ताजमहल की देखरेख करने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को निरि की एक रिपोर्ट का इंतजार है. यही रिपोर्ट तय करेगी कि ताजमहल देखने के लिए आने वालों की संख्या किस तरह नियंत्रित की जाए. इस इंतजार के पीछे एक बड़ी चिंता है. अभी जिस तरह से ताजमहल की मुख्य इमारत पर भीड़ जमा होती है, वह उसके लिए खतरा बन गई है. एएसआई को शक है कि अगर समय रहते इंतजाम न हुए तो इमारत में दरार आ जाएंगी जिन्हें पाटना मुश्किल होगा.
क्या है खतरा
ताजमहल को देखने के लिए हर साल लाखों सैलानी दुनियाभर से आगरा आते हैं. हर कोई करीब से ताजमहल को देखना चाहता है. रोजाना तकरीबन 50 से ज्यादा सैलानी ताजमहल देखने आते हैं. लेकिन उनकी मौजूदगी से ताजमहल की मुख्य इमारत पर पड़ने वाला दबाव खतरनाक साबित हो सकता है. मुख्य इमारत के फर्श में अधिक दबाव से दरारें आने का खतरा है. ये दरारें बढ़ भी सकती हैं.
निरि पर है समाधान की जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की इस समस्या का हल तलाशने का काम नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (निरि) को सौंपा था. निरि के वैज्ञानिकों ने ताजमहल की विशेष जांच की. कई माह तक अलग-अलग तरह के सर्वे किए. ताजमहल पर मंडरा रहे खतरे को कम करने के लिए सभी पहुलओं की तथ्यों के आधार पर जांच का काम निरि ने पूरा कर लिया.
पर्यटकों की संख्या पर नियंत्रण
ताजमहल आने वाले पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करके इस खतरे को कम किया जा सकता है. इसके लिए एएसआई ने प्रस्ताव भी तैयार किए थे. एएसआई का मानना है कि पर्यटकों को 3 हजार प्रति घंटा की औसत से ताजमहल में भेजा जाए. इस तरह से आठ घंटे में 24 हजार पर्यटक ताजमहल देख सकेंगे. टिकट की अवधि को एक घंटे के लिए कर दिया जाए. मौजदा टिकट पूरे दिन के लिए होता है. उसमें वक्त की कोई पाबंदी नहीं है. इसी तरह से मुख्य इमारत (जो पूरी तरह सफेद संगमरमर से बना है) पर पर्यटकों की एंट्री को बंद किए जाने, ताजमहल में मुख्य स्मारक पर जाने के लिए अलग से...
ताजमहल की देखरेख करने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को निरि की एक रिपोर्ट का इंतजार है. यही रिपोर्ट तय करेगी कि ताजमहल देखने के लिए आने वालों की संख्या किस तरह नियंत्रित की जाए. इस इंतजार के पीछे एक बड़ी चिंता है. अभी जिस तरह से ताजमहल की मुख्य इमारत पर भीड़ जमा होती है, वह उसके लिए खतरा बन गई है. एएसआई को शक है कि अगर समय रहते इंतजाम न हुए तो इमारत में दरार आ जाएंगी जिन्हें पाटना मुश्किल होगा.
क्या है खतरा
ताजमहल को देखने के लिए हर साल लाखों सैलानी दुनियाभर से आगरा आते हैं. हर कोई करीब से ताजमहल को देखना चाहता है. रोजाना तकरीबन 50 से ज्यादा सैलानी ताजमहल देखने आते हैं. लेकिन उनकी मौजूदगी से ताजमहल की मुख्य इमारत पर पड़ने वाला दबाव खतरनाक साबित हो सकता है. मुख्य इमारत के फर्श में अधिक दबाव से दरारें आने का खतरा है. ये दरारें बढ़ भी सकती हैं.
निरि पर है समाधान की जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की इस समस्या का हल तलाशने का काम नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (निरि) को सौंपा था. निरि के वैज्ञानिकों ने ताजमहल की विशेष जांच की. कई माह तक अलग-अलग तरह के सर्वे किए. ताजमहल पर मंडरा रहे खतरे को कम करने के लिए सभी पहुलओं की तथ्यों के आधार पर जांच का काम निरि ने पूरा कर लिया.
पर्यटकों की संख्या पर नियंत्रण
ताजमहल आने वाले पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करके इस खतरे को कम किया जा सकता है. इसके लिए एएसआई ने प्रस्ताव भी तैयार किए थे. एएसआई का मानना है कि पर्यटकों को 3 हजार प्रति घंटा की औसत से ताजमहल में भेजा जाए. इस तरह से आठ घंटे में 24 हजार पर्यटक ताजमहल देख सकेंगे. टिकट की अवधि को एक घंटे के लिए कर दिया जाए. मौजदा टिकट पूरे दिन के लिए होता है. उसमें वक्त की कोई पाबंदी नहीं है. इसी तरह से मुख्य इमारत (जो पूरी तरह सफेद संगमरमर से बना है) पर पर्यटकों की एंट्री को बंद किए जाने, ताजमहल में मुख्य स्मारक पर जाने के लिए अलग से दूसरा टिकट लगाने और पर्यटक को केवल एक तरफ से घूम कर निकाले जाने (वन-वे) जैसे प्रस्ताव भी सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए हैं.
क्यों चिंतित है एएसआई
ताजमहल को बने 362 साल हो चुके हैं. इसकी देखभाल का जिम्मा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के कंधों पर है. ताजमहल पर बढ़ते दबाव को लेकर अधिकारी परेशान हैं. तकरीबन दो साल का वक्त बीतने को है. लेकिन निरि ने अपनी रिपोर्ट अभी तक सुप्रीम कोर्ट को नहीं सौंपी है. ताजमहल के संरक्षक सहायक इंजीनियर मुन्नजर अली बताते हैं कि निरि की विस्तृत रिर्पोट नहीं आई है. इसलिए अभी इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन हम ताजमहल पर बढ़ते दबाव को लेकर चिंतित हैं. मुख्य इमारत पर दबाव कम करना जरूरी है. पर अंतिम फैसला निरि को करना है. उसी के आधार पर हम काम करेंगे.
गौरतलब है कि ताजमहल देखने के लिए हर साल 50 से 70 लाख पर्यटक आगरा आते हैं. जिनमें तकरीबन 12 फीसदी विदेशी सैलानी भी शामिल होते हैं. यह संख्या हर साल बढ़ रही है. पर्यटन जगत के लिए यह अच्छी बात है. लेकिन ताजमहल के लिए यह बड़ा खतरा है. अब एएसआई को निरि की रिर्पोट और दिशा निर्देश का इंतजार है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.