कई बार समाज की भलाई के लिए सरकारों द्वारा उठाया गया कदम कितना निंदनीय बन सकता है, इसकी बानगी देखनी है तो कराची चलिए, जहां हाल ही में कुत्तों की बढ़ती हुआ आबादी की समस्या से निपटने के लिए 700 से ज्यादा कुत्तों को मौत के घाट उतार दिया गया. इतनी बड़ी संख्या में कुत्तों की हत्या ने न सिर्फ पशु प्रेमियों बल्कि आम लोगों के मन में भी सरकार और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा भर दिया.
कराची में लोग सरकार के इस कदम की कड़े शब्दों में भर्त्सना कर रहे हैं इसे क्रूर कदम बता रहे हैं. कराची में इतनी बड़ी संख्या में कुत्तों को मौत के घाट उतारे जाने के बाद उनकी लाशों की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं. म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के प्रवक्ता सत्तार जावेद ने कहा, 'पिछले दो दिनों में कराची के दक्षिणी इलाके में कम से कम 700 कुत्तों को मारा गया है.'
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कराची म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने कुत्तों की बढ़ती हुई आबादी से निपटने के लिए सैकड़ों कुत्तो को जहर देकर मार दिया है |
कुत्तों को मारने के अथॉरिटीज उन्हें जहर का इस्तेमाल करते हैं. जहर की टैबलेट्स को मांस में छिपाकर कुत्तों को खिलाया जाता है, जिसे खाने के बाद जहर से उनकी मौत हो जाती है. जहर देकर सैकड़ों कुत्तों को मौत के घाट उतारने की घटना की पाकिस्तान में कड़ी निंदा हो रही है.
लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कुत्तों की बढ़ती हुई आबादी से निपटने का उनके पास कोई और...
कई बार समाज की भलाई के लिए सरकारों द्वारा उठाया गया कदम कितना निंदनीय बन सकता है, इसकी बानगी देखनी है तो कराची चलिए, जहां हाल ही में कुत्तों की बढ़ती हुआ आबादी की समस्या से निपटने के लिए 700 से ज्यादा कुत्तों को मौत के घाट उतार दिया गया. इतनी बड़ी संख्या में कुत्तों की हत्या ने न सिर्फ पशु प्रेमियों बल्कि आम लोगों के मन में भी सरकार और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा भर दिया.
कराची में लोग सरकार के इस कदम की कड़े शब्दों में भर्त्सना कर रहे हैं इसे क्रूर कदम बता रहे हैं. कराची में इतनी बड़ी संख्या में कुत्तों को मौत के घाट उतारे जाने के बाद उनकी लाशों की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं. म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के प्रवक्ता सत्तार जावेद ने कहा, 'पिछले दो दिनों में कराची के दक्षिणी इलाके में कम से कम 700 कुत्तों को मारा गया है.'
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कराची म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने कुत्तों की बढ़ती हुई आबादी से निपटने के लिए सैकड़ों कुत्तो को जहर देकर मार दिया है |
कुत्तों को मारने के अथॉरिटीज उन्हें जहर का इस्तेमाल करते हैं. जहर की टैबलेट्स को मांस में छिपाकर कुत्तों को खिलाया जाता है, जिसे खाने के बाद जहर से उनकी मौत हो जाती है. जहर देकर सैकड़ों कुत्तों को मौत के घाट उतारने की घटना की पाकिस्तान में कड़ी निंदा हो रही है.
लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कुत्तों की बढ़ती हुई आबादी से निपटने का उनके पास कोई और रास्ता नहीं है, इसलिए उन्हें लोगों की सुरक्षा के लिए मजबूरी में ये कदम उठाना पड़ता है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष 2 करोड़ की आबादी वाले कराची शहर के जिन्ना हॉस्पिटल में कुत्तों द्वारा काटे हुए 6500 और इस साल अब तक ऐसे 3700 लोगों का इलाज किया गया है. हालांकि अधिकारियों ने जहर देकर मारे गए कुत्तों की संख्या तो नहीं बताई लेकिन उनके अनुमान के मुताबिक अब तक करीब 1 हजार से ज्यादा कुत्तों को मौत के घाट उतारा गया है.
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कुत्तों को जहर देकर मारने के कदम के प्रति स्थानीय लोगों ने कड़ी नाराजगी जताई है |
लेकिन पाकिस्तान के एनिमल राइट्स ऐक्टिविस्ट ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है. लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार के इस कदम को क्रूरतापूर्ण बताते हुए अपना गुस्सा जताया.
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म्युनिसिपल द्वारा इन कुत्तों की हत्या के बाद उनके शवों से कराची की सड़कें पट गईं और इन तस्वीरों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. पाकिस्तान की सरकार भले ही कुत्तों की बढ़ती आबादी के लिए उनकी हत्या को जायज ठहरा रहा हो लेकिन उनकी लाशों से पटी सड़क की तस्वीरों को मानवता कभी हजम नहीं कर पाएगा!
सोशल मीडिया पर लोगों ने कुछ ऐसे जताई नाराजगीः
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