'मुझे शादी नहीं करनी' हम बचपन से यही एक बात कहते कहते बड़े हो जाते हैं, और फिर एक दिन सूरज बड़जात्या की फिल्म की तरह हमारी जिंदगी में भी आ जाती है एक प्रेम कहानी या शादी. फिर तैयारियां, शॉपिंग, संगीत, चकाचौंध, गाजे बाजे, बारात, और लाखों का बिल समेटते बेचारे मां बाप. हर किसी की जिंदगी का बहुत बड़ा ईवेंट होता है शादी, लेकिन ये कहना भी गलत नहीं कि हर किसी की जिंदगी में इससे बड़ा मेलोड्रामा भी कोई नहीं. शादी जिंदगी बदल देती है, किसी की पॉजिटिवली तो किसी की निगेटिवली भी. शादी को लेकर हर किसी के अलग-अलग मत हो सकते हैं, लेकिन ये आश्चर्य करने वाली बात है कि आज का युवा सच में शादी नहीं करना चाहता. जानते हैं उन्हीं की दी हुई कुछ अजीब वजहें-
1. दिल में कोई और तो जिंदगी में कोई और कैसे?- प्यार में नाकाम रहे लोग अक्सर शादी नहीं करना चाहते. दिल में पहले से ही कोई और है तो फिर लाइफ पार्टनर को दिल में एडजस्ट करना काफी मुश्किल काम है. यही एडजस्टमेंट जीवन भर करने से लगता है डर.
2. शादी पर जबरदस्ती के खर्चे– जब पहली बार हमें सैलरी मिलती है तो हर कोई यही समझाता है कि पैसा कैसे बचाना है, पैसे को समझदारी से कैसे खर्चना है. लेकिन शादी के वक्त लोग इस पर ज़रा भी ध्यान नहीं देते. अपनी मेहनत का पैसा पानी की तरह बहाते हैं. क्या इसी के लिए पैसा बचाते हैं?
'मुझे शादी नहीं करनी' हम बचपन से यही एक बात कहते कहते बड़े हो जाते हैं, और फिर एक दिन सूरज बड़जात्या की फिल्म की तरह हमारी जिंदगी में भी आ जाती है एक प्रेम कहानी या शादी. फिर तैयारियां, शॉपिंग, संगीत, चकाचौंध, गाजे बाजे, बारात, और लाखों का बिल समेटते बेचारे मां बाप. हर किसी की जिंदगी का बहुत बड़ा ईवेंट होता है शादी, लेकिन ये कहना भी गलत नहीं कि हर किसी की जिंदगी में इससे बड़ा मेलोड्रामा भी कोई नहीं. शादी जिंदगी बदल देती है, किसी की पॉजिटिवली तो किसी की निगेटिवली भी. शादी को लेकर हर किसी के अलग-अलग मत हो सकते हैं, लेकिन ये आश्चर्य करने वाली बात है कि आज का युवा सच में शादी नहीं करना चाहता. जानते हैं उन्हीं की दी हुई कुछ अजीब वजहें- 1. दिल में कोई और तो जिंदगी में कोई और कैसे?- प्यार में नाकाम रहे लोग अक्सर शादी नहीं करना चाहते. दिल में पहले से ही कोई और है तो फिर लाइफ पार्टनर को दिल में एडजस्ट करना काफी मुश्किल काम है. यही एडजस्टमेंट जीवन भर करने से लगता है डर. 2. शादी पर जबरदस्ती के खर्चे– जब पहली बार हमें सैलरी मिलती है तो हर कोई यही समझाता है कि पैसा कैसे बचाना है, पैसे को समझदारी से कैसे खर्चना है. लेकिन शादी के वक्त लोग इस पर ज़रा भी ध्यान नहीं देते. अपनी मेहनत का पैसा पानी की तरह बहाते हैं. क्या इसी के लिए पैसा बचाते हैं? 3. शादी से पहले डेट, शादी के बाद... गर्लफ्रेंड के साथ बाहर जाते हैं तो वो डेट होती है. पर पत्नी के साथ बाहर जाना अलग बात है. ज्यादातर चुप रहना, दूसरे कंवारे जोड़ों की तरह इंजॉय नहीं कर पाना, डिस्को में क्या जमकर डांस कर सकते हैं? 