'ये इतनी मोटी है, इसके लिए तो रिश्ते भी नहीं आएंगे'.'
अगर ये पतली नहीं हुई तो इसकी सर्जरी करवानी होगी.'
'तुम्हें पता है जब तुम अपना जिस्म फैलाकर बैठती हो को कितनी भद्दी दिखती हो'?
कुछ ऐसी ही बातें सुननी पड़ती हैं उन लड़कियों को, जो जरा अलग होती हैं. किसी का वजन ज्यादा हो या रंग सांवला, चेहरे पर बाल ज्यादा हों या त्वचा रूखी हो, इसपर दिए जाने वाले ताने शूल से चुभते हैं और लोगों की चढ़ी तेवरियां ये बता देती हैं कि उनके भद्दे रूप के आगे उनकी हर अच्छाई बेकार है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये लड़कियां दुनिया के किस कोने में रहती हैं, वो कहीं की भी हों, सबकी पीड़ा लगभग एक ही जैसी होती है.
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इन पाकिस्तानी लड़कियों ने बहुत हिम्मत से अपने दिल की बात कही |
जैनब चुगतई लाहौर पाकिस्तान की क्रिमिनल लॉयर हैं, जिन्होंने कुछ पाकिस्तानी लड़कियों के साथ मिलकर एक वीडियो बनाया है, जिसमें इन लड़कियों ने अपना दिल खोलकर रख दिया. इन्होंने उन शब्दों का जिक्र किया है जो इनके रंग-रूप को लेकर अक्सर बोले जाते हैं. वो शब्द जिन्होंने हर बार इन्हे अंदर तक तोड़ दिया. ये वीडियो फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल है.
'ये इतनी मोटी है, इसके लिए तो रिश्ते भी नहीं आएंगे'.'
अगर ये पतली नहीं हुई तो इसकी सर्जरी करवानी होगी.'
'तुम्हें पता है जब तुम अपना जिस्म फैलाकर बैठती हो को कितनी भद्दी दिखती हो'?
कुछ ऐसी ही बातें सुननी पड़ती हैं उन लड़कियों को, जो जरा अलग होती हैं. किसी का वजन ज्यादा हो या रंग सांवला, चेहरे पर बाल ज्यादा हों या त्वचा रूखी हो, इसपर दिए जाने वाले ताने शूल से चुभते हैं और लोगों की चढ़ी तेवरियां ये बता देती हैं कि उनके भद्दे रूप के आगे उनकी हर अच्छाई बेकार है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये लड़कियां दुनिया के किस कोने में रहती हैं, वो कहीं की भी हों, सबकी पीड़ा लगभग एक ही जैसी होती है.
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इन पाकिस्तानी लड़कियों ने बहुत हिम्मत से अपने दिल की बात कही |
जैनब चुगतई लाहौर पाकिस्तान की क्रिमिनल लॉयर हैं, जिन्होंने कुछ पाकिस्तानी लड़कियों के साथ मिलकर एक वीडियो बनाया है, जिसमें इन लड़कियों ने अपना दिल खोलकर रख दिया. इन्होंने उन शब्दों का जिक्र किया है जो इनके रंग-रूप को लेकर अक्सर बोले जाते हैं. वो शब्द जिन्होंने हर बार इन्हे अंदर तक तोड़ दिया. ये वीडियो फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल है.
जैनब ने 2014 में 'बुलीप्रूफ'(BullyProof) नाम से एक कैंपेन की शुरुआत की थी. ये जागरुकता अभियान स्कूलों में लड़कियों को परेशान किए जाने वाली घटनाओं को देखते हुए बनाया गया था. इस कैंपेन के अंतर्गत जैनब लड़कियों के साथ बात करती हैं जो एक थैरेपी का हिस्सा है. जैनब अब तक 4,000 छात्राओं को थैरेपी दे चुकी हैं.
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जैनब का कहना है कि इस वीडियो के जरिए वो सिर्फ ये बताना चाहती थीं कि असल में महिलाओं को कितनी जिल्ल्त का सामना करना पड़ता है. और सबसे दुख की बात ये है कि ये लड़कियां खुद अपने घरों में ही इस जिल्लत का शिकार होती हैं. बाहर वालों से ज्यादा खुद उनके परिवार वाले ही ऐसा करते हैं. शरीर को लेकर जलील करना कभी मजाक नहीं होता.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.