हम उस समाज का हिस्सा हैं जहां बलात्कार हो जाए तो कहा जाता है कि 'लड़कों से गलतियां हो जाती हैं', 'फास्टफूड खाने से ऐसी घटनाएं बढ़ती हैं', 'महिला होते हुए इतना साहसी भी नहीं होना चाहिए', 'रात में बाहर निकलेंगी तो यही तो होगा', 'जरूर छोटे कपड़े पहने होंगे', 'लड़कों के साथ घूमती होगी' और न जाने क्या-क्या. हमारे ही समाज का एक हिस्सा रेप के लिए महिला को ही दोषी मानता है.
समाज की इसी सोच पर चोट करने के लिए फोटोग्राफर याना मजरकेविच (Yana Mazurkevich) ने यौन उत्पीड़न पर एक फोटो सीरीज शूट की है. जिसे हर जगह सराहना मिल रही है. याना ने अपनी तस्वीरों में पीड़िताओं को दिखाया है जो रेप के लिए खुद को जिम्मेदार बताती दिखाई गई हैं.
इस सीरीज में कुल 8 तस्वीरें हैं. जिसमें दिखाया गया है कि पुरुष के हाथों द्वारा महिलाओं को पीछे से जकड़ा गया है, और महिलाएं उनपर हुए रेप के लिए वही बातें कहती दिख रही हैं, जो समाज उनसे कहता है. समाच का सच दिखाती ये सशक्त तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं.
1. मुझे पता होना चाहिए था कि खुद को कैसे बचाना चाहिए क्या हम उस समाज में रह रहे हैं जहां लड़कियों को सिर्फ ये सिखाया जाता है कि बलात्कार से खुद को कैसे बचाना है? |
2. मुझे अकेले नहीं घूमना चाहिए था समाज... हम उस समाज का हिस्सा हैं जहां बलात्कार हो जाए तो कहा जाता है कि 'लड़कों से गलतियां हो जाती हैं', 'फास्टफूड खाने से ऐसी घटनाएं बढ़ती हैं', 'महिला होते हुए इतना साहसी भी नहीं होना चाहिए', 'रात में बाहर निकलेंगी तो यही तो होगा', 'जरूर छोटे कपड़े पहने होंगे', 'लड़कों के साथ घूमती होगी' और न जाने क्या-क्या. हमारे ही समाज का एक हिस्सा रेप के लिए महिला को ही दोषी मानता है. समाज की इसी सोच पर चोट करने के लिए फोटोग्राफर याना मजरकेविच (Yana Mazurkevich) ने यौन उत्पीड़न पर एक फोटो सीरीज शूट की है. जिसे हर जगह सराहना मिल रही है. याना ने अपनी तस्वीरों में पीड़िताओं को दिखाया है जो रेप के लिए खुद को जिम्मेदार बताती दिखाई गई हैं. इस सीरीज में कुल 8 तस्वीरें हैं. जिसमें दिखाया गया है कि पुरुष के हाथों द्वारा महिलाओं को पीछे से जकड़ा गया है, और महिलाएं उनपर हुए रेप के लिए वही बातें कहती दिख रही हैं, जो समाज उनसे कहता है. समाच का सच दिखाती ये सशक्त तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. 1. मुझे पता होना चाहिए था कि खुद को कैसे बचाना चाहिए क्या हम उस समाज में रह रहे हैं जहां लड़कियों को सिर्फ ये सिखाया जाता है कि बलात्कार से खुद को कैसे बचाना है? 2. मुझे अकेले नहीं घूमना चाहिए था समाज में सभी को निडर होकर चलने के पूरी आजादी होनी चाहिए. 3. मैं शायद ज्यादा फ्रेंडली हो गई थी हंसकर बातें करने का मतलब ये जरा भी नहीं कि इसमें लड़की की रजामंदी है. 4. मेरी गलती थी, मैंने शराब पी थी शराब पीने का ये मतलब नहीं कि किसी और को बलात्कार करने के लिए छूट मिल गई हो. इसके लिए जिम्मेदार रेप करने वाले हैं. 5. मैं अपने बॉयफ्रेंड को ना नहीं कह सकती हां कहने का ये मतलब नहीं कि उसे रेप करने की आजादी मिल गई. 6. मेरी स्कर्ट बहुत छोटी थी छोटे कपड़े रेप को आमंत्रण नहीं देते. रेप तो उनका भी होता है जो पूरा शरीर ढककर रखते हैं. 7. मुझे अपनी ड्रिंक नीचे नहीं रखनी चाहिए थी अगर कोई तुम्हारे पेय में कुछ मिलाता है तो इसके लिए तुम जिम्मेदार नहीं हो. 8. मुझे पता होना चाहिए था कि ऐसा कुछ हो सकता है तुम्हें सोचना भी क्यों चाहिए कि तुम्हारा रेप हो जाएगा? इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. |