टैटू बनवाने का चलन अब आम है. लेकिन आजकल एक खास किस्म का टैटू बनवाया जा रहा है, जो जरा भी साधारण नहीं है. इस टैटू का अपना एक अलग अर्थ है और एक अलग उद्देश्य भी.
सेमीकोलन यानी, अर्धविराम ; एक पंकचुएशन मार्क है. इस सेमीकोलन टैटू को हजारों लोग अपने शरीर पर बनवा रहे हैं. असल में ये एक कैंपेन है जिसमें कहा जाता है कि उम्मीद में शक्ति है जिससे डिप्रेशन और आत्महत्या जैसे खयाल से लड़ा जा सकता है. Project Semicolon नाम का एक NGO इस कैंपेन को चला रहा है. जो डिप्रेशन, नशे की लत, खुद को नुक्सान पहुंचाने और आत्महत्या की सोच रखने वाले लोगों की सहायता करता है.
सेमीकोलन टैटू से बढ़ता है आत्मविश्वास |
आत्महत्या के कारण अपने पिता को खो चुकीं ऐमी ब्लूएल(Amy Bluel) ने 2013 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसके लिए उन्होंने सेमीकोलन चुना जिसका अर्थ है निरंतरता, और एक ऐसी कहानी जिसके लेखक ने उसे खत्म नहीं किया है. इस प्रोजेक्ट का एक और उद्देश्य है- ये यकीन रखना कि अभी अंत नहीं हुआ, बल्कि एक नई शुरुआत है.
टैटू बनवाने का चलन अब आम है. लेकिन आजकल एक खास किस्म का टैटू बनवाया जा रहा है, जो जरा भी साधारण नहीं है. इस टैटू का अपना एक अलग अर्थ है और एक अलग उद्देश्य भी. सेमीकोलन यानी, अर्धविराम ; एक पंकचुएशन मार्क है. इस सेमीकोलन टैटू को हजारों लोग अपने शरीर पर बनवा रहे हैं. असल में ये एक कैंपेन है जिसमें कहा जाता है कि उम्मीद में शक्ति है जिससे डिप्रेशन और आत्महत्या जैसे खयाल से लड़ा जा सकता है. Project Semicolon नाम का एक NGO इस कैंपेन को चला रहा है. जो डिप्रेशन, नशे की लत, खुद को नुक्सान पहुंचाने और आत्महत्या की सोच रखने वाले लोगों की सहायता करता है.
आत्महत्या के कारण अपने पिता को खो चुकीं ऐमी ब्लूएल(Amy Bluel) ने 2013 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसके लिए उन्होंने सेमीकोलन चुना जिसका अर्थ है निरंतरता, और एक ऐसी कहानी जिसके लेखक ने उसे खत्म नहीं किया है. इस प्रोजेक्ट का एक और उद्देश्य है- ये यकीन रखना कि अभी अंत नहीं हुआ, बल्कि एक नई शुरुआत है.
लोग हाथों पर सेमीकोलन का टैटू करवाकर उसे सोशल मीडिया पर Project Semicolon के नाम से शेयर करते हैं और अपनी कहानी बताते हैं, इस उद्देश्य से कि उनकी इस कहानी से बाकी निराश लोग भी प्रेरित हो सकें और अपने मन से ऐसे नकारात्मक ख्याल निकाल सकें. इस सेमीकोलन ने हार मान चुके तमाम लोगों को फिर से जीने की एक राह दिखाई है. इस छोटी सी पहल को लेकर लोगों में आए सकारात्मक बदलावों का ही नतीजा है कि ये अब सोशल मीडिया के जरिए पूरी दुनिया में एक अभियान की तरह चल रहा है.
आत्महत्या के आंकड़े वास्तव में चौंका देने वाले हैं. पूरी दुनिया में हर साल करीब 10 लाख लोग आत्महत्या करते हैं, यानी कि हर चालीस सैकण्ड में एक व्यक्ति अपनी जान खुद लेता है और पिछले 45 सालों में दुनिया भर में आत्महत्या की दर में 60% का इजाफा हुआ है. ऐसे में इस तरह के अभियान आत्महत्या की बढ़ती दर को कम करने में कारगर साबित हो रहे हैं. तो अब से जब भी आप किसी का सेमीकोलन टैटू देखें, तो थोड़ा सा स्नेह, थोड़ी सी आत्मीयता रखें, और बस इतना कहें- 'उम्मीदें अभी बाकी हैं मेरे दोस्त!' इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |