हर मां की तरह गुरमेहर की मां भी अपनी बेटी के लिए चिंतित रहती हैं. गुरमेहर कौर का नाम आज हर किसी की जुबान पर चढ़ा हुआ है. शायद कोई ऐसा घर नहीं होगा जहां इसके नाम की चर्चा नहीं हो रही होगी. गुरमेहर की मां रजवंत कौर बेटी के इस चर्चे से परेशान हैं. गुरमेहर को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है, लोग उसे रेप की धमकियां दे रहे हैं. यही नहीं 20 साल की इस लड़की को सिर्फ अपने दिल की बात बोलने की वजह से आज जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं.
इस सारे घटनाक्रम ने गुरमेहर की मां के रातों की नींद उड़ा दी है. जब मैंने उनसे फोन पर बात की तो लगा शायद वो अनजाने नंबरों के कॉल भी उठाने में डरती हैं. गुरमेहर को दिल्ली छोड़ पंजाब वापस चली गई है. इस ट्रोल वाली भीड़ से दूर, घर में प्रियजनों के सुरक्षित हाथों में. रजवंत कौर को अपनी बेटी के सेहत की चिंता है. दिल्ली में गुरमोहर का खाना-पीना तक मुहाल हो गया था. उसने अपने मौलिक अधिकार का उपयोग किया और जान के लाले पड़ गए. अब वो सही थी या गलत मैंने अपना पक्ष उससे बात करते समय रखना जरुरी नहीं समझा.
रजवंत कहती हैं- 'गुरमेहर हमेशा से ही एक बहादुर और पॉजिटिव एनर्जी से...
हर मां की तरह गुरमेहर की मां भी अपनी बेटी के लिए चिंतित रहती हैं. गुरमेहर कौर का नाम आज हर किसी की जुबान पर चढ़ा हुआ है. शायद कोई ऐसा घर नहीं होगा जहां इसके नाम की चर्चा नहीं हो रही होगी. गुरमेहर की मां रजवंत कौर बेटी के इस चर्चे से परेशान हैं. गुरमेहर को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है, लोग उसे रेप की धमकियां दे रहे हैं. यही नहीं 20 साल की इस लड़की को सिर्फ अपने दिल की बात बोलने की वजह से आज जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं.
इस सारे घटनाक्रम ने गुरमेहर की मां के रातों की नींद उड़ा दी है. जब मैंने उनसे फोन पर बात की तो लगा शायद वो अनजाने नंबरों के कॉल भी उठाने में डरती हैं. गुरमेहर को दिल्ली छोड़ पंजाब वापस चली गई है. इस ट्रोल वाली भीड़ से दूर, घर में प्रियजनों के सुरक्षित हाथों में. रजवंत कौर को अपनी बेटी के सेहत की चिंता है. दिल्ली में गुरमोहर का खाना-पीना तक मुहाल हो गया था. उसने अपने मौलिक अधिकार का उपयोग किया और जान के लाले पड़ गए. अब वो सही थी या गलत मैंने अपना पक्ष उससे बात करते समय रखना जरुरी नहीं समझा.
रजवंत कहती हैं- 'गुरमेहर हमेशा से ही एक बहादुर और पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर लड़की रही है. 21 साल पहले दिल्ली के ही गुरुद्वारा बंग्ला साहिब में कितनी मिन्नतों के बाद गुरमेहर का जन्म हुआ था. उसे बहादुर तो होना ही है. उसके पिता की मौत के बाद जिंदगी को पटरी पर आने में थोड़ा टाइम लगा.'
रजवंत बताती हैं कि- इस पूरे दौर में वो 'सुखमनी साहिबजी पाठ' करती रहीं. 'सुखमनी साहिबजी पाठ' गुरू ग्रंथ साहिब का भजन का एक हिस्सा है. सुखमनी शब्द का मतलब है सुख और शांति का खजाना. सुखान दी मनी का मतलब है खुशियां. चारो तरफ सिर्फ और सिर्फ खुशियां. अपने बच्चे से भी राजवंत सिर्फ खुशियां ही चाहती थीं. और जब इतनी मिन्नतों और प्रार्थनाओं के बाद गुरमेहर का जन्म हुआ तो उसके पिता और राजवंत के भाइयों ने उसे गुरमेहर ही बुलाना शुरु कर दिया. गुरमेहर के नाम का मतलब है गुरु का आर्शिवाद. गुरमेहर के जन्म के साथ शांति की स्थापना हुई थी. फोन पर राजवंत का अपनी बेटी के लिए गर्व पूरे समय उनकी बातों से झलक रहा था. वो सिर्फ यही कहती रहीं कि गुरमेहर हमेशा शांति और सौहार्द की बात करती है.
पूरी बातचीत में रजवंत इसी बात को लेकर सावधान थी कि उनकी बेटी को किसी पचड़े में ना फंसा दिया जाए. उसने सिर्फ अपने मन की बात कही थी जिसका सम्मान होना चाहिए. उसे भी पूरा हक़ है अपनी बात रखने का. गुरमेहर ने सिर्फ वही किया था. एक तरह से वो सिर्फ अपनी बेटी को बचाना चाह रही थी और सारी दिक्कतों से उसे दूर रखना चाह रही थी.
आप गुरमेहर को उसकी बातों के लिए प्यार करें या नफरत. लेकिन एक बात के लिए हम सभी को सहमत होना होगा कि गुरमेहर की रक्षा करने की जिम्मेदारी हम सभी की है. उसे उसकी बात कहने का हक है. याद रखिए मां किसी की भी हो अपने बच्चे के लिए जान देती है. उन्हें दुनियादारी से कोई मतलब नहीं होता. उन्हें दिमाग से मतलब नहीं होता. मांए दिल से सोचती हैं. और कुछ नहीं तो गुरमेहर की मां के लिए अब उस लड़की को बख्श दीजिए.
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