ओलंपिक शुरू होने में करीब तीन महीनों का समय है, लेकिन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिए ये समय बेहद खास है. कड़ी मेहनत के साथ खेलों की तैयारी कर रहे खिलाडियों पर इस समय बेहद दबाव होता है. ऐसे में उन्हें प्रोत्साहन और हैसला अफजाई की बेहद जरूरत होती है, जिसे एक मां से ज्यादा कोई और नहीं दे सकता.
खिलाडियों की सफलता में अहम भूमिका निभाती हैं उनकी माएं |
खिलाडियों को खेलों के लिए तैयार करने में जितना हाथ एक कोच का होता है उतना ही शायद उनकी माओं का भी. और इन्हीं माओं के लिए प्रोक्टर एण्ड गैंबल #ThankYouMom हैशटैग से एक मुहिम चलाता है. इस बार भी रियो ओलंपिंक के लिए एक 'सट्रॉन्ग' विज्ञापन बनाया गया है जो उन माओं की मेहनत और त्याग को दर्शाता है जिसकी वजह से बच्चों को खेलों के लिए तैयार होने में मदद मिलती है. इस वीडियो को देखकर सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं हर कोई भावुक हो गया. सोशल मीडिया पर वायरल है ये वीडियो-
माओं को समर्पित ये कैंपेन वैनकूवर 2010 ओलंपिक से शुरु किया गया था. ये खेल बच्चों के लिए थे जिनको इस विज्ञापन से बेहद प्रेरणा मिली.
ये कैंपेन बेहद सफल हुआ और 2012 के लंदन ओलंपिक में एक और भावविभोर कर देने वाला विज्ञापन बनाया गया.
ये भी पढ़ें- बच्चों की परवरिश के लिये कॅरियर छोड़ रही हैं माताएं
एक मां ही होती है जो अपने बच्चे की सफलता...
ओलंपिक शुरू होने में करीब तीन महीनों का समय है, लेकिन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिए ये समय बेहद खास है. कड़ी मेहनत के साथ खेलों की तैयारी कर रहे खिलाडियों पर इस समय बेहद दबाव होता है. ऐसे में उन्हें प्रोत्साहन और हैसला अफजाई की बेहद जरूरत होती है, जिसे एक मां से ज्यादा कोई और नहीं दे सकता.
खिलाडियों की सफलता में अहम भूमिका निभाती हैं उनकी माएं |
खिलाडियों को खेलों के लिए तैयार करने में जितना हाथ एक कोच का होता है उतना ही शायद उनकी माओं का भी. और इन्हीं माओं के लिए प्रोक्टर एण्ड गैंबल #ThankYouMom हैशटैग से एक मुहिम चलाता है. इस बार भी रियो ओलंपिंक के लिए एक 'सट्रॉन्ग' विज्ञापन बनाया गया है जो उन माओं की मेहनत और त्याग को दर्शाता है जिसकी वजह से बच्चों को खेलों के लिए तैयार होने में मदद मिलती है. इस वीडियो को देखकर सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं हर कोई भावुक हो गया. सोशल मीडिया पर वायरल है ये वीडियो-
माओं को समर्पित ये कैंपेन वैनकूवर 2010 ओलंपिक से शुरु किया गया था. ये खेल बच्चों के लिए थे जिनको इस विज्ञापन से बेहद प्रेरणा मिली.
ये कैंपेन बेहद सफल हुआ और 2012 के लंदन ओलंपिक में एक और भावविभोर कर देने वाला विज्ञापन बनाया गया.
ये भी पढ़ें- बच्चों की परवरिश के लिये कॅरियर छोड़ रही हैं माताएं
एक मां ही होती है जो अपने बच्चे की सफलता के लिए उनसे भी ज्यादा मेहनत करती है. और हर चुनौती से लड़ने के लिए उन्हें मजबूत बनाती है. भले ही मदर्स डे आने में अभी कुछ दिन का समय है, लेकिन विश्वास बंधाती, हौसले बुलंद करती और जीत का ख्वाब देखती हर मां को थैंक्स कहने के लिए किसी दिन का इंतजार नहीं करना होता. तो कहिए अपनी मां से #ThankYouMom.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.