आखिर रिश्ता तोड़ने का सही वक्त कौन सा होता है? क्या इसके बारे में आप कुछ कह सकते हैं? आए दिन लोग अपने किसी ना किसी दोस्त या सहेली को रिश्ते के बारे में समझाइश देते रहते हैं. इस समझाइश को रिलेशनशिप एडवाइस कहा जाता है गुरू. रिलेशनशिप एडवाइस भी ऐसे दी जाती है कि लगता है जैसे जीने मरने का सवाल हो. जिन लोगों ने कभी कोई रिश्ता नहीं बनाया होता वो भी दोस्तों को सलाह दे रहे होते हैं. शायद उनमें से मैं भी एक हूं. ये सब तो ठीक है, लेकिन उनमें से कितने लोग आखिर रिश्ता तोड़ने की सलाह देते हैं और कब?
कई बार ऐसा देखा गया है कि एक एब्यूसिव (अपमानजनक) रिश्ते को लोग खींचते रहते हैं. किसलिए? सिर्फ इसलिए क्योंकि आप कोई रिश्ता तोड़ने से डरते हैं या फिर इसलिए क्योंकि अकेले नहीं रहना चाहते? क्योंकि एब्यूसिव रिश्ते में प्यार तो धीरे-धीरे खत्म होता जाता है. तो कब ये समझ जाना चाहिए कि अब अति हो गई है? कब ये सोच लेना चाहिए कि अब रिश्ता तोड़ना एक सही फैसला होगा.
1. जब पहली बार हाथ उठे
देखिए पहली बार हाथ उठने के बाद भी अगर आप शांत रहेंगी तो यकीनन ये दूसरी बार भी होगा और दूसरी बार इसका असर ज्यादा विभत्स होगा. जब पहली बार हाथ उठे तभी आपको ये सोचना चाहिए कि रिश्ते में गड़बड़ है. इसके बारे में सोचने की जरूरत है. कुछ भी हो, चाहें कितना भी गुस्सा आए हाथ उठाना किसी बात का हल नहीं होता.
2. जब जिंदगी में दखल देने लगें बंदिशें
कई बंदिशें सही होती हैं, ये आपको भी पता होता है, लेकिन अगर कोई ऐसी बंदिश लगाई जाए जिससे आपकी निजी जिंदगी में फर्क पड़ने लगे और आपको उससे परेशानी होने लगे तब आपत्ती जताना सही होता है. किसी का भी कोई बंदिश लगाना सही नहीं होता. अगर कोई इंसान प्यार के कारण खुद को अपनी मर्जी से बदल रहा है तो ठीक, लेकिन कोई जबरन आपको...
आखिर रिश्ता तोड़ने का सही वक्त कौन सा होता है? क्या इसके बारे में आप कुछ कह सकते हैं? आए दिन लोग अपने किसी ना किसी दोस्त या सहेली को रिश्ते के बारे में समझाइश देते रहते हैं. इस समझाइश को रिलेशनशिप एडवाइस कहा जाता है गुरू. रिलेशनशिप एडवाइस भी ऐसे दी जाती है कि लगता है जैसे जीने मरने का सवाल हो. जिन लोगों ने कभी कोई रिश्ता नहीं बनाया होता वो भी दोस्तों को सलाह दे रहे होते हैं. शायद उनमें से मैं भी एक हूं. ये सब तो ठीक है, लेकिन उनमें से कितने लोग आखिर रिश्ता तोड़ने की सलाह देते हैं और कब?
कई बार ऐसा देखा गया है कि एक एब्यूसिव (अपमानजनक) रिश्ते को लोग खींचते रहते हैं. किसलिए? सिर्फ इसलिए क्योंकि आप कोई रिश्ता तोड़ने से डरते हैं या फिर इसलिए क्योंकि अकेले नहीं रहना चाहते? क्योंकि एब्यूसिव रिश्ते में प्यार तो धीरे-धीरे खत्म होता जाता है. तो कब ये समझ जाना चाहिए कि अब अति हो गई है? कब ये सोच लेना चाहिए कि अब रिश्ता तोड़ना एक सही फैसला होगा.
1. जब पहली बार हाथ उठे
देखिए पहली बार हाथ उठने के बाद भी अगर आप शांत रहेंगी तो यकीनन ये दूसरी बार भी होगा और दूसरी बार इसका असर ज्यादा विभत्स होगा. जब पहली बार हाथ उठे तभी आपको ये सोचना चाहिए कि रिश्ते में गड़बड़ है. इसके बारे में सोचने की जरूरत है. कुछ भी हो, चाहें कितना भी गुस्सा आए हाथ उठाना किसी बात का हल नहीं होता.
2. जब जिंदगी में दखल देने लगें बंदिशें
कई बंदिशें सही होती हैं, ये आपको भी पता होता है, लेकिन अगर कोई ऐसी बंदिश लगाई जाए जिससे आपकी निजी जिंदगी में फर्क पड़ने लगे और आपको उससे परेशानी होने लगे तब आपत्ती जताना सही होता है. किसी का भी कोई बंदिश लगाना सही नहीं होता. अगर कोई इंसान प्यार के कारण खुद को अपनी मर्जी से बदल रहा है तो ठीक, लेकिन कोई जबरन आपको बदलने की कोशिश कर रहा है तो ये बंदिश सही नहीं होती है.
3. जब परिवार के खिलाफ कुछ बोला जाए
ये बात खुद मुझपर भी लागू होती है. अगर कोई आपके बारे में कुछ बुरा बोलता है तो एक बार फिर भी सहा जा सकता है, लेकिन अगर बात परिवार पर आती है तो यकीनन कोई कदम उठाना जरूरी हो जाता है. क्या आप किसी ऐसे रिश्ते में खुद को बांधे रखना चाहेंगे जिसमें परिवार की इज्जत ना हो, आपकी इज्जत ना हो? जरा खुद सोचकर देखिए.
4. जब शक रिश्ते को खत्म करने लगे
जब किसी भी रिश्ते में शक आ जाता है तब उस रिश्ते को बचाना मुश्किल हो जाता है. यकीनन हर रिश्ते की बुनियाद भरोसे से होती है. अगर किसी रिश्ते में शक आ रहा है तो ये सही नहीं होगा.
5. जब रिश्ते का असर आप पर बुरा पड़े
देखिए, इस बात को समझना जरूरी है कि रिश्ता आपको खुश कर रहा है या फिर आप पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है तो आपके लिए ये सही नहीं होगा कि उस रिश्ते को जारी रखा जाए. सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, आपको टेंशन होता है, आपके काम में प्रभाव पड़ रहा है तो ऐसे टॉक्सिक रिश्ते से दूर होना ही बेहतर है.
6. जब साथ रहने से कोई खुशी ना मिले
अगर आप पार्टनर से बात करके खुश होने की जगह रोते हैं, हर समय दुखी रहते हैं, रिश्ता टेंशन देता है और हर समय रिश्ते को लेकर दोस्तों की सलाह लेनी पड़ती है तो इस रिश्ते को तोड़ देना ही बेहतर है.
हर रिश्ते के अपने अलग मायने होते हैं और हर कपल अपने अलग नियम बनाता है, लेकिन अगर कोई रिश्ता आपके सम्मान को ठेस पहुंचा रहा है, आपको दुखी कर रहा है तो यकीनन उसे खत्म कर देने में ही भलाई है. लड़का हो या लड़की हर किसी को इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए. जरूरी नहीं कि हर रिश्ते में लड़की ही सही हो. कई बार ऐसा देखा गया है कि लड़के भी सही होते हैं और लड़कियां परेशान कर रही होती हैं. तो मेरी सलाह यही है कि अगर आप रिश्ते से खुश नहीं तो उसे ढोने की जरूरत नहीं.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.