सीरिया के क्या हालात हैं उनसे कोई भी अंजान नहीं है. आजकल सीरिया या एलेप्पो से जुड़ी कोई भी ट्रेंडिंग खबर सिर्फ एयर स्ट्राइक या बॉम्ब की होती है. यूनिसेफ (NICEF) के अनुसार एलेप्पो बच्चों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक शहरों में से एक है. रिपोर्ट्स के अनुसार 3 लाख लोगों की मौत एलेप्पो में एयरस्ट्राइक के दौरान हुई है और उसमें से 1 लाख बच्चे थे. आज एलेप्पो की तस्वीर एक विचलित कर देने वाली कहानी कहती है. भागते लोग, डरे सहमे बच्चे, खौफ का साया.
दो दिन पहले ही एक सीरियाई पिता ने अपनी बच्ची की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज इसने मुझे पकड़ना सीखा है. मैं खुश हूं, लेकिन क्या मैं इसे कल देख पाऊंगा?
एक और ट्वीट में एक 7 साल की बच्ची ने लिखा था कि ये मेरे आखिरी शब्द हैं. अब या तो मैं जिऊंगी या मर जाऊंगी.
छोटे ताबूत सबसे भारी होते हैं- ये जिस किसी ने भी लिखा था सही लिखा था. बच्चों की मौत पर सबसे ज्यादा दुख होता है. एलेप्पो की जिंदगी अब और बदत्तर हो गई है. एक बार फिर शहर में एयर स्ट्राइक शुरू हो गई है. शहर में बचे कुछ सीरियाई अब उम्मीद खो चुके हैं. आखिर कैसे एक खूबसूरत सीरियाई शहर ऐसी त्रासदी का शिकार हो गया?
ये भी पढ़ें- जानिए कैसे पल रहे हैं दुनिया के सबसे लहूलुहान बच्चे !
एक था एलेप्पो-
रातों रात कुछ नहीं हुआ है, ये सब सीरिया और एलेप्पो 5 साल से झेल रहे हैं. यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट माने जाने वाले एलेप्पो शहर में तबाही अकेले नहीं शुरू हुई थी. दरअसल ये सब...
सीरिया के क्या हालात हैं उनसे कोई भी अंजान नहीं है. आजकल सीरिया या एलेप्पो से जुड़ी कोई भी ट्रेंडिंग खबर सिर्फ एयर स्ट्राइक या बॉम्ब की होती है. यूनिसेफ (NICEF) के अनुसार एलेप्पो बच्चों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक शहरों में से एक है. रिपोर्ट्स के अनुसार 3 लाख लोगों की मौत एलेप्पो में एयरस्ट्राइक के दौरान हुई है और उसमें से 1 लाख बच्चे थे. आज एलेप्पो की तस्वीर एक विचलित कर देने वाली कहानी कहती है. भागते लोग, डरे सहमे बच्चे, खौफ का साया.
दो दिन पहले ही एक सीरियाई पिता ने अपनी बच्ची की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज इसने मुझे पकड़ना सीखा है. मैं खुश हूं, लेकिन क्या मैं इसे कल देख पाऊंगा?
एक और ट्वीट में एक 7 साल की बच्ची ने लिखा था कि ये मेरे आखिरी शब्द हैं. अब या तो मैं जिऊंगी या मर जाऊंगी.
छोटे ताबूत सबसे भारी होते हैं- ये जिस किसी ने भी लिखा था सही लिखा था. बच्चों की मौत पर सबसे ज्यादा दुख होता है. एलेप्पो की जिंदगी अब और बदत्तर हो गई है. एक बार फिर शहर में एयर स्ट्राइक शुरू हो गई है. शहर में बचे कुछ सीरियाई अब उम्मीद खो चुके हैं. आखिर कैसे एक खूबसूरत सीरियाई शहर ऐसी त्रासदी का शिकार हो गया?
ये भी पढ़ें- जानिए कैसे पल रहे हैं दुनिया के सबसे लहूलुहान बच्चे !
एक था एलेप्पो-
रातों रात कुछ नहीं हुआ है, ये सब सीरिया और एलेप्पो 5 साल से झेल रहे हैं. यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट माने जाने वाले एलेप्पो शहर में तबाही अकेले नहीं शुरू हुई थी. दरअसल ये सब एक दूसरे शहर दारा से शुरू हुआ था.
एलेप्पो पहले और अब |
ऐसे शुरू हुआ संघर्ष..
