यूजर्स के लिए ही सीमित कर दिए गए हैं. साथ ही जियो चैट पर अब लोग हॉट सीट पर बैठे प्रतिभागी के साथ ही केबीसी खेल सकते हैं और सही जवाब देने पर ईनाम भी जीत सकते हैं.
एक तरह से कहें तो केबीसी 9, खेल कम, बीजेपी का प्रोपगेंडा ज्यादा लग रहा है. खैर अब केबीसी का पूरा खेल क्या वही है, जो जनता को समझ आ रहा है या फिर महज अनुमान, ये साबित तो नहीं हो सकता.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.