इस ब्रह्मांड में हजारों ग्रह हैं लेकिन उनमें से पानी का तोहफा सिर्फ पृथ्वी को मिला है. जल ही है जिसके न होने से बाकी ग्रह वीरान हैं तो पृथ्वी पर जीवन है. पानी को यूं ही जीवन नहीं कहा जाता है. पानी न होता तो पृथ्वी भी बाकी ग्रहों की तरह ही वीरान ही होती. लेकिन जरा सोचिए क्या हो अगर कभी धरती पर जल ही खत्म हो जाए. आप उस स्थिति की भयावहता की कल्पना भी नहीं कर सकते, अगर ऐसा हुआ तो पृथ्वी पर जीवन का समूल विनाश तय लेकिन पानी के प्रति लापरवाह रवैये के कारण बड़ी तेजी से दुनिया भर में जल संकट गहराता जा रहा है.
हर वर्ष पानी की कमी से जूझने वाले इलाकों का क्षेत्रफल और इससे प्रभावित लोगों की तादाद बढ़ रही है. अगर जल्द ही पानी के सरंक्षण के लिए उपयुक्त कदम न उठाए गए तो स्थिति नियंत्रण के बाहर हो जाएगी. पानी की उपलब्धता भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में और भी जरूरी हो जाती है. इतनी विशाल आबादी वाले देश के पास पानी की जबर्दस्त कमी है. एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2050 तक भारत की आधी आबादी के पास उसकी जरूरतों का 50 फीसदी पानी ही उपलब्ध होगा.
शुरू हुआ 'पानी का टीका' आंदोलनः
पानी के सरंक्षण और उसे खत्म होने से बचाने के लिए हाल ही में एक मुहिम शुरू की गई जिसका नाम है, 'पानी का टीका.' इसे नागरिकों का आंदोलन कहा गया और इस मुहिम का मकसद लोगों को पानी को व्यर्थ बर्बाद न करने और उसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखने के प्रति जागरूक बनाना है. पानी की टीका मुहिम को शुरू किया है आइडियाहाइव प्राइवेट लिमिटेड ने. 'पानी का टीका' ने फेसबुक ट्विटर और यूट्यूब जैसे सोशल माध्यमों से लोगों के बीच पानी को बचाने की मुहिम छेड़ी है.
'पानी का टीका' की टीम ने इसके लिए एक बेहद ही मजेदार तरीका अपनाया है और इसमें लोगों से एक वीडियो बनाकर उसमें पानी बचाने के तरीके बताने को कहा गया है. साथ ही वीडियो बनाने वाले को अपने तीन और दोस्तों को भी इस मुहिम में शामिल होने के लिए नॉमिनेट करना है. अब वो तीन दोस्त अपने तीन दोस्तों को इस मुहिम में शामिल होने के...
इस ब्रह्मांड में हजारों ग्रह हैं लेकिन उनमें से पानी का तोहफा सिर्फ पृथ्वी को मिला है. जल ही है जिसके न होने से बाकी ग्रह वीरान हैं तो पृथ्वी पर जीवन है. पानी को यूं ही जीवन नहीं कहा जाता है. पानी न होता तो पृथ्वी भी बाकी ग्रहों की तरह ही वीरान ही होती. लेकिन जरा सोचिए क्या हो अगर कभी धरती पर जल ही खत्म हो जाए. आप उस स्थिति की भयावहता की कल्पना भी नहीं कर सकते, अगर ऐसा हुआ तो पृथ्वी पर जीवन का समूल विनाश तय लेकिन पानी के प्रति लापरवाह रवैये के कारण बड़ी तेजी से दुनिया भर में जल संकट गहराता जा रहा है.
हर वर्ष पानी की कमी से जूझने वाले इलाकों का क्षेत्रफल और इससे प्रभावित लोगों की तादाद बढ़ रही है. अगर जल्द ही पानी के सरंक्षण के लिए उपयुक्त कदम न उठाए गए तो स्थिति नियंत्रण के बाहर हो जाएगी. पानी की उपलब्धता भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में और भी जरूरी हो जाती है. इतनी विशाल आबादी वाले देश के पास पानी की जबर्दस्त कमी है. एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2050 तक भारत की आधी आबादी के पास उसकी जरूरतों का 50 फीसदी पानी ही उपलब्ध होगा.
शुरू हुआ 'पानी का टीका' आंदोलनः
पानी के सरंक्षण और उसे खत्म होने से बचाने के लिए हाल ही में एक मुहिम शुरू की गई जिसका नाम है, 'पानी का टीका.' इसे नागरिकों का आंदोलन कहा गया और इस मुहिम का मकसद लोगों को पानी को व्यर्थ बर्बाद न करने और उसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखने के प्रति जागरूक बनाना है. पानी की टीका मुहिम को शुरू किया है आइडियाहाइव प्राइवेट लिमिटेड ने. 'पानी का टीका' ने फेसबुक ट्विटर और यूट्यूब जैसे सोशल माध्यमों से लोगों के बीच पानी को बचाने की मुहिम छेड़ी है.
'पानी का टीका' की टीम ने इसके लिए एक बेहद ही मजेदार तरीका अपनाया है और इसमें लोगों से एक वीडियो बनाकर उसमें पानी बचाने के तरीके बताने को कहा गया है. साथ ही वीडियो बनाने वाले को अपने तीन और दोस्तों को भी इस मुहिम में शामिल होने के लिए नॉमिनेट करना है. अब वो तीन दोस्त अपने तीन दोस्तों को इस मुहिम में शामिल होने के लिए नॉमिनेट करेंगे. इस तरह पानी का टीका लगाने वालों यानी की पानी बचाने की मुहिम से जुड़ने वालों की संख्या बढ़ती चली जाएगी.
अब तक 'पानी का टीका' की इस मुहिम से कई सिलेब्रिटी भी जुड़ें हैं और उन्होंने लोगों से पानी बचाने की अपील की है. इन सिलेब्स ने ये संदेश पानी का टीका के वीडियोज के माध्यम से दिया है. इन सभी सिलेब्स ने न सिर्फ पानी बचाने के तरीके बताए हैं बल्कि इस मुहिम से जुड़ने के लिए अपने तीन और दोस्तों को भी नॉमिनेट किया है. इस मुहिम से जुड़ने के लिए और पानी के बचाव के तरीके बताने का वीडियो भेजने के लिए आप पानी का टीका के ट्विटर हैंडल (@PaaniKaTeeka) और उसकी वेबसाइट (http://paanikateeka.com/) से जुड़ सकते हैं.
आज यानी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जल बचाने की इस मुहिम से आप भी जुड़िए और ‘पानी का टीका’ लगाकर पानी को बचाने का संकल्प लीजिए.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.