दिसंबर 2010 में ट्यूनीशिया से अरब स्प्रिंग (अरब क्रांती) की शुरुआत हुई. इस क्रांती ने जल्द ही पूरे अरब को अपनी चपेट में ले लिया, लीबिया, सीरिया, ईराक, यमन के साथ ही बाहरेन और इजिप्ट भी जुड़ गए. महज 4 महीनों के अंदर इसने रौद्र रूप ले लिया. इसे अरब डेमोक्रेसी भी कहा जाता है. लोग शातिप्रद तरीके से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
इसी बीच सीरिया के एक शहर दारा में कुछ स्कूली बच्चों ने वहां से राष्ट्रपकि बशर अल असद की सरकार के खिलाफ तस्वीरें बनाई और उसी आरोप में वो गिरफ्तार कर लिए गए. उन्हें टॉर्चर किया गया और इसके विरोध में जब लोगों ने प्रोटेस्ट किया तो उनपर गोलियां चलवाई गईं. इसमें कई लोगों की जान गई.
इसके बाद हुआ आर्मी का गठन..
इस घटना के बाद फ्री सीरियन आर्मी का गठन हुआ. कुछ आर्मी अफसरों ने एक अलग ग्रुप बनाया और असद सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. तीन महीने के बाद और छोटे-छोटे संगठन इस क्रांति में जुड़ गए. दुनियाभर से विद्रोही सीरिया पहुंचने लगे. 2011 से 13 के बीच इस्लामी संगठनों का प्रभाव बढ़ा, सीरिया में जगह-जगह सुसाइड ब्लास्ट हुए और अलकायदा के लीडर अयमान अल जवाहिरी ने सीरिया में लोगों को इस्लाम के रास्ते पर चलने को बोला.
2013 में बना ISIS...
2013 में उसी विद्रोही ग्रुप में से अलग होकर एक और ग्रुप ISIS बना. इसी साल बशर अल असद सरकार ने आम जनता पर कैमिकल अटैक करवाया. इसके बाद अमेरिका जो विद्रोहियों को सपोर्ट कर रहा है और रशिया जो असद सरकार को सपोर्ट कर रहा है सीरिया में शामिल हुए.
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2012 सितंबर में एलेप्पो के अल मदीना मार्केट में आग लगा दी गई. थोड़े दिन के अंदर ही एलेप्पो के मस्जिद को ग्रेनेड और बम से बर्बाद कर दिया गया. कुछ दिन बाद ही शहर की बाकी ऐतिहासिक इमारतों के साथ भी यही हुई. उसके बाद से ही मानवता को तार-तार करने वाली कहानियां हर रोज एलेप्पो सहित सीरिया के बाकी देशों में दोहराई जाती हैं.
खुदा का वो शहर जिसे देख अब खुदा भी रोता होगा...
कुछ समय पहले फेसबुक पर एक सीरियाई बच्चे की फोटो वायरल हुई थी. उस 3 साल के सीरियाई बच्चे ने मरने से ठीक पहले कहा कि, "मैं खुदा को जाकर शिकायत करूंगा. उसे सब कुछ बताऊंगा." वो सीरिया में कहां से था? कहां थे उसके मां-बाप इसके बारे में कुछ नहीं पता. खास बात तो ये है कि
इस बच्चे ने कहाथा खुदा से करूंगा शिकायत |
आए दिन सीरिया की हालत के बारे में बताने वाले वीडियो, फोटो और खबरें आती रहती हैं. आखिर क्यों हो रहा है ये सब. वर्ल्ड हैरिटेज घोषित हुआ एक शहर एलेप्पो अब सिर्फ खंडहर बन चुका है. एक समय घनी आबादी वाला शहर अब सिर्फ खंडहर है और वहां बचे लोग भी अब उस जगह से निकलना चाहते हैं. 5 साल से ज्यादा समय से जो देश ऐसी हालत झेल रहा हो वो क्या वापस कभी उठकर खड़ा हो पाएगा?
एलन कुर्दी की मरने से पहले की फोटो और बाद में तुक्री के समुद्र तट से ली गई फोटो |
क्या कसूर था उस सीरियन बच्चे का जो 3 साल की उम्र में ये कहकर दुनिया से चला गया कि ऊपर जाकर में खुदा को सब बताऊंगा? क्या गलती थी उस बच्चे की जो समुद्र के खारे पानी में डूब गया, एलन कुर्दी नाम था उस बच्चे का जो बहकर तुर्की समुद्र तट पर आ गया था. वाकई इस समय खुदा भी सीरिया और एलेप्पो को देखकर रोता होगा और ऐसा हो भी क्यों ना, आखिर उस बच्चे ने वाकई मरने के बाद ऊपर वाले से शिकायत तो की ही होगी ना?
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