ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए जो तरीका ईरान ने अपनाया है वो अपने आप में अनोखा है. ईरान की सड़कों पर 'wall of kindness' दिखाई दे रही हैं. ये दीवारें हैं जो ईरान के लोगों ने बेघरों और ज़रूरतमंदों को ध्यान में रखकर तैयार की हैं. इन दीवारों पर लोगों ने खूंटियां और हैंगर्स लगाए हैं और सुंदर रंगों से रंगा है. इन हैंगर्स और खूंटियों पर लोग अपने कपड़े टांग जाते हैं, इस उम्मीद पर कि ये कपड़े ठंड में जरूरतमंद लोगों के काम आएंगे.
साथ में लिखा भी गया है कि 'अगर आपको जरूरत नहीं है तो छोड़ जाओ, और जरूरत है तो ले जाओ'.
इन दिनों ईरान ठंड और आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि ईरान में 15,000 लोग बेघर हैं. ऐसे में ये कोट, जैकेट्स, ऊनी कपडे और बाकी जरूरत का सामान दीवारों पर टांगकर लोग न सिर्फ लोगों की मदद कर रहे हैं बल्कि ये बताने की कोशिश भी कर रहे हैं कि वो सब साथ हैं.
ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए जो तरीका ईरान ने अपनाया है वो अपने आप में अनोखा है. ईरान की सड़कों पर 'wall of kindness' दिखाई दे रही हैं. ये दीवारें हैं जो ईरान के लोगों ने बेघरों और ज़रूरतमंदों को ध्यान में रखकर तैयार की हैं. इन दीवारों पर लोगों ने खूंटियां और हैंगर्स लगाए हैं और सुंदर रंगों से रंगा है. इन हैंगर्स और खूंटियों पर लोग अपने कपड़े टांग जाते हैं, इस उम्मीद पर कि ये कपड़े ठंड में जरूरतमंद लोगों के काम आएंगे. साथ में लिखा भी गया है कि 'अगर आपको जरूरत नहीं है तो छोड़ जाओ, और जरूरत है तो ले जाओ'. इन दिनों ईरान ठंड और आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि ईरान में 15,000 लोग बेघर हैं. ऐसे में ये कोट, जैकेट्स, ऊनी कपडे और बाकी जरूरत का सामान दीवारों पर टांगकर लोग न सिर्फ लोगों की मदद कर रहे हैं बल्कि ये बताने की कोशिश भी कर रहे हैं कि वो सब साथ हैं. लोगों की मदद करने के लिए शुरू किया गया ये काम ईरान के मशहद से शुरू हुआ. और देखते देखते पूरे ईरान में ऐसी दीवारों की संख्या बढ़ने लगी. 'wall of kindness' की शुरूआत करने वाला शख्स इस काम को नाम कमाने के लिए नहीं कर रहा. वो सामने नहीं आना चाहता, गुमनाम रहना चाहता है. बेघरों की मदद करना ही उसका मकसद है. इससे पहले ईरान में लोगों को खाना खिलाने के लिए सड़कों पर फ्रिज भी रखे गए थे. इस तरह की मदद काबिले तारीफ है, जिससे सबको सीख लेनी चाहिए. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |