18 साल की मैडी रंकल्स मेरीलैंड, अमेरिका के हेरीटेज एकेडमी में पढ़ती थी. हेरीटेज एकेडमी एक प्राइवेट क्रिश्चन हाई स्कूल है. यहां पर ईसाई धर्म और उसकी मान्यताओं को लेकर कड़े नियम अपनाए जाते हैं. रंकल्स इस स्कूल के स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष थी, की कल्ब की वाइस प्रेजीडेंट और स्कूल की सॉकर टीम का हिस्सा थी.
जनवरी में उसे पता चला की वो प्रेग्नेंट है. बस फिर क्या था स्कूल और उसके प्रबंधन में भूचाल आ गया. स्कूल के अपने धार्मिक नियमों का कड़ाई से पालन करता है जिसमें लोगों को 'अनैतिक यौन संबंधों' से रोकना भी शामिल है. इस कारण से स्कूल ने मैडी के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्यवाही करते हूए उसे स्कूल के हर लीडरशिप रोल से हटा दिया. साथ ही उसे ये भी कहा गया कि उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा, हालांकि 2 दिन के निलंबन के बाद उसे स्कूल में फिर से दाखिल कर लिया.
बिन फेरे मां बनना पड़ा भारी
बजफीड वेबसाइट को मैडी ने बताया कि- 'स्कूल वाले कहते हैं कि मैंने शादी के पहले सेक्स करके गलत काम किया है लेकिन इसी स्कूल में कई लड़के पार्टियों में शराब पीते पकड़े गए थे. उनलोगों को तो सिर्फ एक दिन के लिए निलंबित किया गया था. लेकिन मैंने कोई कानून नहीं तोड़ा है. मैंने सिर्फ शादी के पहले सेक्स किया है जो इनलोगों के हिसाब से एक अपराध है.'
स्कूल की वेबसाइट पर लिखे गए एक खुले पत्र में प्रिंसिपल डेविड हॉब्स ने कहा कि- 'मैडी को प्रेग्नेंट होने की वजह से नहीं सजा नहीं दी जा रही बल्कि उसे इसलिए दंडित किया जा रहा है क्योंकि उसने अनैतिक काम किया है. हम सभी मैडी को प्यार करते हैं. लेकिन अभी की परिस्थिति में सबसे अच्छा यही है कि हम मैडी को उसकी गलतियों के लिए उत्तरदायी ठहराएं.'
क्रिश्चियन परिवार में पैदा होने के कारण मैडी को भली-भांति पता था कि उनके धर्म में गर्भपात एक अपराध है. लेकिन गर्भवती होने के बाद मैडी को एहसास हुआ कि धर्म में लिखी इस बात में कई छेद हैं. हालांकि अपने प्रेग्नेंट होने की खबर जब मैडी ने अपने घरवालों को बताई तो उन्होंने मैडी का पूरा साथ दिया. यहां तक की जब स्कूल वालों ने मैडी को निकालने की धमकी दी तब भी उसके घरवाले उसके साथ खड़े रहे.
दुख इस बात का है कि मैडी के घरवालों की तरह हर कोई उसके साथ नहीं खड़ा था. हालांकि मैडी के दोस्तों ने शुरू में उसका साथ दिया था लेकिन बाद में सभी ने उससे मुंह मोड़ लिया. मैडी के घरवालों ने उसे और उसके भाई को स्कूल से निकाल लिया. मैडी के पिता स्कूल बोर्ड के प्रेसीडेंट थे लेकिन अपनी बेटी के साथ स्कूल के इस तरह का व्यवहार देखकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया. मैडी का भाई 9वीं क्लास में है जिसका स्कूल अगले साल बदल दिया जाएगा.
परिवार का साथ संबल दे रहा है
अपने साथ हुए बर्ताव के बाद भी मैडी के मन में किसी के लिए कोई गुस्सा नहीं है. लेकिन हां उन्हें अपनी जिंदगी का एक मकसद जरुर मिल गया है. कॉलेज खत्म होने के बाद अब वो टीन एजर प्रेग्नेंट लड़कियों के लिए एक संस्था बनाएंगी जो उनकी दिक्कतों से निपटने में सहायता करेगा.
मैडी कहती है- 'मेरा लक्ष्य है कि लोगों और क्रिश्चियन समुदाय को यह महसूस करना है कि आप बच्चों की हत्या के खिलाफ हो सकते हैं, लेकिन जब लड़की अपने बच्चे को रखने का फैसला करती है और उसकी स्थिति आपके मानकों को पूरा नहीं करती, तो आप उसे यूं ही फेंक नहीं सकते. ऐसा करके आप जीवन को बचाने के अपने उद्देश्य को ही औंधे मुंह गिरा देते हैं.'
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