पैसे कमाने के लिए आजकल क्या पुरुष क्या महिलाएं...हर कोई घर से निकलकर मेहनत कर रहा है. आप सभी ने सुना होगा कि ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिए लोग खूब कमाते हैं. लेकिन अब गृहणियों ने वॉट्सऐप और फेसबुक के जरिए से भी कमाना शुरू कर दिया है. जी हां, कंसल्टिंग फर्म जिनोव की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 20 लाख महिलाएं वाट्सऐप और फेसबुक का इस्तेमाल करके लाइफस्टाइल और क्लोदिंग प्रोडक्ट रीसेल कर रही हैं.
हैदराबाद की पूजा हैं एक परफेक्ट उदाहरण
पूजा सिंह का 10 साल तक हैदराबाद में अपैरल स्टोर चलाती थीं. लेकिन उनको शादी के बाद झारखंड के बोकारो में शिफ्ट होना पड़ा. जिसके कारण उनको स्टोर बंद करना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने झारखंड में कोई स्टोर नहीं खोला. उनको आइडिया आया कि घर में रहकर ही सामान को सेल करें. उन्होंने फिर सोशल मीडिया की मदद ली. वाट्सएप और फेसबुक पर पेज बनाकर उन्होंने सामान की फोटो क्लिक कर अपलोड की. शुरुआत में तो उनकी खास कमाई नहीं हुई. लेकिन धीरे-धीरे उनका ऑनलाइन बिजनेस चल पड़ा. प्रोडक्ट पर वो 15 से 20 % कमा लेती है.
जिनोव की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 20 लाख महिलाएं वाट्सएप और एफबी के इस्तेमाल से लाइफस्टाइल और क्लोदिंग के सामान को बड़ी ही आसानी से रिसेल कर रही हैं. ये महिलाएं इन एप के इस्तेमाल से 580 अरब रुपए का सामान बेच चुकी हैं. अगर ऐसा ही चला तो 2022 तक ये बढ़कर 3870 अरब हो जाएगी.
ऑनलाइन रिसेलर्स में सबसे ज्यादा महिलाएं है वहीं कुछ बेरोजगार पुरुष और कॉलेज स्टूडेंट्स भी जो थोक में माल खरीदकर वाट्सएप-फेसबुक के जरिए बेच रहे हैं. ये जितने में सामान बेचते...
पैसे कमाने के लिए आजकल क्या पुरुष क्या महिलाएं...हर कोई घर से निकलकर मेहनत कर रहा है. आप सभी ने सुना होगा कि ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिए लोग खूब कमाते हैं. लेकिन अब गृहणियों ने वॉट्सऐप और फेसबुक के जरिए से भी कमाना शुरू कर दिया है. जी हां, कंसल्टिंग फर्म जिनोव की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 20 लाख महिलाएं वाट्सऐप और फेसबुक का इस्तेमाल करके लाइफस्टाइल और क्लोदिंग प्रोडक्ट रीसेल कर रही हैं.
हैदराबाद की पूजा हैं एक परफेक्ट उदाहरण
पूजा सिंह का 10 साल तक हैदराबाद में अपैरल स्टोर चलाती थीं. लेकिन उनको शादी के बाद झारखंड के बोकारो में शिफ्ट होना पड़ा. जिसके कारण उनको स्टोर बंद करना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने झारखंड में कोई स्टोर नहीं खोला. उनको आइडिया आया कि घर में रहकर ही सामान को सेल करें. उन्होंने फिर सोशल मीडिया की मदद ली. वाट्सएप और फेसबुक पर पेज बनाकर उन्होंने सामान की फोटो क्लिक कर अपलोड की. शुरुआत में तो उनकी खास कमाई नहीं हुई. लेकिन धीरे-धीरे उनका ऑनलाइन बिजनेस चल पड़ा. प्रोडक्ट पर वो 15 से 20 % कमा लेती है.
जिनोव की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 20 लाख महिलाएं वाट्सएप और एफबी के इस्तेमाल से लाइफस्टाइल और क्लोदिंग के सामान को बड़ी ही आसानी से रिसेल कर रही हैं. ये महिलाएं इन एप के इस्तेमाल से 580 अरब रुपए का सामान बेच चुकी हैं. अगर ऐसा ही चला तो 2022 तक ये बढ़कर 3870 अरब हो जाएगी.
ऑनलाइन रिसेलर्स में सबसे ज्यादा महिलाएं है वहीं कुछ बेरोजगार पुरुष और कॉलेज स्टूडेंट्स भी जो थोक में माल खरीदकर वाट्सएप-फेसबुक के जरिए बेच रहे हैं. ये जितने में सामान बेचते हैं, उस रकम का 15 से 20 प्रतिशत इन्हें कमिशन के रूप में बच जाता है.
यही नहीं, महिलाओं को बिजनेस में मदद करने वाली स्टार्टअप कंपनी मीसो ने कहा है कि अगर महिलाएं ऐसे ही सोशल मीडिया के जरिए बिजनेस करती रहीं तो आने वाले 5 सालों में 40 से 50% मार्केट में महिलाएं बिजनेस करती दिखेंगी.
कुल मिलाकर महिलाओं के लिए ये सबसे बेस्ट ऑप्शन है जो घर बैठे आसानी से कमाया जाए. न दुकान खोलने की जरूरत न ज्यादा मेहनत. सोशल मीडिया पर पेज बनाया, सामान की फोटो डाली और बिजनेस स्टार्ट.
अब दुनिया सोशल मीडिया पर भले ही फिजूल कंटेंट डालकर या शेयर करके समय बर्बाद कर रही हो, लेकिन होशियार लोगों ने तो इससे कमाई का तरीका ढूंढ निकाला है.
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