4. त्योहार मनाए नहीं जाते, बल्कि...शादी से पहले त्योहार मनाने का उत्साह निराला होता है, होली का हुल्लड़, दीवाली की मस्ती. पर शादी के बाद ये त्योहार जिम्मेदारी निभाने और दुगने, तिगुने चौगुने बढ़ चुके रिश्तेदारों को खुश करने का दिन बन जाते हैं. 5. बच्चे पैदा करने के लिए शादी...क्यों? शादी होते ही मां-बाप को दादा दादी बनने का लाइसेंस मिल जाता है. हर आशीर्वाद में वंश बढ़ाने और जल्दी पोते का मुंह दिखाने की बात कही जाती है. अरे, बच्चे चाहिए तो गोद ले लो... शादी के झंझट में क्यों डालते हो? 6. घर जल्दी जाना है... शादी न हो तो कितने भी बजे तक घर से बाहर रह सकते हैं. शादी के बाद घर सिर्फ इसलिए जल्दी जाना कि घर में पति या पत्नी, भूखे होंगे..खाने पर इंतजार कर रहे होंगे...उफ्फ! 7. घर में पार्टी करने की परेशानी- बेचलर लाइफ में हर वीकेंड पार्टी करते हैं, जो देर रात शुरू होती हैं और सुबह तक चलती है. शादी के बाद पार्टी करने के लिए पत्नी से मिन्नतें करना, और सबकुछ जल्दी समेटना... हमसे न हो पाएगा. 8. अपनी चीजें शेयर नहीं करनी होंगी- अक्सर अपनी चीजें भाई बहनों से शेयर करते वक्त कितना झगड़ा होता था, पर शादी के बाद मजबूरन हर चीज़ अपने लाइफ पार्टनर से शेयर करनी होगी, चॉकलेट्स और ड्रिंक्स भी. यहां तक कि खाना भी पार्टनर की च्वाइस को ध्यान में रखकर ऑर्डर करना होगा. इतना एडजस्मेंट! 9. किसी दोस्त से मिलने पर किसी को ईर्ष्या नहीं होगी- शादी से पहले दोस्तों से मिलने पर किसी को कोई परेशानी नहीं होती, पर शादी करते ही लाइफ पार्टनर्स पजेसिव हो जाते हैं. दोस्तों से मिलने जाओ तो हर आधे घंटे में फोन करते हैं. दोस्तों में अगर कोई लड़की है तो फिर पत्नी को समझाने का मुश्किल काम कौन करे? 10. मेरा घर मेरे ही हिसाब से हो- अपनी बेचलर लाइफ में आपका कमरा आपके हिसाब से होता है. कमरे में अपनी पसंद के रंग की दीवारें, अपने पसंदीदा पर्दे, फर्नीचर वगैरह. पर शादी के बाद लाइफ पार्टनर की पसंद का भी ध्यान रखना पड़ता है. और उनकी पसंद अगर आपकी नापसंद है, तो फिर एडजस्टमेंट. 11. जो चाहे पहन सकते हैं- शादी करके अपनी पसंद किनारे कर अपने पति या पत्नी की पसंद से कपड़े पहनने पड़ते हैं. खासकर लड़कियों के लिए शादी के बाद पहनावे को लेकर ज्यादा बंदिशें होती हैं. ऐसे में कंवारे रहो और जो चाहे पहनो, बिना रोक-टोक. 12. ब्रेकअप करना तलाक से ज्यादा आसान है- अगर अपने पार्टनर से खुश नहीं हैं, तो ब्रेकअप करना बहुत आसान होता है. शादी के बाद तलाक देना बडे झंझट का काम है. ढ़ेर सारे लीगल डॉक्यूमेंट्स, वकील की फीस और माता-पिता की इमोशनल बातों में कौन फंसना चाहेगा? तो आपके क्या इरादे हैं? कब कर रहे हैं शादी?? इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |