मोबाइल पर जो नया आया और लोगों को अट्रैक्ट किया वो फिर चलन में आ जाता है. चलन भी नहीं युवाओं में नशा सा चढ़ जाता है. फेसबुक और वॉट्सएप तो अब पुराने हो गए. जो नई चीज आई है उसका क्रेज इतना है कि हर जगह इसी चीज की बात हो रही है और वो है sarahah.
बता दें, गूगल प्ले स्टोर से 5 से 10 लाख यूजर्स इस ऐप को इन्सटॉल कर चुके हैं और लगातार इसकी संख्या बढ़ती जा रही है. एंड्रॉयड और आईफोन के जरिए ये एप जहर की तरह फैल रहा है. ऐप का दावा है कि इसके जरिए यूजर्स अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों और दोस्तों को ईमानदार फीडबैक भेज सकते हैं. लोगों को भले ही ये एप बहुत मजेदार लग रहा हो. लेकिन सच्चाई ये है कि ये काफी खतरनाक साबित हो सकता है.
साइबर बुलिंग का खतरा
इस एप के जरिए यूजर्स किसी को भी मैसेज भेज सकते हैं, रिसीव करने वाला नहीं जान पाएगा किसने मैसेज भेजा है. इससे 'साइबर बुलिंग' का खतरा बढ़ सकता है. नेगेटिविटी बढ़ सकती है. दावा किया जा रहा है कि इस एप को दुनियाभर में फेसबुक और स्नेपचैट से ज्यादा तवज्जो मिल रही है और यह यूजर्स के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
ये एप भरोसेमंद भी नहीं. न कभी किसी ने सुना और न इसके बारे में किसी को जानकारी है. बता दें, सऊदी अरब के जैनुल आबेदीन ने इस एप को इजाद किया है. जो दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है. जो मैसेज आ रहे हैं यूजर्स उसे फेसबुक पर भी शेयर कर रहे हैं. ये एप एक दिन में इतना फेमस हो गया है कि आज युवाओं के फोन में ये एप मिल सकता है. कुछ लोगों ने ये एप इंस्टॉल इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्हें पता नहीं कि ये काम कैसे करता है. अगर इस एप की ऐसी ही पॉपुलेरिटी दिखी तो हर मोबाइल पर ये मौजूद होगा.