ये मोदी सरकार आतंकवाद विरोधी सरकार है. जब से मोदी सरकार आतंकवादियों पर आक्रामक हुई है उनको एनकाउंटर करना शुरू किया है, तब से देश में माहौल गरम हो गया है. इससे अच्छी तो मनमोहन सरकार थी भले देश का हालत खस्ता थी देश में रोज़ घोटाले हुआ करते थे पर शान्ति तो थी. अगर हम एक दो छुटपुट घटना को छोड़ दे जैसे मुंबई में हमला इसके अलावा देश में शांति ही शांति थी. पर अब ऐसा नहीं है रोज़ आतंकवादी मारे जा रहे हैं. देश की सीमा पर भी तनाव पहले की तरह हो गए है. मोदी सरकार भले घोटाला नहीं कर रही है पर देश अशांत है.
मोदी के विरोधी भी इस अशांती के लिए कम जिम्मेदार नहीं है वे लोग मोदी पर इतना चिल्लाते क्यों है? देश की हर घटना को साम्प्रदायिकता से जोड़ कर देखना शुरू कर दिया है और ऊपर से रोना रोते है. देश का माहौल एक दम से खराब कर दिया है इन विरोधियो ने.
मोदी समर्थक और विरोधी दोनों ओवर एक्टिंग कर रहे हैं. बस हल्ला गुल्ला कर रहे हैं. ऐसे में अब कइयों को मनमोहन पसंद आने लगे हैं. तब लगता था कि देश में शांती ही शांती है कोई सरकार है ही नहीं, बस वे लोग कुछ ज्यादा ही घोटाले कर दिए वरना वो लोग अच्छे थे भाई.
ऊपर से ये केजरीवाल जी आकर अलग से बवाल काट रहे हैं. दिल्ली में कुछ ठीक कर नहीं पा रहे हैं और रोज़ दूसरों की मइयत में रोने पहुंच जाते हैं. इल्जाम लगाना तो जैसे धंधा हो गया है. खैर मैं चाहता हूँ पंजाब में भी इनकी सरकार बन जाए उसके बाद ये अच्छे से एक्सपोज हो जाएं ताकि रोज़ रोज़ का रोना बंद ही हो जाए.
हे आल्हा-ईश्वर देश में शांती कौन लाएगा? विकास आए ना आए शांती जरूर आनी चाहिए.
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